'बिहार के क्वारंटाइन सेंटरों की हो रही है जग हंसाई, आपदा के नाम पर खुलेआम लूट और भ्रष्टाचार, सोई हुई है नीतीश सरकार'
By रामदीप मिश्रा | Published: May 20, 2020 02:38 PM2020-05-20T14:38:40+5:302020-05-20T14:38:40+5:30
तेजस्वी ने कहा कि बाहर से आने वाले हर प्रवासी को क्वारंटाइन भी नहीं करवाया गया। अधिकांश को बिना जांच रास्ते में ही उतार दिया। बचे वो मूलभूत सुविधाओं और लचर सुरक्षा के कारण क्वारंटाइन सेंटरों से ही भाग गए।
पटनाः बिहार में कोरोना वायरस संक्रमण के बुधवार को 60 नए मामले प्रकाश में आने के साथ प्रदेश में कोविड-19 से संक्रमित रोगियों की संख्या बढ़कर 1,579 हो गई है। इस बीच राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के नेता तेजस्वी यादव ने बिहार की नीतीश कुमार सरकार पर हमला बोला है और उन्होंने आरोप लगाया है कि बाहर से आने वाले हर प्रवासी मदूरों को क्वारंटाइन भी नहीं करवाया गया है।
तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर कहा, '15 वर्षों में बिहार का बुनियादी स्वास्थ्य ढांचा ध्वस्त हो चुका है। राज्य में दो महीने बाद भी जांच किट, पीपीई किट और वेंटिलेटर की भारी कमी है। हमने मुख्यमंत्री से भी आग्रह किया था कि हर जिले में कोरोना जांच केंद्र होने चाहिए। प्रत्येक प्रमंडल में कोरोना समर्पित अस्पताल होने चाहिए।'
उन्होंने कहा, 'कई ऐसे वीडियो भी सामने आए कि स्वयं प्रशासन के लोग प्रवासियों को क्वारंटाइन के बजाय चुपचाप सीधे अपने घर जाने को कह रहे हैं। यहां तक कि स्वयंसेवकों और ग्रामीणों के द्वारा प्रवासियों के सीधे अपने घर चले जाने के बारे में सूचित किए जाने के बावजूद अधिकारी इस बात का संज्ञान नहीं ले रहे है।'
तेजस्वी ने कहा, 'बाहर से आने वाले हर प्रवासी को क्वारंटाइन भी नहीं करवाया गया। अधिकांश को बिना जांच रास्ते में ही उतार दिया। बचे वो मूलभूत सुविधाओं और लचर सुरक्षा के कारण क्वारंटाइन सेंटरों से ही भाग गए। कोई छुप छुपाकर तो कहीं प्रशासन की चूक से बिना किसी प्राथमिक जांच के ही अपने घरों तक पहुंच गए।'
तेजस्वी यादव ने कहा, 'बिहार के क्वारंटाइन सेंटरों की देशभर में जग हंसाई हो रही है। शासन और प्रशासन ही कोरोना संक्रमण के रोकथाम के निर्देशों की धज्जियां उड़ा रहे हैं। क्वारंटाइन सेंटरों की इतनी दयनीय स्थिति है कि कहीं ये सेंटर ही संक्रमण का केंद्र ना बन जाए। आपदा के नाम पर खुलेआम लूट और भ्रष्टाचार हो रहा है। हमने शुरू से राज्य सरकार से कहा कि सरकार कि टेस्ट, आइसोलेट, ट्रीट, ट्रेस के चार अत्यावश्यक कदमों से जुड़े हर पहलू को पूरी सजगता और तत्परता से लागू करे। सरकार के पास तैयारी को 3 महीने से अधिक का लंबा समय था पर ना सरकार की गम्भीरता नजर आ रही है और ना तैयारी। अभी भी सरकार सोई हुई है।'
उन्होंने सरकार से पूछा है, 'क्या सरकार को अंदाजा नहीं था कि बाहर से आने वालों की व्यापक जांच, क्वारंटाइन, दिशा निर्देशों का पालन, क्वारंटाइन की समुचित संख्या और उनमें मूलभूत सुविधाएं होना कितना आवश्यक है? सरकार क्यों जनता की सुरक्षा व अपनी जिम्मेदारियों से लगातार मुंह मोड़ कर संक्रमण को निमंत्रण दे रही है?'
बिहार सरकार की लापरवाही और लचरता के कारण राज्य में कोरोना संक्रमण निरन्तर अपनी पकड़ को मजबूत किए जा रहा है पर सरकार स्क्रीनिंग, टेस्टिंग, इलाज, रोकथाम, गम्भीरता, जागरूकता, सजगता जैसे हर अत्यावश्यक पड़ाव पर ढिलाई बरतते नज़र आ रही है। निर्देशों और क्रियान्वयन में कोई समन्वय नहीं।
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) May 20, 2020
उन्होंने कहा, 'बिहार सरकार की लापरवाही और लचरता के कारण राज्य में कोरोना संक्रमण निरन्तर अपनी पकड़ को मजबूत किए जा रहा है पर सरकार स्क्रीनिंग, टेस्टिंग, इलाज, रोकथाम, गम्भीरता, जागरूकता, सजगता जैसे हर अत्यावश्यक पड़ाव पर ढिलाई बरतते नजर आ रही है। निर्देशों और क्रियान्वयन में कोई समन्वय नहीं।