मैं जननायक कर्पूरी ठाकुर की मृत्यु के बाद 32 वर्षों तक आपके पीछे खड़ा रहा लेकिन अब नहीं, रघुवंश सिंह ने दिया इस्तीफा, पढ़िए पत्र
By एस पी सिन्हा | Published: September 10, 2020 04:27 PM2020-09-10T16:27:13+5:302020-09-10T16:29:16+5:30
रघुवंश प्रसाद सिंह ने लिखा है कि ‘जननायक कर्पूरी ठाकुर के निधन के बाद 32 वर्षों तक आपके पीछे-पीछे खड़ा रहा. लेकिन अब नहीं. पार्टी नेता कार्यकर्ता और आमजनों ने बडा स्नेह दिया. मुझे क्षमा करें.’
पटनाः बिहार विधानसभा चुनाव से पहले राजद को आज एक और बड़ा झटका लगा है. पार्टी के वरिष्ठ नेता और डा. रघुवंश प्रसाद सिंह ने दल की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है.
उन्होंने पार्टी से नाता तोड़ते हुए सादे कागज पर इस्तीफा लिखकर पार्टी आलाकमान को भेजा है. इस्तीफे में उन्होंने राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव को संबोधित करते हुए अपनी बातों को रखा है. वे पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पद से पहले हीं इस्तीफा दे चुके थे. डा. रघुवंश प्रसाद सिंह दिल्लीएम्स में भर्ती हैं और वहीं से उन्होंने अपने इस्तीफे का एलान किया है.
रघुवंश प्रसाद सिंह ने लिखा है कि ‘जननायक कर्पूरी ठाकुर के निधन के बाद 32 वर्षों तक आपके पीछे-पीछे खड़ा रहा. लेकिन अब नहीं. पार्टी नेता कार्यकर्ता और आमजनों ने बडा स्नेह दिया. मुझे क्षमा करें.’ उन्होंने अपना इस्तीफा दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के आइसीयू में भर्ती होने के बाद इलाज के दौरान हाथ से लिखकर भेजा है.
रघुवंश प्रसाद सिंह बीते कुछ समय से दिल्लीएम्स में इलाज करा रहे हैं
डा. रघुवंश प्रसाद सिंह बीते कुछ समय से दिल्ली एम्स में इलाज करा रहे हैं. इसके पहले पटना एम्स में कोरोना का इलाज कराने के दौरान उन्होंने पार्टी उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था. हालांकि, न तो उनका उपाध्यक्ष पद से इप्तीफा स्वीकार किया गया है, न ही पार्टी से.
माना जाता है कि डा. रघुवंश प्रसाद सिंह राजद में रामा सिंह की एंट्री को लेकर पार्टी से नाराज चल रहे थे. पहले भी उन्होंने इसका विरोध किया था. बाद में सारा मामला शांत होता दिख रहा था. आखिरकार उन्होंने राजद से इस्तीफा से दे दिया है. यहां बता दें कि डा. रघुवंश प्रसाद सिंह की तबीयत दोबारा बिगड़ गई थी.
रघुवंश प्रसाद सिंह के राजद से इस्तीफे के बाद राजनीति भी शुरू हो गई
इसके बाद उन्हें दिल्ली के एम्स के आईसीयू में एडमिट कराया गया है. अभी एम्स में ही उनका इलाज चल रहा है. बिहार में होने जा रहे विधानसभा चुनाव के ठीक पहले उनका इस्तीफा राजद के लिए किसी झटके से कम नहीं है. डा. रघुवंश प्रसाद सिंह के राजद से इस्तीफे के बाद राजनीति भी शुरू हो गई है.
जदयू प्रवक्ता राजीव रंजन ने रघुवंश बाबू के इस्तीफे पर राजद को घेरा है. उन्होंने कहा है कि ‘उनका इस्तीफा राजद की ताबूत में आखिरी कील साबित होगा. राजद में रघुवंश बाबू का दम घुट रहा था. आखिरकार उन्होंने इस्तीफा दे दिया है. उनका फैसला स्वागतयोग्य है.’
सबसे बडी बात तो यह है कि डा. रघुवंश प्रसाद सिंह बिहार की राजनीति में रघुवंश बाबू के नाम से प्रसिद्ध हैं. उनका राजनीतिक कैरियर काफी पुराना है और बिहार की जनता पर उनकी काफी पकड रही है. अब उनके इस्तीफे से राजद में एक बडा खालीपन आ चुका है. वह लगातार राजद के प्रति समर्पित रहे हैं.
राजद के वरिष्ठ नेता रघुवंश प्रसाद सिंह ने पार्टी से दिया इस्तीफा
रघुवंश प्रसाद सिंह के नजदीकी केदार यादव ने राजधानी दिल्ली से फोन पर बताया कि उन्हें मनाने का प्रयास किया जा रहा है. रघुवंश प्रसाद सिंह पूर्व सांसद रामा सिंह को राजद में शामिल किए जाने की चर्चा से कथित तौर पर नाखुश हैं और उन्होंने 23 जून को तब राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के पद से इस्तीफा दे दिया था जब वह कारोना वायरस संक्रमण से पीड़ित होने के कारण पटना एम्स में भर्ती थे.
2014 के लोकसभा चुनाव में रामा सिंह ने रामविलास पासवान की पार्टी लोजपा के उम्मीदवार के तौर पर रघुवंश प्रसाद सिंह को वैशाली लोकसभा सीट पर हराया था. राजद बिहार इकाई के अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने कहा कि उन्हें इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है.
रघुवंश प्रसाद सिंह के इस्तीफे का पत्र सोशल मीडिया पर वायरल होने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘ मैं इसकी पुष्टि करने की भी कोशिश कर रहा हूं.’’ उन्होंने कहा कि उन्हें त्यागपत्र की कोई प्रति नहीं मिली है और न ही अभी तक सूचित किया गया है. बिहार में सत्ताधारी राजग में शामिल भाजपा, जदयू और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा ने रघुवंश प्रसाद सिंह के राजद छोड़ने के फैसले का स्वागत किया है.
Rashtriya Janata Dal (RJD) leader Raghuvansh Prasad Singh resigns from the party.
— ANI (@ANI) September 10, 2020
He is currently admitted at All India Institute of Medical Sciences (AIIMS), Delhi. (File pic) pic.twitter.com/rlOxUDfvUU