सोमवार रात ही सोनिया गांधी ने लिख दी थी सचिन पायलट को बाहर करने की पटकथा, जानें पूरा घटनाक्रम
By शीलेष शर्मा | Published: July 14, 2020 08:39 PM2020-07-14T20:39:59+5:302020-07-14T20:39:59+5:30
कांग्रेस ने मंगलवार को सचिन पायलट को राजस्थान के उपमुख्यमंत्री और पार्टी प्रदेश अध्यक्ष पद से हटा दिया।
नई दिल्ली। कांग्रेस ने सचिन पायलट, विश्वेन्द्र सिंह और रमेश मीणा को मंत्रिपरिषद से हटाने की पटकथा सोमवार की रात ही लिख दी थी। उच्चपदस्थ सूत्रों के अनुसार ये पटकथा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के कहने पर लिखी गयी। सोनिया गांधी ने इस आशय का फैसला उस समय लिया, जब उनको एक ऑडियो और एक वीडियो की जानकारी दी गई, जिसमें कतिथ रूप से विश्वेन्द्र सिंह, रमेश मीणा सहित दूसरे सचिन समर्थकों को भाजपा के साथ गहलोत सरकार गिराने के लिए रणनीति बनाते हुए सुना देखा गया। जबकि ऑडियो सीडी में सचिन पायलट की आवाज थी और वे राज्य सभा चुनाव से पहले ही गहलोत सरकार को किनारे लगाने की बात कर रहे थे।
संगठन मामलों के प्रभारी के सी वेणुगोपाल ने जयपुर से जब सोनिया गांधी को इस बात की जानकारी दी की तमाम प्रयासों के बावजूद सचिन पायलट मानने को तैयार नहीं हो रहे हैं और वे इस जिद पर अड़े हैं कि गहलोत को मुख्यमंत्री पद से और अविनाश पांडेय को राजस्थान प्रभार से पहले हटाया जाए तभी कोई बात होगी।
सचिन पायलट सिंधिया और धर्मेंद्र प्रधान के संपर्क में
इन तमाम तथ्यों की पुष्टि दिल्ली से भेजे गए पार्टी के एक पर्यवेक्षक ने लोकमत से बातचीत करते हुए की। इस पर्यवेक्षक ने इस बात की भी पुष्टि की की अहमद पटेल, पी चिदंबरम, प्रियंका गांधी ने सचिन पायलट से सीधी कई बार बातचीत की, लेकिन वे झुकने को तैयार नहीं थे। इस बीच सोनिया गांधी को इस बात की भी जानकारी मिली की सचिन पायलट ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ मिलकर पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के संपर्क में हैं।
सोनिया गांधी की मंजूरी के बाद परिषद से किया गया बाहर
इन तथ्यों को पा कर सोनिया के सामने केवल एक ही विकल्प था कि वे सचिन पायलट, विश्वेन्द्र सिंह और रमेश मीणा के विरूद्ध कदम उठाएं। सोनिया गांधी ने के सी वेणुगोपाल के उस प्रस्ताव को मंजूरी देने में कोई देर नहीं लगाई की इन तीनो नेताओं को मंत्री परिषद से बहार कर दिया जाए तथा सचिन को प्रदेश अध्यक्ष पद से भी मुक्त किया जाए।
कांग्रेस ने पार्टी से नहीं किया है निष्काषित
सोनिया ने इसके साथ यह भी जोड़ा के सचिन और उनके समर्थकों को एक मौका और दिया जाए जिसके बाद वेणुगोपाल, अजय माकन और सुरजेवाला ने गहलोत को विधायक दल की एक और बैठक बुलाने को कहा, जिसका मकसद केवल सचिन पायलट और उनके समर्थकों को एक और मौका देना था। अपनी जिद्द पर अड़े सचिन ने उसकी कोई परवाह नहीं की और बैठक में हिस्सा लेने से इंकार कर दिया, जिसके बाद इन तीनों नेताओं को पदों से मुक्त करने की घोषणा की गई। फिलहाल उनको पार्टी से निष्काषित नहीं किया गया है, क्योंकि कांग्रेस उनकी विधान सभा में सदस्यता को बरकरार नहीं रखना चाहती है।