छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज में कटौती पर फूटा कांग्रेस का गुस्सा, बताया- संवेदनहीन और मूर्खतापूर्ण कदम
By भाषा | Published: April 1, 2020 05:31 PM2020-04-01T17:31:23+5:302020-04-01T17:31:23+5:30
सरकार ने मंगलवार को राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र और लोक भविष्य निधि समेत लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दरें 2020-21 की पहली तिमाही के लिये 1.4 प्रतिशत तक घटा दीं।
नई दिल्ली। कांग्रेस ने राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र और लोक भविष्य निधि समेत लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दरें कम करने के फैसले को ''संवेदनहीन और मूर्खतापूर्ण'' करार देते हुए बुधवार को सरकार से आग्रह किया कि इस कटौती को वापस लिया जाए और अगले तीन महीने के लिए ईएमआई पर ब्याज माफ किया जाए।
पार्टी प्रवक्ता जयवीर शेरगिल ने यह भी कहा कि भाजपा सरकार को ''मुनाफा मेरा और नुकसान तेरा'' नीति त्याग देनी चाहिए। उन्होंने वीडियो लिंक के माध्यम से संवाददाताओं से कहा, ''देश कोरोना वायरस के संकट से गुजर रहा है। आज जब देशवासी कोरोना, आर्थिक मंदी, महंगाई की मार झेल रहा है, तो उसे केंद्र सरकार से राहत की उम्मीद थी। लेकिन आज एक अमानवीय आदेश के जरिए केंद्र सरकार ने छोटी बचत पर ब्याज दर में कटौती कर दी।''
उन्होंने आरोप लगाया कि यह निर्णय संवेदनहीन और मूर्खतापूर्ण है। शेरगिल ने कहा, ''इससे पहले मार्च के महीने में स्टेट बैंक ने बचत खातों पर ब्याज में कमी कर दी थी। एफडी का ब्याज भी कम कर दिया गया। इससे लोगों को 7000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। भाजपा को "मुनाफा मेरा, नुकसान तेरा" वाली नीति को त्याग देना चाहिए।''
उन्होंने कहा,''हमारी दो मांगें हैं। पहली कि ब्याज दरों में कटौती को वापस लिया जाए। दूसरी कि अगले तीन महीने के लिए ईएमआई पर ब्याज माफ किया जाए।'' गौरतलब है कि सरकार ने मंगलवार को राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र और लोक भविष्य निधि समेत लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दरें 2020-21 की पहली तिमाही के लिये 1.4 प्रतिशत तक घटा दीं। बैंक जमा दरों में कटौती के बीच यह कदम उठाया गया है।