NDA से अकाली दल का गठबंधन टूटाः कृषि सुधार बिलों पर हरसिमरत कौर बादल के बदले बोल, जानिए पहले और अब क्या कहा
By एसके गुप्ता | Published: September 29, 2020 09:16 PM2020-09-29T21:16:37+5:302020-09-29T22:12:25+5:30
तत्कालीन केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री हरसिमरत कौर एक टीवी चैनल को साक्षात्कार देते हुए कह रही हैं कि किसानों को भड़काने की बात की जा रही है उनमें भ्रम फैलाया जा रहा है कि मोदी सरकार जो तीन ऑर्डिनेंस ला रही है उससे किसानों का बहुत बड़ा नुकसान होगा।
नई दिल्लीः एनडीए से शिरोमणि अकाली दल (शिअद) का गठबंधन टूटने के साथ ही पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल के स्वर भी बदल गए हैं। सवा दो महीने पहले 22 जुलाई को कृषि सुधार बिलों पर तत्कालीन केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल जहां विपक्षियों के विरोध को भ्रम फैलाना बता रहीं थी।
आज खुद कृषि सुधार बिलों को किसानों की आजादी पर खतरा बता रही हैं। ऐसे ही पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल का दिसंबर 2012 का एक वीडियो सोशल मीडिया पर चल रहा है। इसमें वह किसानों के लिए ओपन मार्किट के फायदे गिना रहे हैं। जुलाई में तत्कालीन केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री हरसिमरत कौर एक टीवी चैनल को साक्षात्कार देते हुए कह रही हैं कि किसानों को भड़काने की बात की जा रही है उनमें भ्रम फैलाया जा रहा है कि मोदी सरकार जो तीन ऑर्डिनेंस ला रही है उससे किसानों का बहुत बड़ा नुकसान होगा।
पंजाब, हरियाणा में एमएसपी खत्म हो जाएगा और मंडीकरण ढांचा खत्म हो जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यह जो बिल ला रहे हैं, इनसे किसानों को देश में कहीं भी किसी को भी अपनी फसल बेचने की आजादी होगी। किसान प्राइवेट सेक्टर, सरकारी मंडी या ई-नाम प्लेटफार्म पर जहां उसे बेहतर दाम मिल रहे हैं वहां अपनी फसल बेचने के लिए आजाद होगा।
यह भी भ्रम फैलाया जा रहा है कि एमएसपी खत्म हो जाएगी
यह भी भ्रम फैलाया जा रहा है कि एमएसपी खत्म हो जाएगी। एमएसपी पहले थी और आगे भी रहेगी। जैसे अब फसल खरीद रहे हैं आगे भी वैसे ही फसल खरीदी जाएगी। आज पंजाब को देखिए। पंजाब की मंडियों में इतना बड़ा टैक्स लगता है कि कई कंपनियां पंजाब के स्थान पर दूसरे राज्यों से खरीदकर पंजाब की इंडस्ट्री में उसे लगाती हैं।
ऐसे ही दूसरे राज्यों में होता है। किसानों का इससे नुकसान होता है। नए ऑर्डिनेंस में किसान और इंडस्ट्री को फ्रीडम दी गई है। इससे इंडस्ट्री के साथ तालमेल बढ़ेगा, फूड प्रोसेसिंग बढ़ेगी, वैल्यू एडिशन बढे़गी। जिससे किसान और देश का भला होगा। पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर अब कह रही हैं कि पंजाब का किसानी और मंडी ढांचा बिहार या अन्य राज्यों से अलग है।
यहां किसी को भी एमएसपी से कम नहीं मिलता और वहां यानि अन्य राज्यों में तो एमएसपी नाम की कोई चीज नहीं है। आप एक कानून बना रहे हो तो उधर के बिचौलियों को देखों, यहां के आढ़तियों को आप बिचौलिया कह रहे हो। यह वह बिचौलिए हैं जो किसानों के लिए सही दामों की लड़ाई करते हैं।
यहां मजदूर, आढ़तिया या किसानों के बीच जुड़ा सिस्टम अलग है। जिसे आप अन्य राज्यों से तुलना नहीं कर सकते। पंजाब में मंडीकरण ढांचा अच्छा चलता रहा है। पूंजीपति आएंगे, प्राइवेट प्लेयर आएंगे, जिन्हें टैक्स नहीं देना है। वे किसान को अच्छा दाम देंगे तो यह सरकारी सिस्टम खत्म हो जाएगा। किसानों को डर है कि दो- तीन साल बाद जब सरकारी मंडी ढांचा खत्म हो जाएगा तो किसान को शोषण शुरू हो जाएगा।
जब किसान बेचने जाता है तो उसके पास कोई मार्किंट नहीं
यूपीए सरकार में पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल द्वारा संसद सत्र के दौरान दिसंबर 2012 में कहा गया है कि जब किसान बेचने जाता है तो उसके पास कोई मार्किंट नहीं है। अगर मंडी जाता है तो 35 से 40 प्रतिशत तक सामान खराब हो जाता है। आठ लोग बीच में कमीशन एजेंट होते हैं। मेरे पास स्टडी है कि मार्किट में जो किसान का सामान बिकता है उसका 15 से 17 पर्सेंट किसान को जाता है।
बाकी बिचौलियों को चला जाता है। विपक्ष तय करे किसान के साथ है या बिचौलिए के साथ है। किसान को पैसा टाइम से मिलेगा। कमीशन खत्म हो जाएगा। साथ में टेक्नोलॉजी मिलेगी, कैसे बोना है कितनी खाद् देनी है। एग्रीमेंट होने से फसल खरीद की गारंटी और खरीददार पक्का है।