सोनिया गांधी के बोल, सत्ता पर कब्जा बनाए रखने के लिए भाजपा ने भुलाई सारी मर्यादाएं
By भाषा | Published: June 14, 2019 05:13 AM2019-06-14T05:13:34+5:302019-06-14T05:13:34+5:30
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर 'नफरत और असहिष्णुता' फैलाने का आरोप लगाने के कुछ दिन बाद उनकी मां सोनिया गांधी ने अपने निर्वाचन क्षेत्र के दौरे पर सत्ताधारी भाजपा पर आरोप मढ़ा...
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर 'नफरत और असहिष्णुता' फैलाने का आरोप लगाने के कुछ दिन बाद उनकी मां सोनिया गांधी ने अपने निर्वाचन क्षेत्र के दौरे पर सत्ताधारी भाजपा पर आरोप मढ़ा कि सत्ता पर कब्जा बनाए रखने के लिए उसने सारी मर्यादाएं भुला दीं। लोकसभा चुनाव परिणाम आने के बाद अपने पहले सार्वजनिक संबोधन में सोनिया ने कहा, ''मुझे पता है कि भारत का इससे बडा दुर्भाग्य नहीं हो सकता कि सत्ता पर कब्जा बनाए रखने के लिए सभी मर्यादाएं भुला दी जाएं।''
सोनिया के साथ बुधवार को उनकी बेटी कांग्रेस महासचिव एवं पूर्वी उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा भी आयी थीं। यूपीए अध्यक्ष ने कहा, ''एक मुहावरा है कि बिना आग के धुआं नहीं उठता। इस बार के चुनाव में वोटर को हटाने के लिए हर तरह के प्रपंच रचे गये।'' उन्होंने कहा, ''जो काम नैतिक या अनैतिक था, ये सब आप और सारा देश समझता है।'' सोनिया बुधवार रात पार्टी कार्यकर्ताओं से बातचीत करते हुए बोलीं, ''हमारे देश की चुनाव प्रक्रिया को लेकर पिछले कुछ वर्षों से तरह-तरह के संदेह सामने आ रहे हैं।''
पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया की टिप्पणी इन आरोपों के परिप्रेक्ष्य में आयी है कि मतगणना से पहले ईवीएम के साथ छेडछाड की गयी है। वायनाड से चुनाव जीते राहुल ने पिछले दिनों अपने निर्वाचन क्षेत्र के तीन दिवसीय दौरे पर मोदी और भाजपा पर 'नफरत और असहिष्णुता' फैलाने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि कांग्रेस इनके प्रति अपनी लडाई जारी रखेगी। राहुल ने कहा था, ‘‘हो सकता है कि मोदी के पास काफी धन हो।
उनके साथ मीडिया हो... उनके साथ अमीर दोस्त हों लेकिन कांग्रेस पार्टी भाजपा द्वारा फैलायी गयी असहिष्णुता के खिलाफ संघर्ष जारी रखेगी।’’ राहुल अमेठी सीट से भी चुनाव लडे थे लेकिन वहां वह भाजपा प्रत्याशी केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी से हार गये। भाषा सं अमृत प्रियभांशु प्रियभांशु