सुशांत सिंह राजपूत मामलाः संजय राउत को बताया दाऊद इब्राहिम का कैशियर, बिहार प्रदेश शिवसेना ने अपने ही नेताओं पर किए हमले
By एस पी सिन्हा | Published: August 7, 2020 06:31 PM2020-08-07T18:31:10+5:302020-08-07T18:31:10+5:30
शरद पवार, सोनिया गांधी, मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और मंत्री आदित्य ठाकरे को बॉलीवुड का दलाल बताया है. बिहार प्रदेश शिवसेना ने कहा कि सुशांत सिंह राजपूत मामले में महाराष्ट्र के तीन मंत्री का हाथ है.
पटनाः फिल्म अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत आत्महत्या के मामले को लेकर अब शिवसेना नेतृत्व का विरोध उनकी ही पार्टी नेताओं के द्वारा शुरू हो गया है.
बिहार प्रदेश शिवसेना ने आज संजय राउत को दाऊद इब्राहिम का कैशियर बता दिया है. वहीं शरद पवार, सोनिया गांधी, मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और मंत्री आदित्य ठाकरे को बॉलीवुड का दलाल बताया है. बिहार प्रदेश शिवसेना ने कहा कि सुशांत सिंह राजपूत मामले में महाराष्ट्र के तीन मंत्री का हाथ है.
अगर बिहार में कोई भी शिवसेना का नेता आएगा तो हमलोग उस नेता को जबरन 14 दिनों के लिए कोरेनटाइन भी करेंगे. बिहार प्रदेश शिवसेना ने आज प्रेस वार्ता कर अपनी ही पार्टी के खिलाफ जमकर बोला. साथ ही सुशांत मामले में पार्टी द्वारा किये गये कार्य को लेकर बिहार की जनता से माफी मांगी.
पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता विकास ज्योति ने कहा कि उनकी पार्टी शिवसेना और कांग्रेस ने जो किया उसे किसी भी तरह से सही नहीं माना जा सकता है. पार्टी के इस कार्य का वे विरोध करते हैं. उन्होंने कहा कि पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संजय रावत दाऊद इब्राहिम का कैशियर हैं जो हफ्ता वसूली करता है.
वहीं उन्होंने एनसीपी प्रमुख शरद यादव, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और शिवा सेना प्रमुख व महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और उनके बेटे आदित्य ठाकरे को बॉलीवुड के चार दलाल भी बताया है. विकास ज्योति ने कहा कि अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के सदिंग्ध मौत मामले में महाराष्ट्र के तीन मंत्री का भी हाथ है.
उन्होंने कहा कि जिस तरह से जांच को मुंबई गए आईपीएस विनय तिवारी को वहां जबरन क्वारेंटाइन किया गया. उसी तरह से अगर बिहार में कोई भी शिवसेना का नेता आएगा तो हमलोग उसे जबरन 14 दिनों के लिए कोरेनटाइन भी करेंगे. यहां उल्लेखनीय है कि सुशांत सिंह राजपूत के परिजनों द्वारा पटना में केस दर्ज कराए जाने के बाद मुंबई जांच को गई पटना पुलिस को मुंबई पुलिस द्वारा कोई सहयोग नहीं किया गया. इतना ही नहीं आईपीएस विनय तिवारी को बीएसी द्वारा जबरन क्वारेंटाइन कर दिया गया.
वहीं बिहार सरकार के कार्रवाई पर शिवसेना के राष्ट्रीय प्रवक्ता द्वारा कई बार विवादस्पद बयानबाजी भी की गई थी. अब सुशांत केस की जांच की जिम्मेवारी सीबीआई को सौंप दी गई है. इसके बाद विनय तिवारी को मुंबई में क्वारेंटाइन से मुक्त कर दिया गया है. इसके बाद विनय तिवारी ने भी कहा है कि क्वारेंटाइन उन्हें नही बल्कि जांच को किया गया था.