उत्तर प्रदेश पंचायत चुनावः आरक्षण नीति जारी, रोटेशन सिस्टम लागू, जानें सबकुछ
By सतीश कुमार सिंह | Published: February 12, 2021 04:19 PM2021-02-12T16:19:35+5:302021-02-12T19:19:06+5:30
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 30 अप्रैल को उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव कराने की समय सीमा निर्धारित की है। प्रदेश के 826 विकास खण्डों और 58194 ग्राम पंचायतों का गठन किया जा चुका है।
Uttar Pradesh Panchayat Election 2021: इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाले उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल ने यूपी पंचायती राज (आरक्षण और सीटें और कार्यालयों का आवंटन) (ग्यारहवां संशोधन) नियम, 2021 को मंजूरी दे दी।
यूपी में 826 विकास खंड, 7,31,813 वार्डों के साथ 58,194 ग्राम सभाएं, क्षेत्र पंचायतों में 75,855 वार्ड और 75 जिला पंचायतों में 30,051 वार्ड हैं। कैबिनेट ने पूर्ववर्ती अखिलेश यादव के नेतृत्व वाले सरकार के 2015 के आरक्षण को रद्द कर दिया गया। पिछली ग्राम पंचायतों का कार्यकाल 25 दिसंबर, 2020 को समाप्त हो गया था।
उत्तर प्रदेश शासन ने शुक्रवार को प्रदेश की त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की अनंतिम आरक्षण सूची जारी कर दी। शासन ने इस प्रस्तावित सूची पर आठ मार्च तक आपत्तियां मांगी हैं। अंतिम सूची का प्रकाशन 13 एवं 14 मार्च, 2021 को किया जाएगा।
छह महिला समेत कुल 16 सीटें आरक्षित
अपर मुख्य सचिव पंचायती राज मनोज कुमार सिंह ने शुक्रवार को पत्रकारों को प्रदेश के 75 जिलों में जिला पंचायत अध्यक्ष, 826 विकास खंडों में प्रमुख क्षेत्र पंचायत और 58,194 ग्राम पंचायतों में ग्राम प्रधानों के चुनाव के लिए अनुसूचित जाति, पिछड़ा संवर्ग और महिला के अलावा सामान्य वर्ग के लिए निर्धारित कोटे की सूची जारी की।
सिंह के मुताबिक प्रदेश में जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए अनुसूचित जाति संवर्ग में छह महिला समेत कुल 16 सीटें आरक्षित की गई हैं। अन्य पिछड़ा वर्ग में सात महिला समेत कुल 20 सीटें आरक्षित की गई हैं जबकि महिलाओं के लिए 12 सीटों के अलावा 27 अन्य सीटें अनारक्षित की गई हैं। जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए सभी वर्गों की मिलाकर महिलाओं के लिए कुल 25 सीटें आरक्षित की गई हैं।
अन्य पिछड़ा वर्ग की महिलाओं के लिए आरक्षित
अपर मुख्य सचिव द्वारा जारी सूची के मुताबिक शामली, बागपत, लखनऊ, कौशांबी, सीतापुर और हरदोई जिला पंचायत अध्यक्ष पद अनुसूचित जाति की महिलाओं के लिए आरक्षित किया गया है। कानपुर नगर, औरैया, चित्रकूट, महोबा, झांसी, जालौन, बाराबंकी, लखीमपुर खीरी, रायबरेली और मिर्जापुर जिला पंचायत अध्यक्ष पद अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित किया गया है। इसके अलावा संभल, हापुड़, एटा, बरेली, कुशीनगर, वाराणसी और बदायूं जिला पंचायत अध्यक्ष पद अन्य पिछड़ा वर्ग की महिलाओं के लिए आरक्षित किया है।
जबकि आजमगढ़, बलिया, इटावा, फर्रुखाबाद, बांदा, ललितपुर, आंबेडकर नगर, पीलीभीत, बस्ती, संतकबीरनगर, चंदौली, सहारनपुर और मुजफ्फरनगर जिला पंचायत अध्यक्ष पद अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित किया गया है। जारी सूची के अनुसार कासगंज, फिरोजाबाद, मैनपुरी, मऊ, प्रतापगढ़, कन्नौज, हमीरपुर, बहराइच, अमेठी, गाजीपुर, जौनपुर और सोनभद्र जिला पंचायत अध्यक्ष पद महिलाओं के लिए आरक्षित किया गया है।
भदोही जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए अनारक्षित
अलीगढ़, हाथरस, आगरा, मथुरा, प्रयागराज, फतेहपुर, कानपुर देहात, गोरखपुर, देवरिया, महाराजगंज, गोंडा, बलरामपुर, श्रावस्ती, अयोध्या, सुल्तानपुर, शाहजहांपुर, सिद्धार्थ नगर, मुरादाबाद, बिजनौर, रामपुर, अमरोहा, मेरठ, बुलंदशहर, गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर, उन्नाव और भदोही जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए अनारक्षित किया गया है।
सूची के मुताबिक ब्लॉक प्रमुखों के लिए कुल 826 सीटों में अनुसूचित जनजाति की महिलाओं के लिए चार सीटों समेत इस संवर्ग के लिए कुल पांच सीटें आरक्षित की गई है जबकि अनुसूचित जाति की महिलाओं के लिए 86 सीटों समेत इस संवर्ग के लिए कुल 171 सीटें आरक्षित की गई हैं।
इसी तरह ब्लॉक प्रमुख की अन्य पिछड़ा वर्ग में महिलाओं के लिए 97 सीटों समेत इस संवर्ग में कुल 223 सीटें आरक्षित की गई हैं। प्रदेश में 113 सीटें महिलाओं के लिए और 314 सीटें अनारक्षित हैं। सिंह के अनुसार प्रदेश में 58,194 ग्राम पंचायतों में से ग्राम प्रधान की 19,659 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित की गई हैं।
त्रिस्तरीय पंचायत के लिए नयी आरक्षण नीति जारी
उत्तर प्रदेश सरकार ने त्रिस्तरीय पंचायत के लिए नयी आरक्षण नीति जारी कर दी। नई नीति के तहत पंचायत चुनाव में रोटेशन आरक्षण लागू किया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने इसकी जानकारी दी। पंचायती राज विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने बताया कि सरकार ने नई नीति के तहत पंचायत चुनाव में रोटेशन आरक्षण व्यवस्था को लागू किया है और आरक्षण नीति में 1995 से 2015 में हुए आरक्षण को संज्ञान में रखा गया है।
सहकारी बैंक के बकाएदारों को पंचायत चुनाव लड़ने की अनुमति नहीं
उत्तर प्रदेश सरकार ने सहकारी बैंक के बकाएदारों को पंचायत चुनाव लड़ने की अनुमति नहीं देने का फैसला किया है। यदि कोई व्यक्ति चुनाव लड़ना चाहता है, तो उसे पहले सहकारी समिति और जिला सहकारी बैंक से लिया गया ऋण चुकाना होगा और उसके बाद कोई बकाया प्रमाणपत्र नहीं देना होगा। सहकारिता विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव द्वारा इस संबंध में निर्देश पहले ही जारी किए जा चुके हैं
उन्होंने बताया कि अनुसूचित जाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और महिला क्रम में पिछले चुनावों को देखते हुए आरक्षण लागू किया जाएगा और जो पद पहले कभी आरक्षित नहीं हुए, उनको वरीयता दी जाएगी। चुनाव में शैक्षणिक योग्यता आड़े नहीं आयेगी। सिंह ने बताया कि 826 विकास खण्डों में जिलेवार किस श्रेणी में आरक्षण होगा, यह राज्य स्तर पर जारी किया जाएगा।
जिला पंचायतों की आरक्षण प्रक्रिया भी राज्य स्तर पर जारी होगी
साथ ही जिला पंचायतों की आरक्षण प्रक्रिया भी राज्य स्तर पर जारी होगी। आगामी दो से तीन मार्च के बीच प्रधानों, ग्राम पंचायत, क्षेत्र तथा जिला पंचायत के आरक्षित प्रादेशिक आरक्षण निर्वाचन क्षेत्र के आवंटन की प्रस्तावित सूची का जिलाधिकारी द्वारा प्रकाशन किया जाएगा। इसके बाद चार मार्च से लेकर आठ मार्च तक लिखित आपत्ति दर्ज कराई जा सकती है।
फिर 10 से 12 मार्च के बीच आई हुई आपत्तियों का निस्तारण करते हुए अंतिम सूची तैयार की जाएगी। अपर मुख्य सचिव ने बताया कि जिला पंचायत अध्यक्ष एवं वार्ड सदस्यों, क्षेत्र पंचायत सदस्यों, ग्राम प्रधानों एवं उनके सदस्यों की सीटों का निर्धारण किया जा चुका है। पंचायत चुनाव में 2015 में जो आरक्षण की स्थिति थी, वह इस चुनाव में नहीं होगी।
जो पद अनुसूचित जाति या फिर अनुसूचित जातियों की महिलाओं के लिए हैं, वे इस बार अनारक्षित तथा अन्य पिछड़ा वर्ग के हो सकते हैं। उन्होंने बताया कि अब तक अनारक्षित रहा जिला पंचायत अध्यक्ष का कोई पद अब आरक्षित हो सकता है। इसी तरह कोई ऐसा पद जो अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित नहीं हुआ है, वह इस वर्ग के लिए आरक्षित होगा। सिंह ने बताया कि प्रदेश के 826 विकास खण्डों और 58194 ग्राम पंचायतों का गठन किया जा चुका है।