उपेंद्र कुशवाहा ने नीतीश सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा, इन मांगो को लेकर करेंगे भूख हड़ताल
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: December 8, 2018 03:51 PM2018-12-08T15:51:13+5:302018-12-08T16:17:21+5:30
एनडीए में नाराज चल रहे उपेंद्र कुशवाहा रविवार को नवादा में उपवास में बैठेंगे। उन्होंने अपने शिक्षा सुधार अभियान का बिहार में मुख्यमंत्री को अवरोधक बताया है।
एनडीए से अलग होने की अटकलों के बीच रालोसपा प्रमुख व केन्द्रीय राज्यमंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने नीतीश सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। शिक्षा के मुद्दे पर उन्होंने एक बार फिर से बिहार सरकार पर हमला किया। उपेंद्र कुशवाहा बिहार सरकार की शिक्षा नीति को लेकर आज से दो दिवसीय उपवास पर बैठ गये हैं। उन्होंने अपने शिक्षा सुधार अभियान का बिहार में मुख्यमंत्री को अवरोधक बताया है।
वहीं, पार्टी ने ट्वीट ने राज्य सरकार को हठी करार देते हुए जनता से औरंगाबाद जिले के गोह प्रखंड के देवकुंड आने की अपील की है। उन्होंने ट्वीट कर कहा है कि एक तरफ बिहार की वर्तमान शिक्षा व्यवस्था में सरकारी विद्यालय की कक्षा का वर्गीकरण जातिगत है और दूसरी तरफ केंद्रीय विद्यालय के लिए जमीन हस्तांतरण की मनाही! क्या यही शैक्षणिक विकास का पैमाना है? आखिर कैसे पढेगा, कैसे बढेगा बिहार? उपेंद्र कुशवाहा बिहार में नए केंद्रीय विद्यालयों की स्थापना में सहयोग न देने के विरोध में आठ और नौ दिसंबर को उपवास करेंगे।
केंद्रीय मानव संसाधन राज्य मंत्री ने शिक्षा सुधार के मुद्दे पर बिहार सरकार को खुली बहस की चुनौती भी दी है। इससे पहले कुशवाहा ये बोल चुके हैं कि अगर उनकी 25 सूत्रीय मांगों को राज्य सरकार मान लेती है तो वे किसी भी अपमान को भूलने के लिए तैयार हैं। यहां बता दें कि रालोसपा प्रमुख ने नीतीश सरकार पर केंद्रीय विद्यालयों के लिए जमीन उपलब्ध नहीं कराने का आरोप लगाया है। कुशवाहा ने ऐलान किया था कि सात दिसंबर तक सरकार ने जमीन हस्तांतरण की घोषणा नहीं की तो वह आठ दिसंबर को औरंगाबाद और नौ दिसंबर को नवादा में उपवास पर बैठेंगे।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, एनडीए में नाराज चल रहे उपेंद्र कुशवाहा रविवार को नवादा में उपवास में बैठेंगे। उन्होंने अपने शिक्षा सुधार अभियान का बिहार में मुख्यमंत्री को अवरोधक बताया है। केंद्रीय मंत्री ने बिहार में शिक्षा सुधार को लेकर कहा था कि शिक्षा सुधार को लेकर बिहार सरकार मेरी मांग मान ले, तो सीट शेयरिंग और 'नीच' वाले बयान को भी जनहित में भूलने को तैयार हैं। उन्होंने नीतीश सरकार पर आरोप लगाया कि केंद्रीय विद्यालय के लिए मात्र दो प्रस्ताव दिये गये।
औरंगाबाद और नवादा के लिए केंद्र को भेजे गये प्रस्ताव के बावजूद बिहार सरकार ने जमीन उपलब्ध नहीं कराई। उन्होंने बिहार सरकार को अपनी 25 सूत्री मांगों को लेकर कहा था कि सात दिसंबर तक सरकार ने जमीन हस्तांतरण की घोषणा नहीं की, तो वह आठ को औरंगाबाद जिले के गोह प्रखंड स्थित देव में आठ दिसंबर को उपवास पर बैठेंगे। उल्लेखनीय है कि इससे पहले केंद्रीय मंत्री कुशवाहा ने गुरुवार को मोतिहारी में पार्टी के खुले अधिवेशन में भाजपा और बिहार के मुख्यमंत्री पर जमकर निशाना साधा था।
वे 10 दिसंबर को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात करने वाले हैं। उम्मीद की जा रही है कि एनडीए में तवज्जो नहीं मिलने से कुशवाहा एनडीए छोडने पर फैसला ले सकते हैं। हालांकि अब खबर है कि 10 दिसंबर को एनडीए की होने वाली बैठक में भी भाग लेने जाने वाले हैं। लेकिन उनकी अगली रणनीति क्या होगी? इसपर अब सबकी निगाहें टिकी हुई है।