शरद पवार ने कहा- चीन ने 1962 के युद्ध के बाद 45,000 वर्ग किमी भारतीय भूमि पर किया कब्जा
By अनुराग आनंद | Published: June 27, 2020 07:37 PM2020-06-27T19:37:57+5:302020-06-27T19:38:26+5:30
राहुल गांधी द्वारा लगाए एक आरोप पर जवाब देते हुए शरद पवार ने कहा कि यह कोई नहीं भूल सकता कि 1962 के युद्ध के बाद चीन ने भारत की करीब 45,000 वर्ग किलोमीटर की जमीन पर कब्जा कर लिया था।
सातारा: चीन के साथ तनातनी को लेकर कांग्रेस और भाजपा के बीच आरोप प्रत्यारोप के बीच राकांपा प्रमुख शरद पवार ने शनिवार को कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मामलों का राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि यह कोई नहीं भूल सकता कि चीन ने 1962 के युद्ध के बाद भारत की 45,000 वर्ग किलोमीटर भूमि पर कब्जा कर लिया था।
पवार की टिप्पणी कांग्रेस नेता राहुल गांधी के उस आरोप पर थी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन की आक्रामकता के चलते भारतीय क्षेत्र को सौंप दिया। उन्होंने यह भी कहा कि लद्दाख में गलवान घाटी की घटना को रक्षा मंत्री की नाकामी बताने में जल्दबाजी नहीं की जा सकती क्योंकि गश्त के दौरान भारतीय सैनिक चौकन्ने थे।
यहां पत्रकारों से बातचीत में पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह पूरा प्रकरण ‘‘संवेदनशील’’ प्रकृति का है। गलवान घाटी में चीन ने उकसावे वाला रुख अपनाया। गौरतलब है कि पूर्वी लद्दाख में 15 जून को चीन के साथ हिंसक झड़प में भारत के 20 सैन्यकर्मी शहीद हो गए।
We can’t forget what happened in 1962 when China occupied 45,000 sq km of our territory. At present,I don't know if they occupied any land,but while discussing this we need to remember past. National security matters shouldn't be politicised: Sharad Pawar on Rahul Gandhi's remark pic.twitter.com/bzZmRZtwVU
— ANI (@ANI) June 27, 2020
चीनी सैनिकों ने हमारी सड़क पर अतिक्रमण करने की कोशिश की और धक्कामुक्की की
पूर्व रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत संचार उद्देश्यों के लिए अपने क्षेत्र के भीतर गलवान घाटी में एक सड़क बना रहा था। पवार ने कहा, ‘‘उन्होंने (चीनी सैनिकों ने) हमारी सड़क पर अतिक्रमण करने की कोशिश की और धक्कामुक्की की। यह किसी की नाकामी नहीं है। अगर गश्त करने के दौरान कोई (आपके क्षेत्र में) आता है, तो वे किसी भी समय आ सकते हैं।
हम यह नहीं कह सकते कि यह दिल्ली में बैठे रक्षा मंत्री की नाकामी है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘वहां गश्त चल रही थी। झड़प हुई इसका मतलब है कि आप चौकन्ना थे। अगर आप वहां नहीं होते तो आपको पता भी नहीं चलता कि कब वे (चीनी सैनिक) आए और गए। इसलिए मुझे नहीं लगता कि इस समय ऐसा आरोप लगाना सही है।’’
राहुल गांधी द्वारा लगाए एक आरोप पर जवाब देते हुए पवार ने ये कहा
राहुल गांधी द्वारा लगाए एक आरोप पर जवाब देते हुए पवार ने कहा कि यह कोई नहीं भूल सकता कि दोनों देशों के बीच 1962 के युद्ध के बाद चीन ने भारत की करीब 45,000 वर्ग किलोमीटर की जमीन पर कब्जा कर लिया था। उन्होंने कहा, ‘‘यह जमीन अब भी चीन के पास है। मुझे नहीं मालूम कि क्या उन्होंने (चीन) अब फिर से कुछ क्षेत्र पर अतिक्रमण कर लिया। लेकिन जब मैं आरोप लगाता हूं तो मुझे यह भी देखना चाहिए कि जब मैं सत्ता में था तो क्या हुआ था।
अगर इतनी बड़ी जमीन अधिग्रहीत की जाती है तो इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। यह राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला है और मुझे लगता है कि इसका राजनीतिकरण नहीं होना चाहिए।’’ भाजपा पार्षद गोपीचंद पडलकर के उनके खिलाफ हालिया टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर राकांपा प्रमुख ने कहा कि पिछले चुनावों में मतदाताओं ने उन्हें नकार दिया था और उनकी टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देने की कोई जरूरत नहीं है। पडलकर ने कहा था कि ‘‘पवार कोरोना है जिसने महाराष्ट्र को संक्रमित कर दिया है।’’