शाह फैसल का बड़ा फैसला, छोड़ी राजनीति, जम्मू-कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट पार्टी के अध्यक्ष पद से दिया इस्तीफा
By सतीश कुमार सिंह | Published: August 10, 2020 04:45 PM2020-08-10T16:45:41+5:302020-08-10T17:39:41+5:30
नौकरशाह से राजनेता बने पूर्व आईएएस अधिकारी शाह फैसल के प्रशासन में वापस शामिल होने की संभावना है। दरअसल अधिकारियों ने शाह को अवगत कराया है कि उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया गया है। यह जानकारी शीर्ष अधिकारियों ने दी।
जम्मू-कश्मीरः आईएएस से इस्तीफा देकर राजनीति में आने वाले शाह फैसल ने जम्मू कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट पार्टी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया। चर्चा है कि फिर से प्रशासनिक सेवा में वापस शामिल हो सकते हैं।
नौकरशाह से राजनेता बने पूर्व आईएएस अधिकारी शाह फैसल के प्रशासन में वापस शामिल होने की संभावना है। दरअसल अधिकारियों ने शाह को अवगत कराया है कि उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया गया है। यह जानकारी शीर्ष अधिकारियों ने दी।
दिलचस्प बात तो यह है कि फैसल द्वारा इस्तीफा देने और जम्मू-कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट (जेकेपीएम) नामक एक राजनीतिक पार्टी बनाने के बावजूद उनका नाम सरकार के आधिकारिक वेबसाइट पर से जम्मू एवं कश्मीर के कैडर आईएएस की सूची से नहीं हटाया गया।
Former civil servant Shah Faesal (File pic) has stepped down as the president of Jammu and Kashmir People's Movement (JKPM). Feroze Peerzada has been appointed as President of the party in the interim till formal elections can be held for the post. pic.twitter.com/6Ln75a8V0E
— ANI (@ANI) August 10, 2020
जम्मू कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट (जेकेपीएम) का गठन करने वाले शाह फैसल ने इसके अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया
भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) से इस्तीफा देकर पिछले वर्ष जम्मू कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट (जेकेपीएम) का गठन करने वाले शाह फैसल ने इसके अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। यह जानकारी पार्टी ने सोमवार को दी। फैसल ने राजनीति छोड़ने का संकेत रविवार को ही दे दिया था जब उन्होंने ट्विटर पर अपनी निजी जानकारी संपादित करते हुए अपनी राजनीतिक सम्बद्धता के बारे में उल्लेख हटा दिये थे।
उनसे टिप्पणी के लिए सम्पर्क नहीं हो सका। जेकेपीएम की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि राज्य में जारी राजनीतिक घटनाक्रमों पर चर्चा के लिए पार्टी की कार्यकारिणी समिति की सोमवार को एक आनलाइन बैठक हुई। जेकेपीएम ने कहा, ‘‘बैठक में, सांगठनिक जिम्मेदारियों से मुक्त करने के डॉ. शाह फैसल के अनुरोध पर चर्चा की गई। डॉ. फैसल ने राज्य कार्यकारिणी के सदस्यों को सूचित किया था कि वह राजनीतिक गतिविधियां जारी रखने की स्थिति में नहीं हैं और वह चाहते हैं कि उन्हें संगठन की जिम्मेदारियों से मुक्त कर दिया जाए।’’
पार्टी ने कहा, ‘‘इस अनुरोध को ध्यान में रखते हुए, उनकी गुजारिश को स्वीकार करने का निर्णय लिया गया, ताकि वह अपने जीवन में बेहतर तरीके से कार्यों को जारी रख सकें और जहां भी चाहें अपना योगदान दें।’’ जेकेपीएम के बयान में कहा गया है कि जब तक अध्यक्ष पद के लिए औपचारिक चुनाव नहीं हो जाते उपाध्यक्ष फिरोज पीरजादा को अंतरिम अध्यक्ष नियुक्त करने का सर्वसम्मति से फैसला किया गया है।
कमेटी ने चेयरमैन जावेद मुस्तफा मीर का इस्तीफा भी स्वीकार कर लिया
इसमें कहा गया है कि कमेटी ने इसके चेयरमैन जावेद मुस्तफा मीर का इस्तीफा भी स्वीकार कर लिया, जो एक पूर्व विधायक हैं। जनवरी 2019 में सरकारी सेवा से इस्तीफा देकर सभी को हैरान करने वाले फैसल ने दो महीने बाद अपनी राजनीतिक पार्टी बना ली थी।
उन्हें पिछले साल अगस्त में गिरफ्तार किया गया था, जब केंद्र ने तत्कालीन जम्मू-कश्मीर राज्य का विशेष दर्जा समाप्त कर दिया था और उसे दो केंद्र शासित प्रदेशों, जम्मू कश्मीर और लद्दाख में विभाजित कर दिया था। फैसल के खिलाफ कड़े जन सुरक्षा अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था और उन्हें बाद में जून में रिहा कर दिया गया था।
आईएएस की सेवा छोड़कर राजनीति में हाथ आजमाने वाले शाह फैसल ने फिर बड़ा फैसला लिया है। शाह फैसल ने राजनीति छोड़ने का निर्णय लिया है, जिसके तहत उन्होंने जम्मू एंड कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट का अध्यक्ष पद छोड़ दिया है।
पिछले साल 5 अगस्त को जब जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने का फैसला हुआ था तब बाकी नेताओं की तरह शाह फैसल को भी हिरासत में रखा गया था। कुछ वक्त पहले ही उन्हें छोड़ा गया है, जिसके बाद शाह फैसल ने पार्टी छोड़ने का फैसला किया है। जम्मू एंड कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट के वरिष्ठ नेता फिरोज पीरजादा ने बताया, ''ये तय है कि शाह फैसल ने खुद को अलग कर लिया है और पार्टी नेताओं ने मुझे नेतृत्व करने की जिम्मेदारी दी है।''
सिविल सर्वेंट से राजनेता बनने वाले पूर्व IAS अधिकारी शाह फैसल के प्रशासनिक सेवा में वापस शामिल होने की संभावना है। दरअसल अधिकारियों ने उन्हें बताया है कि उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया गया है। दिलचस्प बात तो यह है कि फैसल के इस्तीफा देने और जम्मू-कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट नाम की राजनीतिक पार्टी बनाने के बावजूद उनका नाम जम्मू-कश्मीर के कैडर IAS की सूची से नहीं हटाया गया।
Former IAS officer turned politician, #ShahFaesal (@shahfaesal) is likely to join back administration after he was conveyed by authorities that his resignation has not still been accepted, top sources said.
— IANS Tweets (@ians_india) August 10, 2020
Photo: IANS (File) pic.twitter.com/sV2aPVSc3M
पीडीपी के युवा नेता अपनी पार्टी में शामिल
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के एक युवा नेता सोमवार को यहां जम्मू कश्मीर अपनी पार्टी (जेकेएपी) में शामिल हो गए। पार्टी के एक नेता ने बताया कि पीडीपी की युवा शाखा के महासचिव मलिक मोहम्मद उमर का पूर्व मंत्री दिलावर मीर सहित वरिष्ठ नेताओं ने जेकेएपी में स्वागत किया। चिनाब घाटी क्षेत्र के किश्तवाड़ जिले के निवासी उमर ने कहा कि उन्होंने पीडीपी में रहते हुए बहुत कुछ सीखा लेकिन उन्होंने महसूस किया कि एक बेहतर मंच का हिस्सा बनने की जरूरत है, जो लोगों के साथ काम कर सके और केंद्रशासित प्रदेश को विकास की नई ऊंचाइयों पर ले जा सके।
उन्होंने कहा, ‘‘पीडीपी में कुछ नेता हैं, जो जमीनी स्तर पर कोई जुड़ाव नहीं होने के बावजूद सत्ता का आनंद ले रहे हैं। चिनाब घाटी में हमारे सामने कई सारे मुद्दे हैं, जहां ज्यादातर लोग बुनियादी चिकित्सा सुविधा, बेहतर सड़कों, बिजली और पेयजल के लिए तरस रहे हैं।’’ पेशे से वकील उमर ने कहा कि पूर्व मंत्री अल्ताफ बुखारी नीत अपनी पार्टी ने लोगों में एक उम्मीद जगाई है और यह उपलब्ध सबसे अच्छा मंच है जो आम लोगों से जुड़ा हुआ है और उनके मुद्दों को हल कर सकता है।