सुखबीर बादल की कार क्षतिग्रस्त, कांग्रेस-अकाली कार्यकर्ताओं के बीच संघर्ष, चार जख्मी
By भाषा | Published: February 2, 2021 06:24 PM2021-02-02T18:24:38+5:302021-02-02T18:35:08+5:30
हमले के बाद दोनों दलों के कार्यकर्ता आपस में बुरी तरह उलझ गए, दावा किया जा रहा है कि झड़प के दौरान ईंट-पत्थर भी चले और कई राउंड फायरिंग भी हुई।
चंडीगढ़ः पंजाब के फाजिल्का जिले के जलालाबाद नगर निकाय के चुनाव के लिए नामांकन दायर करने के दौरान मंगलवार को कांग्रेस और शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के कार्यकर्ताओं के बीच संघर्ष हो गया। इस दौरान शिअद प्रमुख सुखबीर सिंह बादल की कार को क्षतिग्रस्त कर दिया गया और चार लोग जख्मी हो गए।
अधिकारियों ने बताया कि बादल सुरक्षित हैं। शिअद प्रमुख और फिरोजपुर के सांसद बादल और उनके समर्थक जलालाबाद प्रशासनिक परिसर पहुंचे जहां उनकी पार्टी के उम्मीदवारों को नगर निकाय चुनाव के लिए नामांकन दायर करना था।
शिअद कार्यकर्ताओं ने दावा किया कि इस बीच, जलालाबाद से विधायक रमिंदर आवला के बेटे के साथ कांग्रेस के कार्यकर्ता भी वहां पहुंच गए।
पुलिस ने बताया कि इसके बाद दोनों समूहों में बहस होने लगी और फिर कांग्रेस ने बादल का विरोध करने के लिए उनकी गाड़ी का घेराव किया जिससे हिंसक संघर्ष शुरू हो गया। इस दौरान दोनों समूहों ने एक दूसरे पर पथराव किया और कुछ गोलियां भी चलाई गईं।
पुलिस ने बताया कि इस बात का पता लगाया जा रहा है कि उन पर किसने गोली चलाई है।
उन्होंने बताया कि दोनों समूहों ने एक दूसरे पर लाठी-डंडों से हमला किया और सुखबीर की गाड़ी समेत कई वाहनों को नुकसान पहुंचाया गया।
बादल की गाड़ी पर किए गए पथराव का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया।
विधायक रमिंदर आवला ने संपर्क करने पर आरोप लगाया कि शिअद के कार्यकर्ताओं ने बैरिकेड तोड़कर और कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को धमकाने के लिए उन्हें धक्का देकर संघर्ष शुरू किया।
उन्होंने आरोप लगाया कि शिअद के कार्यकर्ताओं ने गोलियां चलाई और डंडे मारे जिससे कांग्रेस के दो कार्यकर्ता जख्मी हो गए।
उधर, बादल ने आरोप लगाया कि हिंसा के लिए आवला जिम्मेदार हैं और कहा कि इलाके से संसद का सदस्य होने के नाते वह पार्टी प्रत्याशियों का मनोबल बढ़ाने के लिए जलालाबाद गए थे लेकिन कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने उनकी कार पर कथित रूप से हमला किया और शिअद के तीन कार्यकर्ताओं को जख्मी कर दिया।
फाजिल्का के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) हरजीत सिंह ने बताया कि चार लोग जख्मी हुए हैं। गंभीर रूप से घायल एक व्यक्ति को फरीदकोट के गुरु गोबिंद सिंह मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल रेफर किया गया है।
एसएसपी ने कहा, “ हमने स्थिति को नियंत्रण में कर लिया है और अब सभी उम्मीदवार शांतिपूर्ण माहौल में अपना नामांकन दाखिल कर रहे हैं।“
उन्होंने कहा कि मामले की जांच की जा रही है और आरोपियों को पकड़ा जाएगा।
बाद में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए बादल कांग्रेस विधायक के साथ-साथ पुलिस पर भी बरस पड़े।
वह “दोषियों“ के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग को लेकर शहीद उधम सिंह चौक पर धरने पर बैठ गए।
इस बीच शिअद ने जलालाबाद में पार्टी कार्यकर्ताओं और बादल पर “पुलिस समर्थित कांग्रेसी गुंडों“ द्वारा “कातिलाना हमले“ की निंदा की और राज्य में कानून एवं व्यवस्था के कथित रूप से ढहने पर मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह का इस्तीफा मांगा।
यहां एक बयान में पार्टी प्रवक्ता दलजीत सिंह चीमा ने आरोप लगाया कि ऐसा लगता है कि शिअद प्रमुख पर हमले की योजना पहले से बनाई गई थी और जलालाबाद पुलिस इस अपराध में शामिल है क्योंकि उसने हमलावरों को खुली छूट दी।
उन्होंने आरोप लगाया कि हमलावरों को राज्य का संरक्षण प्राप्त था। चीमा ने पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की निगरानी में उच्च स्तरीय न्यायिक जांच की मांग की।
चीमा ने यह भी आरोप लगाया कि राज्य में अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में लोकतंत्र की “ हत्या“ की जा रही है और मुख्यमंत्री को पद पर बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है और उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए।
पंजाब में आठ नगर निगमों, 109 नगर परिषदों एवं नगर पंचायतों के लिए चुनाव 14 फरवरी को होंगे।
चीमा ने दावा किया कि अब यह स्पष्ट हो गया है कि इन परिस्थितियों में नगर निकाय के स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव नहीं हो सकते हैं।
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