अयोध्या में श्रीराम मंदिर का भूमि पूजनः पहला हक तो लालकृष्ण आडवाणी का ही बनता है!

By प्रदीप द्विवेदी | Published: July 23, 2020 03:13 PM2020-07-23T15:13:15+5:302020-07-23T15:13:15+5:30

सोमनाथ से रथयात्रा निकाली थी, जिसने धार्मिक जागरण का कार्य तो किया ही, इस यात्रा के दौरान बीजेपी को भी पूरे देश में नया और प्रभावी जनाधार मिला, जिसके दम पर आज बीजेपी केन्द्र की सत्ता में है. हालांकि, वर्ष 2014 के बाद बीजेपी का केन्द्रीय नेतृत्व मोदी-शाह के पास आ गया,

uttar pradesh lucknow Bhoomi Poojan Shri Ram Temple Ayodhya LK Advani bjp pm modi | अयोध्या में श्रीराम मंदिर का भूमि पूजनः पहला हक तो लालकृष्ण आडवाणी का ही बनता है!

लालकृष्ण आडवाणी को उनके हक का पूरा सम्मान मिलता है या फिर उनके साथ पहले की तरह केवल सियासी रस्म ही अदा की जाती है? (file photo)

Highlightsबदले सियासी समीकरण की वजह से लालकृष्ण आडवाणी सक्रिय राजनीति से दूर कर दिए गए.खबर है कि श्रीराम मंदिर भूमि पूजन के मौके पर ट्रस्ट की ओर से आडवाणी को भी निमंत्रण दिया जाएगा. विवादित ढांचा विध्वंस मामले में लालकृष्ण आडवाणी की 24 जुलाई 2020 को सीबीआई की विशेष अदालत में पेशी होनी है.

जयपुरः आगामी 5 अगस्त 2020 को अयोध्या में श्रीराम मंदिर का भूमि पूजन होना है. श्रीराम मंदिर आंदोलन पर नजर डालें, तो प्रथम पूजन का हक तो लालकृष्ण आडवाणी का ही बनता है.

कारण? उन्होंने श्रीराम मंदिर आंदोलन का नेतृत्व तो किया ही, इस दौरान एक ऐसा कार्य हो गया- विवादास्पद ढांचा ढह गया, जो यदि नहीं होता तो अदालत के लिए श्रीराम मंदिर निर्माण का फैसला करना भी उतना आसान नहीं होता. उल्लेखनीय है कि लालकृष्ण आडवाणी ने ही श्रीराम मंदिर आंदोलन का नेतृत्व किया था.

उन्होंने सोमनाथ से रथयात्रा निकाली थी, जिसने धार्मिक जागरण का कार्य तो किया ही, इस यात्रा के दौरान बीजेपी को भी पूरे देश में नया और प्रभावी जनाधार मिला, जिसके दम पर आज बीजेपी केन्द्र की सत्ता में है. हालांकि, वर्ष 2014 के बाद बीजेपी का केन्द्रीय नेतृत्व मोदी-शाह के पास आ गया और बदले सियासी समीकरण की वजह से लालकृष्ण आडवाणी सक्रिय राजनीति से दूर कर दिए गए.

खबर है कि श्रीराम मंदिर भूमि पूजन के मौके पर ट्रस्ट की ओर से आडवाणी को भी निमंत्रण दिया जाएगा. उधर, विवादित ढांचा विध्वंस मामले में लालकृष्ण आडवाणी की 24 जुलाई 2020 को सीबीआई की विशेष अदालत में पेशी होनी है. वे वीडियो कांफ्रेंसिंग से अपना बयान दर्ज कराएंगे.

इस सुनवाई से पहले गृहमंत्री अमित शाह ने बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी से मुलाकात की और खबरों पर भरोसा करें तो इस दौरान दोनों नेताओं के बीच श्रीराम मंदिर भूमि पूजन सहित विभिन्न विषयों पर लगभग आधे घंटे तक बातचीत हुई. देखना दिलचस्प होगा कि श्रीराम मंदिर आंदोलन के नेता लालकृष्ण आडवाणी को उनके हक का पूरा सम्मान मिलता है या फिर उनके साथ पहले की तरह केवल सियासी रस्म ही अदा की जाती है?

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