संबित पात्रा ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा- बस थोड़े दिनों के बाद..चिट्ठी आई है, आई है, चिट्ठी आई है
By अनुराग आनंद | Published: September 7, 2020 02:55 PM2020-09-07T14:55:55+5:302020-09-07T14:55:55+5:30
कांग्रेस पार्टी के नेता गुलाम नबी आजाद, कपिल सिब्बल, शशि थरूर समेत 23 बड़े नेताओं द्वारा सोनिया गांधी को लिखे गए पत्र को लेकर विवाद अभी थमा ही था कि कांग्रेस से निष्कासित नेताओं ने एक बार फिर से सोनिया गांधी को पत्र लिखा है।
नई दिल्ली:कांग्रेस अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को पार्टी से निष्कासित नेताओं द्वारा पत्र लिखे जाने को लेकर भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता संबित पात्रा ने तंज कसा है। संबित पात्रा ने ट्वीट कर इस मामले में चुटकी लेते हुए कहा है कि “चिट्ठी आइ है,आइ है,आइ है ...बस थोड़े दिनो के बाद दोबारा चिट्ठी आइ है।”
इसके साथ ही पात्रा ने कहा कि चिट्ठी में लिखा है “सोनिया जी,परिवार के मोह से ऊपर उठें...” मगर ये चिट्ठी लिखने वाले शायद जानते नहीं है की कांग्रेस में चिट्ठी लिखना मना है। दरअसल, कांग्रेस पार्टी से निकाले गए नेताओं की चिट्ठी के हवाले से संबित पात्रा ने कांग्रेस पार्टी पर हमला किया है।
“चिट्ठी आइ है,आइ है,आइ है ...
— Sambit Patra (@sambitswaraj) September 7, 2020
बस थोड़े दिनो के बाद दोबारा चिट्ठी आइ है”
चिट्ठी में लिखा है “सोनिया जी,परिवार के मोह से ऊपर उठें...”
मगर ये चिट्ठी लिखने वाले शायद जानते नहीं है की कांग्रेस में #चिट्ठी_लिखना_मना_हैhttps://t.co/xsMH5HHnb3
क्या है पूरा मामला...यहां जानिए
कांग्रेस में एक बार फिर से पत्र विवाद शुरू हो गया है। कांग्रेस पार्टी के नेता गुलाम नबी आजाद, कपिल सिब्बल, शशि थरूर समेत 23 बड़े नेताओं द्वारा सोनिया गांधी को लिखे गए पत्र को लेकर विवाद अभी थमा ही था कि कांग्रेस से निष्कासित नेताओं ने एक बार फिर से सोनिया गांधी को पत्र लिखा है। पत्र में कांग्रेस से निकाले गए नेताओं ने सोनिया गांधी को लिखा है कि परिवार के मोह से ऊपर उठ कर पार्टी को बचाने के लिए काम करें।
निष्कासित नेताओं में से पूर्व सांसद संतोष सिंह और पूर्व मंत्री सत्यदेव त्रिपाठी समेत नौ नेताओं ने दो सितम्बर को पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को लिखे पत्र में कहा कि पंडित जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी ने लोकतांत्रिक मूल्यों और विचारधारा के साथ कांग्रेस और देश को बनाया है, लेकिन विडम्बना यह है कि पिछले कुछ समय से पार्टी जिस तरह से चल रही है।
कांग्रेस पार्टी कार्यकर्ताओं में असमंजस और अवसाद की स्थिति बन गई-
सभी नेताओं ने पत्र में लिखा है कि पार्टी कार्यकर्ताओं में असमंजस और अवसाद की स्थिति बन गई है। पत्र में नेताओं ने कहा कि ऐसे में जब देश लोकतांत्रिक मूल्य और सामाजिक सद्भाव के ताने-बाने के बिखराव के संकट से गुजर रहा है, कांग्रेस का जीवंत, गतिशील और मजबूत बने रहना देश के लिए आवश्यक है।
पत्र में नेताओं ने अपने निष्कासन की तरफ इशारा करते हुए कहा, संवाद के अभाव में पार्टी हित का चिंतन करना और सुझाव देना अनुशासनहीनता नहीं होती। ऐसे हालात को संज्ञान में लेकर उनका निदान करने के बजाए उन्हें भाजपा का आवरण पहनाना खुद को धोखा देने के बराबर है।