पायलट खेमे के 18 बागी विधायकों के ठिकाने का रहस्य गहराया, बेंगलुरु जाने की खबरों पर कहा- 'बिल्कुल भी नहीं'
By पल्लवी कुमारी | Published: July 19, 2020 07:05 AM2020-07-19T07:05:32+5:302020-07-19T07:05:32+5:30
Rajasthan Politics: फोन टैपिंग के आरोपों के संबंध में गृह मंत्रालय ने राजस्थान सरकार के राज्य के मुख्य सचिव से रिपोर्ट मांगी है। गृह मंत्रालय की ओर से भेजे गए पत्र में राजस्थान के मुख्य सचिव से फोन टैपिंग के आरोपों के बारे में रिपोर्ट भेजने को कहा गया है।
जयपुर: राजस्थान में अशोक गहलोत के खिलाफ बगावती रुख अपनाने वाले सचिन पायलट खेमे के 18 विधायकों का आखिर ठिकाना कहां हैं, यह सवाल गहराता जा रहा है। पिछले कई दिनों से मीडिया में खबर आ रही है थी कि सारे बागी विधायक कुछ दिनों से बीजेपी शासित राज्य कर्नाटक के बेंगलुरु में हैं। लेकिन एनडीटीवी चैनल को एक बागी विधायक ने बताया है कि वे लोग कर्नाटक जाने के बारे में सोच भी नहीं रहे हैं। उन्होंने कहा, ऐसा 'बिल्कुल नहीं' है।
जब बागी विधायकों में से एक से पूछा गया कि मध्य प्रदेश में सत्ता परिवर्तन की तरह क्या इस बार भी बागी विधायक कर्नाटक जाएंगे? पायलट खेमे के एक वरिष्ठ विधायक ने जवाब दिया, बेंगलुरु जाने का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता है। हालांकि उनका वर्तमान ठिकाना कहां है, इसके बारे में कोई जानकारी नहीं दी है।
17 जुलाई से गायब हैं बागी विधायक
ये बागी विधायक शुक्रवार (17 जुलाई) शाम से गायब हैं। राजस्थान पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) की एक टीम शुक्रवार को बीजेपी शासित हरियाणा के मानेसर के उस रिसॉर्ट में बागी विधायकों को खोजने गई थी, जहां पर ये विधायक रह रहे थे, लेकिन वे पुलिस को नहीं मिले। तब से इनके ठिकाने का कोई पता नहीं चल पाया है। हालांकि हरियाणा पुलिस ने राजस्थान पुलिस टीम को कुछ घंटे बॉर्डर पर ही रोक दिया था। लेकिन जब वह अंदर गए तो वहां बागी विधायक मौजूद नहीं थे।
असल में राजस्थान पुलिस भंवर लाल शर्मा की आवाज का नमूना रिकॉर्ड करने गई थी, जिसे वायरल ऑडियो टेप में सुना गया था। जिसमें कांग्रेस के दावों के मुताबिक अशोक गहलोत सरकार को गिराने की साजिश के तहत बीजेपी से खरीद-फरोख्त की बात करते सुना गया है। हालांकि उस ऑडियो की सत्यता की पुष्टि नहीं हुई है।
ऑडियो टैप मामला: जांच और गिरफ्तारी करने के लिए विशेष पुलिस दल गठित
राजस्थान सरकार को गिराने की कथित साजिश से जुड़े दो ऑडियो क्लिप मामले की जांच करने तथा आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए राजस्थान के पुलिस अधिकारियों के एक विशेष दल का गठन किया गया है। यह मामला राजस्थान पुलिस के विशेष कार्यबल (एसओजी) के पास दर्ज है।
राज्य विधानसभा में कांग्रेस के मुख्य सचेतक महेश जोशी की शिकायत पर इस संबंध में दो प्राथमिकी दर्ज की गई थी जिसके बाद अतिरिक्त महानिदेशक (एटीएस एवं एसओजी) अशोक राठौर ने एसपी सीआईडी (अपराध शाखा) विकास शर्मा के नेतृत्व में आठ सदस्यीय दल का गठन किया। एसओजी इस मामले में संजय शर्मा नाम के एक व्यक्ति को गिरफ्तार कर चुका है। वह पुलिस की रिमांड में हैं।
गृह मंत्रालय ने फोन टैपिंग के आरोपों पर राजस्थान सरकार से रिपोर्ट मांगी
राजस्थान सरकार को गिराने की कथित साजिश से जुड़े दो ऑडियो क्लिप सामने आने के बाद लगे फोन टैपिंग के आरोपों के संबंध में केंद्र सरकार ने शनिवार (18 जुलाई) को राज्य के मुख्य सचिव से रिपोर्ट मांगी। एक अधिकारी ने बताया कि गृह मंत्रालय की ओर से भेजे गए पत्र में राजस्थान के मुख्य सचिव से फोन टैपिंग के आरोपों के बारे में रिपोर्ट भेजने को कहा गया है। उन्होंने बताया कि दो ऑडियो क्लिप सामने आने के बाद मुख्य सचिव से घटनाक्रम की जानकारी मांगी गई है।
इन दोनों टेप में कथित रूप से गहलोत सरकार को गिराने के लिए किए गए षड्यंत्र से जुड़ी बातचीत रिकॉर्ड है। भाजपा ने इन टेपों की जांच सीबीआई से कराने की मांग करते हुए आरोप लगाया कि राजस्थान सरकार लोगों के फोन टैप करवा रही है। राजस्थान एसीबी के महानिदेशक आलोक त्रिपाठी ने कहा कि एजेंसी ने कांग्रेस के मुख्य सचेतक महेश जोशी की शिकायत के आधार पर प्राथमिकी दर्ज की है। प्राथमिकी में बागी विधायक भंवरलाल शर्मा की गजेन्द्र सिंह और एक अन्य व्यक्ति संजय जैन के साथ बातचीत का विस्तृत ब्योरा है। कांग्रेस का दावा है कि ऑडियो टेप में जिस गजेंद्र सिंह शेखावत का नाम आ रहा है वह केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ही हैं।