शरद पवार ने मोदी सरकार पर साधा निशाना, किसान आंदोलन की विश्वसनीयता खत्म करने के लिए कराई गई 26 जनवरी को हिंसा

By अनुराग आनंद | Published: February 14, 2021 07:28 AM2021-02-14T07:28:45+5:302021-02-14T07:31:22+5:30

शरद पवार ने किसान आंदोलन को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा कि किसी किसान ने कानून हाथ में नहीं लिया। आंदोलन की विश्वसनीयता समाप्त करने के लिए एक घटना (26 जनवरी की) हुई। उसमें किसान शामिल नहीं थे।

sharad pawar statement on farmers protest and 26 january violence | शरद पवार ने मोदी सरकार पर साधा निशाना, किसान आंदोलन की विश्वसनीयता खत्म करने के लिए कराई गई 26 जनवरी को हिंसा

शरद पवार (फाइल फोटो)

Highlightsशरद पवार पहले भी कह चुके हैं कि किसान अगर आंदोलन का रास्ता छोड़कर कोई और तरीका अपनाते हैं तो पूरी जिम्मेदारी बीजेपी (केंद्र) सरकार को लेनी होगी।इससे पहले भी उन्होंने कृषि कानूनों को लेकर केंद्र सरकार को निशाने पर लिया था।

सोलापुर/पुणे: भारतीय जनता पार्टी की परोक्ष रूप से आलोचना करते हुए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार ने शनिवार को दावा किया कि नई दिल्ली में 26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा में सत्ताधारी दल के नजदीकी लोग शामिल थे।

उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन की विश्वसनीयता खत्म करने के लिए हिंसा कराई गई थी। पवार ने यहां एक कार्यक्रम में किसानों की मांग न मानने के लिए केंद्र सरकार की आलोचना की। उन्होंने कहा, ‘‘हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश के किसान (दिल्ली बॉर्डर पर) शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे हैं।

किसी किसान ने कानून हाथ में नहीं लिया। आंदोलन की विश्वसनीयता समाप्त करने के लिए एक घटना (26 जनवरी की) हुई। उसमें किसान शामिल नहीं थे। शिकायतों के अनुसार, हिंसा में शामिल लोग सत्ताधारी पार्टी से जुड़े थे।’’  

किसानों आंदोलन के अलावा कोई और रास्ता अपनाते हैं तो जिम्मेदारी BJP सरकार की

इससे पहले शरद पवार ने कहा था कि किसान अगर आंदोलन का रास्ता छोड़कर कोई और तरीका अपनाते हैं तो इसकी पूरी जिम्मेदारी बीजेपी (केंद्र) सरकार को लेनी होगी। उन्होंने कहा कि ऐसे कई मुद्दे हैं, जिनको लेकर जिनके हाथ में हुकूमत है वो संवेदनशील नहीं हैं।

शरद पवार पहले भी किसान आंदोलन को लेकर मोदी सरकार के रवैये पर सवाल खड़े कर चुके हैं

बता दें कि यह पहला मौका नहीं है जब शरद पवार ने किसान आंदोलन को लेकर कोई बयान दिया है। इससे पहले भी उन्होंने कृषि कानूनों को लेकर केंद्र सरकार को निशाने पर लिया था। शरद पवार ने कुछ दिन पहले भी ट्वीट कर कहा था कि सुधार एक सतत प्रक्रिया है और एपीएमसी या मंडी प्रणाली में सुधारों के खिलाफ कोई भी व्यक्ति दलील नहीं देगा, लेकिन इस पर एक सकारात्मक बहस का यह मतलब नहीं है कि यह प्रणाली को कमजोर या नष्ट करने के लिए है।

(एजेंसी इनपुट)

Web Title: sharad pawar statement on farmers protest and 26 january violence

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