लॉकडाउन में श्रमिकों के पलायन के मुद्दे पर बिहार सरकार हुई एक्सपोज, विधानसभा चुनाव में होगा ये मुख्य मुद्दा: उपेंद्र कुशवाहा

By मनाली रस्तोगी | Published: May 26, 2020 10:31 AM2020-05-26T10:31:47+5:302020-05-26T10:31:47+5:30

कोरोना वायरस (Coronavirus) के कारण लागू हुए देशव्यापी लॉकडाउन के बीच राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने नीतीश कुमार सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि अगर बिहार सरकार प्रवासियों के पलायन पर अपने रुख को लेकर एक्सपोस हो चुकी है, जिसके कारण बिहार में आने वाले विधानसभा चुनाव का मुख्य मुद्दा लॉकडाउन के बीच श्रमिकों का पलायन करना ही होगा।

Upendra Kushwaha says migration during Coronavirus Lockdown to be theme of next Bihar polls | लॉकडाउन में श्रमिकों के पलायन के मुद्दे पर बिहार सरकार हुई एक्सपोज, विधानसभा चुनाव में होगा ये मुख्य मुद्दा: उपेंद्र कुशवाहा

लॉकडाउन में श्रमिकों के पलायन के मुद्दे पर बिहार सरकार हुई एक्सपोज: उपेंद्र कुशवाहा (फाइल फोटो)

Highlightsउपेंद्र कुशवाहा ने सीएम नीतीश कुमार पर लगाया आरोप, कहा- प्रवासियों को लौटने की अनिच्छा से अनुमति दे रहे हैंउपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि लॉकडाउन में लगी पाबंदियों की वजह से विपक्ष बिहार सरकार के फैसलों का विरोध नहीं कर पाया

पटना: कोरोना वायरस (Coronavirus) के बढ़ते प्रकोप के बीच कामगारों और श्रमिकों की बदहाल स्थिति को लेकर राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान बिहार सरकार कामगारों और श्रमिकों के पलायन पर अपने रुख को लेकर एक्सपोज हो चुकी है। ऐसे में बिहार सरकार का यही रुख व लॉकडाउन के बीच श्रमिकों की हालत बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव का मुख्य मुद्दा होगा। 

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, कुशवाहा ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राज्य में लौट रहे प्रवासियों को अनिच्छा से अनुमति दे रहे थे। ऐसे में कुशवाहा ने राज्य सरकार को यह सुझाव दिया कि इसके बदले वो प्रवासियों को 10,000 रुपये देकर वापस रहने का विकल्प पेश कर सकती थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

उन्होंने ये भी बताया कि प्रवासियों को दूसरे राज्य से लाकर क्वारंटाइन सेंटर में रखा जा रहा है। ऐसे में उनकी ट्रेन यात्रा से लेकर क्वारंटाइन सेंटर तक करीब 10,000 रुपये खर्च होते हैं। इसलिए अगर यह रकम सीधे प्रवासी को उसके खर्चे के लिए दी जाती तो वो वहां रहकर अपना खर्चे पूरा कर सकते थे। कुशवाहा ने साथ ही कहा कि कुछ राज्यों के मुख्यमंत्रियों द्वारा प्रवासियों को वापस बुलाने के बाद बिहार के मुख्यमंत्री भी दबाव में आ गए। जिस तरह से वह प्रवासियों के मुद्दे से निपट रहे हैं, वह बिल्कुल संतोषजनक नहीं है।

प्रवासियों के लिए क्वारंटाइन सेंटर बस एक स्थान है, जहां सामाजिक दूरी का पालन नहीं किया जा रहा है। इसके अलावा कुशवाहा ने कहा कि लॉकडाउन में लगी पाबंदियों की वजह से विपक्ष सरकार के फैसलों का विरोध नहीं कर पाया।  वहीं, पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा के बयान के बाद बिहार के सूचना और जनसंपर्क मंत्री और जद (यू) के प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा, 'हमने प्रवासियों से बातचीत की, जिसमें पाया कि वो लॉकडाउन के दौरान अपने परिवार से मिलना चाहते थे, जिसकी वजह से वो अपने घर आना चाह रहे थे। बिहार सरकार लोगों की देखभाल करने वाली सरकार है, केवल इसलिए ही प्रवासी वापस आना चाहते थे क्योंकि उन्हें सरकार पर भरोसा है।' 

Web Title: Upendra Kushwaha says migration during Coronavirus Lockdown to be theme of next Bihar polls

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