केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा- आरक्षण पर कानून बनाने से पहले राष्ट्रीय सहमति जरूरी
By एस पी सिन्हा | Published: February 8, 2021 08:56 PM2021-02-08T20:56:22+5:302021-02-08T20:56:22+5:30
केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने निजी क्षेत्र में आरक्षण दिये जाने के सवाल पर कहा कि विभिन्न राज्यों की विधानसभाओं में इस पर विमर्श हो रहा है।
पटना,8 फरवरी। केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने निजी क्षेत्र (प्राइवेट सेक्टर) में आरक्षण पर एक सवाल के जवाब में कहा है कि इस पर राष्ट्रीय सहमति जरूरी है। उन्होंने कहा कि देश के विभिन्न राज्यों की विधानसभाओं में इस पर सोचा जा रहा है। विधानसभाओं में इसपर विमर्श हो रहा है। जब सहमति बन जाएगी तो इसे लागू करने में कोई दिक्कत नहीं होगी। वह बिहार विधानसभा के शताब्दी समारोह में बोल रहे थे।
निजी क्षेत्र में आरक्षण से जुडे पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी के एक सवाल का जवाब देते हुए केंद्रीय कानून मंत्री ने कहा कि आजादी के बाद जब देश का संविधान बन रहा था तो बाबा साहेब डा। भीमराव आंबेडकर ने सिर्फ नौकरियों में ही आरक्षण की व्यवस्था नहीं की थी, बल्कि लोकसभा और विधानसभा में भी वंचित समाज के लिए आरक्षण अनिवार्य किया था।
जहां तक निजी क्षेत्रों की बात है तो कई बडी कंपनियों ने इस दिशा में पहल की है। इस संबंध में दलित चेंबर ऑफ कामर्स को भी आगे बढकर प्रयास करना चाहिए। उनके भी कई सदस्यों की कंपनियां करोडों रुपये की हैं। इस दौराअ उन्होंने विधानसभा के सदस्यों को संविधान का सार और कानून बनाने के दायित्व के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि कानून वही बना सकता है जिसे जनता चुनती है।
हम न्यायपालिका का सम्मान करते हैं, लेकिन कई बार ऐसी टिप्पणियां होती हैं, जो विधायिका के अनुकूल नहीं रहती हैं। समारोह में विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा को संविधान की तीन प्रतियां दी गई। इस पर सदस्यों ने भी प्रतियां दिए जाने की मांग की। इस पर सभापति ने आश्वासन दिया कि सभी सदस्यों को विधानसभा की ओर से संविधान की एक-एक प्रति दी जाएगी।