बुलंदशहर में साधुओं की हत्या पर शिवसेना ने उठाए सवाल तो सीएम योगी ने दिया जवाब, कहा- 'महाराष्ट्र संभालें, यूपी की चिंता ना करें'
By पल्लवी कुमारी | Published: April 29, 2020 08:05 AM2020-04-29T08:05:50+5:302020-04-29T08:05:50+5:30
उत्तर प्रदेश के जिला बुलंदशहर के अनूपशहर क्षेत्र स्थित एक शिवमंदिर में मंगलवार (28 अप्रैल) तड़के दो साधुओं की हत्या कर दी गई। शिवसेना को योगी आदित्यनाथ के जवाब देने के बाद से ट्विटर पर कई घंटों तक #योगी_हैं_तो_न्याय_है ट्रेंड में था।
लखनऊ: महाराष्ट्र के पालघर के बाद उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में हुई साधुओं की हत्या के मामले पर अब राजनीति शुरू हो गई है। शिवसेना ने बुलंदशहर में हुई साधुओं की हत्या पर सवाल उठाया। जिसका यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने जवाब देते हुए कहा है आप महाराष्ट्र संभालें, यूपी की चिंता ना करें। सीएम योगी ने यह भी बताया है कि आखिर पालघर में हुई मॉब लिचिंग पर उन्होंने महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे को क्यों फोन किया था। उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर के अनूपशहर क्षेत्र में स्थित एक शिव मंदिर में मंगलवार को तड़के दो साधुओं की लाठी से प्रहार कर हत्या कर दी गई थी। पालघर मॉब लिंचिंग केस में 16 अप्रैल 2020 की रात दो साधु और एक ड्राइवर की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे सीएम योगी को किया फोन
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने योगी आदित्यनाथ को फोन कर साधुओं की हत्या पर चिंता व्यक्त की। योगी ने भी कुछ दिन पहले महाराष्ट्र के पालघर में दो साधुओं की पीट-पीटकर हुई हत्या के मामले में ठाकरे को फोन किया था शिवसेना के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने एक ट्वीट में बताया "बुलंदशहर के मंदिर में दो साधु-संतों की हत्या मामले में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने योगी आदित्यनाथ से फोन पर चर्चा की। राउत के मुताबिक ठाकरे ने साधुओं की हत्या को लेकर चिंता व्यक्त की और कहा कि ऐसी अमानवीय घटना घटती है तब राजनीति न करके हमें एक साथ काम करते हुए अपराधियों को दंडित करवाना चाहिए।
बुलंदशहर के मंदिर में दो साधु-संतों की हत्या मामले में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने योगी आदित्यनाथ से फोन पर चर्चा की। उन्होंने साधुओं की हत्या को लेकर चिंता व्यक्त की। ऐसी अमानवीय घटना घटती है तब राजनीति न करके हमें एक साथ काम करते हुए अपराधियों को दंडित करवाना चाहिए :उद्धव ठाकरे
— Sanjay Raut (@rautsanjay61) April 28, 2020
सीएम योगी ने शिवसेना को दिया जवाब
शिवसेना के राज्यसभा सांसद संजय राउत को टैग करते हुए सीएम योगी के ऑफिस की ओर से लिखा गया,'संजय राउत जी, संतो की बर्बर हत्या पर चिंता करना राजनीति लगती है? उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री जी ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री जी को फोन किया क्योंकि पालघर के साधु निर्मोही अखाड़ा से संबंधित थे। सोचिये, राजनीति कौन कर रहा है?'
एक अन्य ट्वीट में सीएम योगी की ओर लिखा गया, CM योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में यूपी में कानून का राज है। यहां कानून तोड़ने वालों से सख्ती से निपटा जाता है। बुलंदशहर की घटना में त्वरित कार्रवाई हुई और चंद घंटों के भीतर ही आरोपी को गिरफ्तार किया गया। महाराष्ट्र संभालें, यूपी की चिंता न करें।'
CM श्री @myogiadityanath जी के नेतृत्व में उ.प्र. में काननू का राज है। यहाँ कानून तोड़ने वालों से सख्ती से निपटा जाता है।
— Yogi Adityanath Office (@myogioffice) April 28, 2020
बुलन्दशहर की घटना में त्वरित कार्रवाई हुई और चंद घंटों के भीतर ही आरोपी को गिरफ्तार किया गया।
महाराष्ट्र संभालें,यूपी की चिंता न करें।#योगी_हैं_तो_न्याय_है
इस ट्वीट पर जवाब देते हुए यूपी के मुख्यमंत्री कार्यालय ने अपने ट्वीट में हैशटैग #योगी_हैं_तो_न्याय_है का इस्तेमाल किया था। जो कई घंटों तक ट्रेंड में रहा।
श्री @rautsanjay61 जी,पालघर में हुई संतों की वीभत्स हत्या पर चिंता व्यक्त करने को राजनीति कहने वाली आपकी वैचारिक (कु)दृष्टि को क्या कहा जाए? कुसंस्कारों में 'रक्त स्नान' करती आपकी टिप्पणी,आपके बदले हुए राजनीतिक संस्कारों की परिचायक है। निःसंदेह यही तुष्टिकरण का प्रवेश द्वार है।
— Yogi Adityanath Office (@myogioffice) April 28, 2020
एक अन्य ट्वीट में सीएम योगी ने लिखा, संजय राउत जी,पालघर में हुई संतों की वीभत्स हत्या पर चिंता व्यक्त करने को राजनीति कहने वाली आपकी वैचारिक (कु)दृष्टि को क्या कहा जाए? कुसंस्कारों में 'रक्त स्नान' करती आपकी टिप्पणी,आपके बदले हुए राजनीतिक संस्कारों की परिचायक है। निःसंदेह यही तुष्टिकरण का प्रवेश द्वार है।
जानें बुलंदशहर में साधुओं की हत्या के बारे में क्या कहती है पुलिस जांच रिपोर्ट
बुलंदशहर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार सिंह ने बताया कि अनूपशहर थाना क्षेत्र स्थित फगौना गांव में एक शिव मंदिर में जगदीश (50) और शेर सिंह (52) नामक साधुओं की हत्या कर दी गई। उन्होंने बताया कि गांव का ही रहने वाला मुरारी नामक युवक अक्सर मंदिर आता था और वह नशे का आदी था और करीब दो दिन पहले उसने कथित रूप से इन साधुओं का चिमटा चुरा लिया था। मंगलवार तड़के इसी बात को लेकर उनका मुरारी के साथ झगड़ा हुआ था।
सिंह ने बताया कि मुरारी ने दोनों साधुओं की डंडे से प्रहार कर हत्या कर दी। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के मुताबिक ग्रामीणों की मदद से पकड़े गये हत्यारोपी ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि 27/28 अप्रैल की दरम्यानी रात को वह भांग खाकर मंदिर गया और वहां सो रहे दोनों साधुओं के सिर पर लाठी से वार करके उन्हें मार डाला। हत्या की वजह के बारे में पूछे जाने पर मुरारी ने बताया कि उसकी साधुओं से कोई रंजिश नहीं थी। यह घटना 'भगवान की इच्छा' है।
जानें बुलंदशहर में साधुओं की हत्या की घटना पर किसने क्या कहा?
-संजय राउत ने इस घटना पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा "भयानक! बुलंदशहर, यूपी के एक मंदिर में दो साधुओं की हत्या, लेकिन मैं सभी से अपील करता हूं कि वे इसे सांप्रदायिक न बनाएं, जिस तरह से कुछ लोगों ने पालघर मामले में करने की कोशिश की।"
-सपा और कांग्रेस ने बुलंदशहर में दो साधुओं की हत्या की गहराई से जांच की मांग करते हुए इनका राजनीतिकरण न करने को कहा है। सपा अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मंगलवार को ट्वीट कर कहा ''बुलंदशहर में मंदिर परिसर में दो साधुओं की नृशंस हत्या अति निंदनीय व दुखद है। इस प्रकार की हत्याओं का राजनीतिकरण न करके, इनके पीछे की हिंसक मनोवृत्ति के मूल कारण या आपराधिक कारण की गहरी तलाश करने की आवश्यकता होती है। इसी आधार पर समय रहते न्यायोचित कार्रवाई करनी चाहिए।
-कांग्रेस महासचिव और पार्टी की उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी बुलंदशहर की घटना की निंदा की है। उन्होंने ट्वीट कर कहा ''अप्रैल के पहले 15 दिनों में ही उत्तर प्रदेश में 100 लोगों की हत्या हो गई। तीन दिन पहले एटा में पचौरी परिवार के पांच लोगों के शव संदिग्ध परिस्थितियों में पाए गए। कोई नहीं जानता उनके साथ क्या हुआ। आज बुलंदशहर में एक मंदिर में सो रहे दो साधुओं को बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया गया।'' प्रियंका ने कहा ''..ऐसे जघन्य अपराधों की गहराई से जाँच होनी चाहिए और इस समय किसी को भी इस मामले का राजनीतिकरण नहीं करना चाहिए। निष्पक्ष जाँच करके पूरा सच प्रदेश के समक्ष लाना चाहिए। यह सरकार की ज़िम्मेदारी है।''