Uttar pradesh ki khabar: मायावती बोलीं- केंद्र ने जो कदम उठाए है वह ईमानदारी से लागू हो, प्रवासी कामगार पर फोकस किया जाए
By भाषा | Published: May 14, 2020 03:47 PM2020-05-14T15:47:51+5:302020-05-14T15:47:51+5:30
बहुजन समाज पार्टी अध्यक्ष मायावती ने कहा कि गरीब प्रवासी मजदूर पर केंद्र और राज्य सरकार फोकस करे। प्रवासी मजदूरों के लिए जो 1,000 करोड़ रुपये मदद की घोषणा की गई है, वह यूपी जैसे अति-प्रभावित राज्यों को सीधे मिलनी चाहिए।
लखनऊः बसपा सुप्रीमो मायावती ने बृहस्पतिवार को कहा कि अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए केन्द्र की ओर से उठाये गये कदम जमीन पर ईमानदारी से लागू करने की कोशिश होनी चाहिए।
मायावती ने ट्वीट किया, ''अभूतपूर्व कोरोना लॉकडाउन के कारण देश की चरमराई स्थिति, अव्यवस्था व ध्वस्त अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए केन्द्र ने जो भी कदम उठाए हैं उसपर विश्वास करते हुए बसपा का यही कहना है कि इसको जमीन पर ईमानदारी से लागू करने की जी-जान से कोशिश तत्काल शुरू कर देनी चाहिए।''
उन्होंने कहा, ''साथ ही, लाचार एवं मजलूम करोड़ों प्रवासी मजदूरों के लिए जो 1,000 करोड़ रुपये मदद की घोषणा की गई है, वह यूपी जैसे अति-प्रभावित राज्यों को सीधे मिलनी चाहिए .... ।'' मायावती ने कहा, ''.... ताकि यह उनके लिए अपने पाँव पर खड़े होने का वास्तविक सहारा बन सके व गरीबों एवं मजदूरों को आगे पलायन करने हेतु विवश न होना पड़े।''
2. साथ ही, लाचार/मजलूम करोड़ों प्रवासी मजदूरों के लिए जो 1,000 करोड़ रु की घोषणा की गई है वह यूपी जैसे अति-प्रभावित राज्यों को सीधे मिलनी चाहिए ताकि यह उन्हें उनके अपने पाँव पर खड़े होने का वास्तविक सहारा बन सके व गरीबों/मजदूरों को आगे पलायन करने हेतु विवश न होना पड़े। 2/2
— Mayawati (@Mayawati) May 14, 2020
प्रवासी मजदूरों की घर वापसी के लिये बेहतर व्यवस्था करे केंद्र एवं प्रदेश सरकार :मायावती
मायावती ने कहा कि केंद्र एवं राज्य सरकारें प्रदेश के प्रवासी मजदूरों की घर वापसी के लिये बेहतर व्यवस्था करें। उन्होंने कहा कि एक तरफ तो कोचिंग में पढ़ने वाले अमीरों के छात्रों के लिये विशेष बसें और विदेशों में फंसे अमीर लोगों के लिये विशेष विमान भेजे जा रहे हैं, दूसरी तरफ गरीब मजदूर पैदल ही अपने घर वापस आ रहे हैं।
मायावती ने कहा, ‘‘इस बीमारी के दौरान जो सबसे ज्यादा दुखी नजर आ रहे हैं, वे गरीब मजदूर हैं। वे अपनी रोजी रोटी के लिये अपने घर छोड़कर दूसरे प्रदेशों में गये हुये थे। प्रवासी मजदूर बहुत ज्यादा दुखी नजर आ रहे हैं और साथ केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार जो बर्ताव कर रही है वह बहुत गलत है। सरकार ने इन लोगों के भोजन की भी उचित व्यवस्था नहीं की है, जिसकी वजह से ये भूख से तड़प रहे हैं।''
उन्होंने कहा, ''आज महाराष्ट्र के पास कई प्रवासी मजदूर हादसे में मारे गये। यह केंद्र और राज्य सरकार की लापरवाही और असंवेदनशीलता का नतीजा है । सरकारों को इन मजदूरों के परिजनों को आर्थिक मदद देनी चाहिए और उनके परिवार के किसी सदस्य को नौकरी दी जानी चाहिए ।''
उन्होंने कहा, ''प्रवासी मजदूरों को रेल और बस से उनके घर पहुंचाना चाहिए । एक तरफ तो सरकार भूखे और लाचार लाखों प्रवासी मजदूरों से घोर अमानवीय व्यवहार करते हुये उनसे किराया भाड़ा वसूल कर रही है, लेकिन दूसरी तरफ अमीरों के लिये दयावान बनी हुई है। अमीरों के जो बच्चे कोचिंग सेंटर में पढ़ रहे थे, उनके लिये सरकार बसों का प्रबंध कर रही है और विदेशों में फंसे लोगों के लिये हवाई जहाज भी भेज रही है लेकिन गरीब मजदूरों के लिये कोई व्यवस्था नहीं कर रही।''