कंगना के मामले में शिवसेना का उल्टा पड़ा दांव, उद्धव ठाकरे को नहीं मिला NCP व कांग्रेस का साथ
By अनुराग आनंद | Published: September 9, 2020 06:14 PM2020-09-09T18:14:51+5:302020-09-09T18:14:51+5:30
राकांपा प्रमुख शरद पवार ने बुधवार को अभिनेत्री कंगना रनौत का नाम लिए बिना कहा कि उनके बयानों को अनुचित महत्व दिया जा रहा है।
नई दिल्ली: फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत के मामले में शिवसेना व सीएम उद्धव ठाकरे अकेले दिख रहे हैं। बीएमसी द्वारा कंगना रनौत के बंगले पर बुलडोजर चलाए जाने के बाद कांग्रेस व एनसीपी ने शिवसेना से दूरी बना ली है।
महाराष्ट्र गठबंधन सरकार की साझीदार राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) प्रमुख शरद पवार ने पॉली हिल्स स्थित कंगना के दफ्तर पर बीएमसी की तोड़फोड़ की कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं। शरद पवार ने इसे बीएमसी का गैर-जरूरी कदम करार दिया है।
कंगना रनौत के घर पर BMC की कार्रवाई को शरद पवार ने बताया गलत-
राकांपा प्रमुख शरद पवार ने बुधवार को अभिनेत्री कंगना रनौत का नाम लिए बिना कहा कि उनके बयानों को अनुचित महत्व दिया जा रहा है। पवार ने कहा कि लोग उनकी टिप्पणियों को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि इस सप्ताह के शुरू में मिली धमकी को वह गंभीरता से नहीं लेते हैं। कंगना हाल ही में उस समय विवादों में घिर गयी जब उन्होंने मुंबई की तुलना पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से की और कहा कि उन्हें नगर की पुलिस से ज्यादा डर लगता है।
पवार ने संवाददाताओं से कहा, "हम ऐसे बयान देने वालों को अनुचित महत्व दे रहे हैं। हमें देखना होगा कि लोगों पर इस तरह के बयानों का क्या प्रभाव पड़ता है।" उन्होंने कहा, ‘‘मेरी राय में, लोग (ऐसे बयानों को) गंभीरता से नहीं लेते हैं।" पवार ने कहा कि महाराष्ट्र और मुंबई के लोगों को राज्य और नगर की पुलिस के काम के संबंध में ‘‘वर्षों का अनुभव" है। उन्होंने कहा, "वे (लोग) पुलिस के काम को जानते हैं। इसलिए हमें इस पर ध्यान देने की जरूरत नहीं है कि कोई क्या कहता है।"
कांग्रेस में भी इसे लेकर आपसी जंग छिड़ गई-
बता दें कि कंगना रनौत के दफ्तर पर उद्धव सरकार और BMC ने बुल्डोजर चलाया तो शिवसेना के इस क्रूर फैसले का विरोध पूरे देश करने लगा। वहीं कांग्रेस में भी इसे लेकर आपसी जंग छिड़ गई। कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने इस कार्रवाई का विरोध करते हुए उद्धव सरकार को लताड़ लगाई को वहीं सरकार में मंत्री और कांग्रेस नेता अस्लम शेख ने इस कार्रवाई का समर्थन कर दिया है।
संजय निरुपम ने ट्वीट करके उद्धव सरकार से सवाल पूछा है। उन्होंने ट्वीट करके लिखा है कि "कंगना का ऑफिस अवैध था या उसे डिमॉलिश करने का तरीका? क्योंकि हाई कोर्ट ने कार्रवाई को गलत माना और तत्काल रोक लगा दी। पूरा एक्शन प्रतिशोध से ओत-प्रोत था। लेकिन बदले की राजनीति की उम्र बहुत छोटी होती है। कहीं एक ऑफिस के चक्कर में शिवसेना का डिमॉलिशन न शुरु हो जाए।"