रुपेश हत्याकांड पर भड़के सीएम नीतीश, बीच सड़क डीजीपी को मिलाया फोन, कहा-2005 के पहले क्या था और अब क्या है?

By एस पी सिन्हा | Published: January 15, 2021 03:32 PM2021-01-15T15:32:05+5:302021-01-16T12:18:25+5:30

बिहार में अपराध लगातार बढ़ रहा है. इस बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से पत्रकारों ने सवाल पूछ लिया. सीएम साहब आपा खो बैठे.

rupesh singh murder case cm nitish kumar lashes out on reporters over question lalu yadav rabri devi raj | रुपेश हत्याकांड पर भड़के सीएम नीतीश, बीच सड़क डीजीपी को मिलाया फोन, कहा-2005 के पहले क्या था और अब क्या है?

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्रकारों के तीखों सवालों से गुजरना पड़ा. (file photo)

Highlights मुख्यमंत्री तकरीबन 10 मिनट तक पत्रकारों से उलझते रहे. अपने राज को छोड़कर 16 साल पहले के राज की दुहाई देने लगे.रुपेश हत्याकांड को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने मीडिया पर ही अपनी भड़ास निकाल दी.

पटनाः बिहार में कानून व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति और पटना में रुपेश हत्याकांड को लेकर नीतीश कुमार और पत्रकारों के बीच आज काफी देर तक बहस होती रही.

यह सब कुछ सार्वजनिक तौर पर हुआ. मुख्यमंत्री तकरीबन 10 मिनट तक पत्रकारों से उलझते रहे. पत्रकार सवाल दागते रहे और नीतीश कुमार यह आरोप लगाने से भी नहीं चूके कि पत्रकार विपक्ष की भाषा बोल रहे हैं. दरअसल, इंडिगो के एयरपोर्ट स्टेशन मैनेजर रुपेश कुमार सिंह की हत्या के 2 दिन गुजर जाने के बाद भी अब तक पुलिस के हाथ खाली है.

हर दावे के बावजूद पुलिस अब तक के अपराधियों का कोई सुराग नहीं लगा पाई है. लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अपनी पुलिस के ऊपर सवाल उठाना पसंद नहीं है. ऐसे में बिहार में कानून-व्यवस्था की विफलता के बाद नीतीश कुमार बुरी तरह से खींचे हुए हैं.

अपने राज को छोड़कर 16 साल पहले के राज की दुहाई देने लगे

आज नीतीश कुमार से जब रुपेश हत्याकांड को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने मीडिया पर ही अपनी भड़ास निकाल दी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्रकारों के तीखों सवालों से गुजरना पड़ा. पत्रकारों के सवालों से नीतीश कुमार इतने बौखला गए कि उन्होंने अपने राज को छोड़कर 16 साल पहले के राज की दुहाई देने लगे.

इतना ही नहीं जब उनसे ये पूछा गया कि सरकार का 'इकबाल' कहां है? तो नीतीश कुमार ने बचाव करने के अंदाज में कहा कि बिहार समूचे देश में अपराध के मामले में 23वें स्थान पर है. नीतीश सरकार अपने पुलिस प्रशासन का बचाव इस हद तक जाकर करने लगेंगे, ये किसी ने नहीं सोचा था. इतना ही नहीं नीतीश कुमार ने उस जुमले को भी सही साबित किया जिसमे लोग अमूमन ये कहते हैं 'उल्टा चोर कोतबाल को डांटे'. नीतीश कुमार उलटे ही पत्रकारों से ही सवाल पूछ डाला.

मुख्यमंत्री ने कहा कि आप जंगलराज को भूल गए क्या?

हालांकि उन्होंने कहा कि दोषियों को जल्द पकड़ा जाएगा. एक-एक चीज की जांच चल रही है. मुझे पुलिस पर पूरा भरोसा है. जो अपराध करते हैं, उन्हें निश्चित रूप से पकड़ा जाता है. पत्रकारों ने बिहार में अपराध से जुडे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से एक के बाद एक कई सवाल किए. इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि आप जंगलराज को भूल गए क्या? 

मुख्यमंत्री ने राजद पर भी निशाना साधते हुए कहा कि वर्ष 2005 के पहले पति-पत्नी की राज में काफी हिंसा और अपराध होते थे. पत्रकारों से चर्चा के दौरान नीतीश कुमार ने कहा कि यह दुखद है कि किसी की हत्या होती है, लेकिन यह जान लीजिए हत्या का कोई न कोई कारण होता ही है.

घटना घटी है इस पर स्पेशल टीम लगाई गई है

उन्होंने कहा कि घटना के बाद पुलिस खोजबीन कर उस अपराधी को भी पकड़ती है और अभी जो घटना घटी है इस पर स्पेशल टीम लगाई गई है. मैंने खुद घटना के बाद डीजीपी से पूछा और स्पेशल टीम बना कर अपराधियों को पकड़ने के लिए कहा. अब आप ही बताइए कि कोई भी क्या अनुमति लेकर हत्या करता है क्या? आप में से किसी को मालूम है, अगर मालूम है तो बताइए.

अगर कहीं से भी पता चले कि किसकी हत्या किसने किया है और आपको किसी पर संदेह है तो आपको बताना चाहिए. आपका यह सवाल गलत है आप पुलिस का मनोबल गिरा रहे हैं. इसके बाद नीतीश कुमार खुद पत्रकारों से पूछ बैठे कि आप ही बताइए कि 2005 के पहले क्या था और अब क्या है? मैं आपसे पूछता हूं कि बताइए क्या था पहले और अब?

पत्रकारों को यहां तक कह डाला कि आप किसकी तरफ से पत्रकारिता कर रहे हैं?

मुख्यमंत्री ने इस दौरान मीडिया के सामने यह भी कहा कि अगर आपको किसी अपराध के बारे में जानकारी मिलती है तो सीधा हमें बताइए. पटना के बिहार में सब कुछ ठीक है और मीडिया को इस तरह पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाकर उसे अब ऑनलाइन नहीं करना चाहिए. मुख्यमंत्री रुपेश हत्याकांड को लेकर सवाल पूछे जाने से इतने बुरी तरह भडके हुए थे कि उन्होंने मीडिया को जमकर खरी-खोटी सुना दी. पत्रकारों को यहां तक कह डाला कि आप किसकी तरफ से पत्रकारिता कर रहे हैं?

मुख्यमंत्री के इतना कहने के बाद पत्रकारों ने उनसे उल्टे सवाल कर दिया. मीडिया ने पूछा कि आखिर वह सूचना दें तो किसे दें? नीतीश कुमार ने इस पर जवाब देते हुए कहा कि जानकारी सीधे बिहार के डीजीपी को दीजिए. तब पत्रकारों ने यह आरोप लगाया कि बिहार के डीजीपी, आईजी आदि अधिकारी फोन नहीं उठाते हैं.

नीतीश कुमार ने खुद डीजीपी को फोन मिला दिया

मीडिया कर्मियों की तरफ से बार-बार यह कहे जाने के बाद कि डीजीपी को फोन मिला कर देख लीजिए, वह फोन नहीं उठाते हैं तो नीतीश कुमार ने खुद डीजीपी को फोन मिला दिया. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने फोन घुमाते ही डीजीपी एसके सिंघल तुरंत हरकत में आ गए और फोन की दो रिंग के बाद ही उठा लिया. तब नीतीश कुमार ने यह कहा कि फोन उठाया करिए डीजीपी साहब.

दरअसल, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज आर ब्लॉक दीघा पुल का उद्घाटन करने पहुंचे थे और इसी दौरान मीडिया ने उनसे सवाल पूछना शुरू कर दिया. यहां बता दें कि इंडिगो के एयरपोर्ट स्टेशन मैनेजर रुपेश कुमार सिंह की हत्या के 2 दिन गुजर जाने के बाद भी अब तक पुलिस के हाथ खाली है. हर दावे के बावजूद पुलिस अब तक अपराधियों का पता नहीं कर पाई है.

वहीं, नीतीश कुमार द्वारा मीडिया के सामने इस तरह के हरकत को देखकर विपक्ष ने हमला कर दिया है. राजद ने नीतीश कुमार पर ट्विटर हैंडल के जरिये पलटवार कर दिया है. राजद ने ट्वीट करते हुए लिखा कि, “सवाल दागते पत्रकारों को देखते ही नीतीश कुमार हर बार आपा क्यों खो बैठते हैं? मानो बोल रहे हों- अरे तुम्हारे मालिक को इतना पैसा भिजवाते हैं, प्रचार के द्वारा कमवाते हैं और तुम हम पर सवाल दागोगे? नौकरी से मन भर गया है या जीवन से? पत्रकारों के सवालों से यह झल्लाहट क्या दिखाता है?”

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