Tipu Sultan: टीपू सुल्तान पर विवाद, एमएलसी के बयान से भाजपा ने खुद को अलग किया, जानिए क्या कहा था

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: August 27, 2020 09:28 PM2020-08-27T21:28:29+5:302020-08-27T21:28:29+5:30

विश्वनाथ को हाल ही में विधान पार्षद नामित किया गया है। पार्टी ने यह भी स्पष्ट किया कि भाजपा टीपू सुल्तान को महान शासक के रूप में न तो स्वीकार करती है और न ही आगे स्वीकार करेगी।

Tipu Sultan Dispute over BJP separates itself from MLC statement | Tipu Sultan: टीपू सुल्तान पर विवाद, एमएलसी के बयान से भाजपा ने खुद को अलग किया, जानिए क्या कहा था

विश्वनाथ ने बुधवार को टीपू सुल्तान को ‘इस भूमि का बेटा’ बताते हुए कहा कि उन्होंने आजादी के लिए अंग्रेजों से लड़ाई लड़ी।

Highlightsपार्टी के प्रवक्ता गणेश कार्निक ने एक बयान में कहा कि टीपू सुल्तान को लेकर एमएलसी की टिप्पणियां निजी (बयान) हैं। भाजपा एकमत रूप से टीपू सुल्तान को ‘ उन्मादी कट्टर’ शासक के रूप मे देखती है और उसके शासन को ‘अन्यायी’ मानती है। उसने इस्लामिक शासन स्थापित करने के लिए कोडुगु जिले में हजारों हिंदूओं और मंगलुरू मे ईसाइयों की हत्याएं की।

बेंगलुरुः भाजपा ने विधानपार्षद ए एच विश्वनाथ की 18वीं शताब्दी के मैसूरू के विवादित शासक टीपू सुल्तान की प्रशंसा वाली टिप्पणी से खुद को अलग कर लिया है।

भाजपा की कर्नाटक इकाई ने बृहस्पतिवार को इसे निजी और व्यक्तिगत तौर पर की गई टिप्पणी करार दिया। विश्वनाथ को हाल ही में विधान पार्षद नामित किया गया है। पार्टी ने यह भी स्पष्ट किया कि भाजपा टीपू सुल्तान को महान शासक के रूप में न तो स्वीकार करती है और न ही आगे स्वीकार करेगी।

पार्टी के प्रवक्ता गणेश कार्निक ने एक बयान में कहा कि टीपू सुल्तान को लेकर एमएलसी की टिप्पणियां निजी (बयान) हैं। पार्टी इनसे खुद को अलग करती है। उन्होंने कहा कि भाजपा एकमत रूप से टीपू सुल्तान को ‘ उन्मादी कट्टर’ शासक के रूप मे देखती है और उसके शासन को ‘अन्यायी’ मानती है। भाजपा के नेता ने कहा कि इतिहास गवाह है कि उसने इस्लामिक शासन स्थापित करने के लिए कोडुगु जिले में हजारों हिंदूओं और मंगलुरू मे ईसाइयों की हत्याएं की।

उन्होंने कहा कि टीपू सुल्तान को तलवार के बल पर धर्मांतरण कराने का शौक था। उसने फारसी को अपने शासन की आधिकारिक भाषा बनाया और वह कन्नड़ के खिलाफ था। उन्होंने कहा कि भाजपा टीपू सुल्तान को न तो महान शासक स्वीकार करती है और न ही करेगी। भाजपा के इस बयान से विपरीत विश्वनाथ ने बुधवार को टीपू सुल्तान को ‘इस भूमि का बेटा’ बताते हुए कहा कि उन्होंने आजादी के लिए अंग्रेजों से लड़ाई लड़ी।

वहीं जब विधानपार्षद से कहा गया कि भाजपा का टीपू को लेकर अलग राय है तो उन्होंने कहा था कि वह अलग मुद्दा है। उन्होंने कहा, ‘ ‘ टीपू सुल्तान का ताल्लुक किसी पार्टी या जाति या धर्म से से नहीं है।’’ वहीं स्कूली पाठ्य पुस्तकों से इस शासक से जुड़े पाठों को हटाने की योजना से जुड़े विवाद पर उन्होंने कहा, ‘‘ यह मामला नहीं है। हमें टीपू सुल्तान के बारे में पढ़ना होगा।’’ कर्नाटक की सत्ता में आते ही भाजपा सरकार ने टीपू सुल्तान की जयंती पर होने वाले सरकारी कार्यक्रम पर रोक लगा दी। भाजपा 2015 से ही इस कार्यक्रम का विरोध करती रही है।

Web Title: Tipu Sultan Dispute over BJP separates itself from MLC statement

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