UNO रिपोर्ट, भारत की वृद्धि दर वित्त वर्ष 2020-21 में 4.8 प्रतिशत रहने का अनुमान, दुनिया भर में गंभीर आर्थिक परिणाम होंगे
By भाषा | Published: April 9, 2020 03:13 PM2020-04-09T15:13:12+5:302020-04-09T15:13:12+5:30
कोरोना वायरस को लेकर विश्व की अर्थव्यवस्था डावाडोल स्थिति में है। अमेरिका, फ्रांस, ब्रिटेन सहित दुनिया के कई देश में इकोनॉमी बेहाल है। भारत में भी इसका असर देखने को मिल रहा है। संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में इस बात को और बल मिला है।
संयुक्त राष्ट्रः संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि चालू वित्त वर्ष के दौरान भारत की जीडीपी वृद्धि दर घटकर 4.8 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
साथ ही रिपोर्ट में चेतावनी दी गई कि कोविड-19 महामारी के चलते दुनिया भर में गंभीर आर्थिक परिणाम होंगे। संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट ‘एशिया और प्रशांत का आर्थिक और सामाजिक सर्वेक्षण (ईएससीएपी) 2020: संवहनीय अर्थव्यवस्थाओं की ओर’ में कहा गया है कि क्षेत्र में कोविड-19 का दूरगामी आर्थिक और सामाजिक परिणाम हुआ है और सीमापार व्यापार, पर्यटन तथा वित्तीय संबंध सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि मौजूदा वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान भारत की वृद्धि दर घटकर 4.8 प्रतिशत रहने का अनुमान है और वित्त वर्ष 2021-22 के लिए वृद्धि दर 5.1 प्रतिशत रह सकती है। रिपोर्ट में कहा गया है कि ये बेहद प्रारंभिक पूर्वानुमान हैं और 10 मार्च तक उपलब्ध आंकड़ों और सूचनाओं पर आधारित हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि चूंकि कोविड-19 महामारी अभी भी तेजी से बढ़ रही है, इसलिए एशिया और प्रशांत की अर्थव्यवस्थाओं पर इसका नकारात्मक असर बहुत अधिक होने की आशंका है। रिपोर्ट के मुताबिक भारत की आर्थिक वृद्धि के अनुमानों में पहले की तुलना में काफी कमी आई है और बेरोजगारी बढ़ने से भी उपभोक्ता भावनाएं प्रभावित हुई हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत को निर्यात के साथ ही कृषि गतिविधियों संबंधी चुनौतियां का सामना करना पड़ रहा है।