सचिन पायलट बोले, कांग्रेस से दुखी हूं लेकिन BJP ज्वाइन नहीं करूंगा, चुप्पी तोड़ बताया क्यों की बगावत
By पल्लवी कुमारी | Published: July 15, 2020 09:34 AM2020-07-15T09:34:43+5:302020-07-15T09:34:43+5:30
राजस्थान के डिप्टी सीएम पद और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाए जाने के बाद सचिन पायलट (Sachin Pilot) ने पहली बार चुप्पी तोड़ी है। सचिन पायलट ने कहा, सीएम अशोक गहलोत ने विकास के कोई कार्य नहीं किए हैं राजस्थान में। सत्ता में आने के बाद गहलोत जी ने कुछ नहीं किया।
नई दिल्ली: राजस्थान के डिप्टी सीएम पद से हटाए जाने के बाद सचिन पायलट का आज (15 जुलाई) पहला इंटरव्यू आया है। इस इंटरव्यू में सचिन पायलट ने साफ-साफ कहा है कि वह भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल नहीं होने वाले हैं। इंडिया टूडे मैगजीन को दिए इंटरव्यू में सचिन पायलट ने कहा, ''मैं आपको साफ-साफ बता देना चाहता हूं कि मैं बीजेपी में शामिल नहीं होने वाला हूं। इस वक्त मैं बस इतना ही कह सकता हूं कि मैं अपने लोगों के लिए काम करना जारी रखूंगा। सचिन पायलट ने कहा, मैं कांग्रेस से दुखी हूं लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि मैं बीजेपी में शामिल होने वाला हूं। मैं बस जनता की सेवा करूंगा।''
I’m not joining BJP: Sachin Pilot to ANI pic.twitter.com/DhbVJs2X4b
— ANI (@ANI) July 15, 2020
सचिन पायलट ने बताया क्यों कि बगावत
सचिन पायलट से पूछा गया कि आखिर ऐसा क्या हुआ कि उन्होंने राजस्थान में बगावत की, मतभेदों पर चर्चा क्यों नहीं की? सचिन पायलट ने जवाब दिया- कांग्रेस पार्टी के अंदर चर्चा का कोई मंच बचा ही नहीं था। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सत्ता में आने के बाद से कुछ भी नहीं किया। सचिन पायलट ने कहा, मुझे राजस्थान में विकास का काम नहीं करने दिया गया। यहां तक की अफसरों को भी कह दिया गया था कि वह मेरे आदेशों का पालन ना करें। ऐसे पद को लेकर फिर मैं क्या करता जब जनता से किए वादे ही मैं पूरे ना कर सका तो।''
सचिन पायलट से जब पूछा गया कि आखिर वह मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से नाराज क्यों हैं? तो सचिन पायलट ने कहा, मैं अशोक गहलोत से नाराज नहीं हूं...मैंने उनसे कोई खास ताकत भी नहीं मांगी थी। मैं बस ये चाहता कि जनता से किए गए वादे पूरे हो। सचिन पायलट ने कहा, मेरे समर्थकों को विकास के कार्य करने का भी मौका भी नहीं मिला था।
सचिन पायलट ने कहा, मैंने बिना किसी परेशानी और कुछ बोले राहुल गांधी के फैसले ((अशोक गहलोत का सीएम बनना) को मान लिया। मैं डेप्युटी सीएम भी नहीं बनना चाहता था लेकिन राहुल गांधी के कहने पर मैंने बना।
सचिन पायलट ने कहा, अशोक गलहोत ने जो दावा किया है कि मैंने राजस्थान में बीजेपी के साथ मिलकर सरकार गिराने की साजिश की है, उसमें कोई सच्चाई नहीं है। मैंने राजस्थान में कांग्रेस को जिताने के लिए जीतोड़ मेहनत की है, मैं क्यों पार्टी के खिलाफ काम करूंगा?
सचिन पायलट ने कहा, मेरे आत्मसम्मान को उस वक्त चोट पहुंची, जब पुलिस ने मुझे राजद्रोह का नोटिस थमा दिया। 2019 में हम लोग ऐसे कानून को हटाने की मांग कर रहे थे और कांग्रेस की ही सरकार अपने मंत्रियों को इस तरह का नोटिस थमा रही है।
सचिन पायलट ने कहा, मैंने जो कदम उठाया है वह अन्याय के खिलाफ था। मैं विधायक दल की बैठक में इसलिए नहीं गया क्योंकि सीएम ने बैठक अपने घर पर बुलाई थी। पार्टी दफ्तर में नहीं।
कांग्रेस ने राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार के खिलाफ बगावत करने वाले सचिन पायलट के विरूद्ध सख्त कदम उठाते हुए उन्हें मंगलवार (14 जुलाई) को उप मुख्यमंत्री और पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष पदों से हटा दिया। इसके साथ ही पार्टी ने पायलट के साथ गए सरकार के दो मंत्रियों विश्वेंद्र सिंह और रमेश मीणा को भी उनके पदों से तत्काल प्रभाव से हटा दिया है।