तेजस्वी यादव ने सरकारी बंगले को 7 स्टार होटल जैसा बनाया, राज्य सरकार कर सकती है कार्रवाई
By एस पी सिन्हा | Published: February 21, 2019 06:42 PM2019-02-21T18:42:54+5:302019-02-21T18:42:54+5:30
सरकारी बंगले में तेजस्वी यादव ने अपने स्वयं के धन का उपयोग किया है या फिर विभाग का पैसा खर्च किया गया है? बंगले पर किए गए खर्च का पूरा ब्यौरा मांगा गया है. अगर कुछ गलत हुआ तो कार्रवाई होगी.
बिहार में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव पर सरकारी बंगले को 7 स्टार होटल जैसा बनाने के मामले में राज्य सरकार उन पर कार्रवाई कर सकती है. बिहार के भवन निर्माण मंत्री माहेश्वर हजारी ने कहा कि विभाग उनके बंगले में हुए खर्च का आकलन कर रहा है. उन्होंने कहा कि 5 वर्षों में मंत्री केवल तीन लाख रुपये खर्च करने के लिए ही है.
बंगले में तेजस्वी यादव ने अपने स्वयं के धन का उपयोग किया है या फिर विभाग का पैसा खर्च किया गया है? बंगले पर किए गए खर्च का पूरा ब्यौरा मांगा गया है. अगर कुछ गलत हुआ तो कार्रवाई होगी.
उन्होंने कहा कि अगर पूर्व उपमुख्यमंत्री के लिखित आदेश में ये पैसा खर्च हुआ होगा तो निश्चित रूप से उन पर कार्रवाई होगी. तेजस्वी यादव को जिस समय 5 देशरत्न मार्ग अलॉट किया गया था, उस समय वो न केवल बिहार के उपमुख्यमंत्री थे बल्कि भवन निर्माण मंत्री के साथ साथ पथ निर्माण मंत्री के पद पर भी आसीन थे.
बताया जाता है कि बिहार में मंत्रियों के अपने आवास में फर्नीचर पर खर्च करने की सीमा उस समय 3 लाख थी, जब तेजस्वी यादव मंत्री थे. लेकिन अब ये बढ कर 6 लाख हो गया है. माहेश्वर हजारी ने कहा कि बंगले में एक पलंग की कीमत ही 6 लाख होगी. बंगले में साजो समान पर करोड का खर्च तो साफ देखा जा सकता हैं.
उन्होंने कहा कि पूरा आकलन होने के बाद जो भी विधि सम्मत कार्रवाई करनी होगी, करेंगे चाहे वो बडे से बडा व्यक्ति क्यों न हो, उस पर भी विधि सम्मत कार्रवाई होगी. यह बंगला अब उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी को आवंटित है. उनका कहना है कि यह बंगला किसी 7 स्टार होटल से कम नहीं है. मुख्यमंत्री निवास और राजभवन से इसकी साजो सज्जा 100 गुणा बेहतर है.
माहेश्वर हजारी ने कहा कि मुझे भी आश्चर्य हो रहा है क्योंकि हम लोग जनता के द्वारा चुने जाते हैं. जनप्रतिनिधि है. जनता की समस्या का समाधान करना हम लोगों का काम रहता है, जो व्यक्ति अपने सुख भोग में इतना डूब जाता है. यह दुर्भाग्य की बात है. उन्होंने कहा कि अभी ये मामला सामने आया है.
ये देखना महत्वपूर्ण होगा कि इसमें कितना पैसा खर्च हुआ हैं. कहां से इतना पैसा लगाया गया. किसके आदेश पर हुआ. अगर विभाग के अधिकारियों के स्तर से खर्च हुआ होगा तो उन्हें दंड मिलेगा और अगर ये सारा खर्च उस समय के भवन निर्माण मंत्री तेजस्वी यादव के लिखित आदेश पर हुआ है तो उन पर भी विधि सम्मत कार्रवाई होगी.
माहेश्वर हजारी ने कहा कि तेजस्वी यादव की वजह से ही पूर्व मुख्यमंत्रियों को आवंटित बंगले भी हाईकोर्ट के आदेश पर छीने गए. उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्रियों में डॉ. जग्गनाथ मिश्रा और सतीश कुमार अभी किसी पद पर नहीं है तो उनका बंगला वापस लिया जायेगा. जबकि पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी अभी विधान परिषद में प्रतिपक्ष की नेता हैं और पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी अभी वरिष्ठ विधायक है तो इस पर अभी विचार होना बाकी है कि उन्हें उसी बंगले में रहने दिया जायेगा या कोई अन्य बंगला उन्हें आवंटित की जाए.