राम मंदिर भूमि पूजनः बिछी राजनीतिक बिसात, कांग्रेस और भाजपा होंगे आमने-सामने
By शीलेष शर्मा | Published: August 4, 2020 06:18 PM2020-08-04T18:18:45+5:302020-08-04T18:18:45+5:30
प्रियंका गाँधी ने कहा, "युग युगांतर से राम का चरित्र भारतीय भू-भाग में मानवता को जोड़ने का सूत्र रहा है। राम शबरी के हैं, सुग्रीव के, वाल्मीकि के, भास् के, कम्बन के, कबीर के, तुलसी दास के और रैदास के भी। बापू ने रघुपति राघव राजा राम, बारिस अली ने जो रब है वही राम है, कह कर राम से अपने को जोड़ा।"
नई दिल्लीः अयोध्या में राम मंदिर के भूमि पूजन के साथ ही राजनीतिक दलों ने बिसात बिछानी शुरू कर दी है। कांग्रेस को इस बात का एहसास है कि भाजपा राम मंदिर के भूमि पूजन के साथ ही इसका राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश करेगी, नतीजा कांग्रेस ने भूमि पूजन के पहले ही अपने पासे चलकर यह साफ़ कर दिया कि कांग्रेस भी पीछे नहीं रहेगी।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने बयान जारी कर इसके साफ़ संकेत दिए। वह राम मंदिर के समर्थन में खुल कर सामने आयीं। प्रियंका गाँधी ने कहा, "युग युगांतर से राम का चरित्र भारतीय भू-भाग में मानवता को जोड़ने का सूत्र रहा है। राम शबरी के हैं, सुग्रीव के, वाल्मीकि के, भास् के, कम्बन के, कबीर के, तुलसी दास के और रैदास के भी। बापू ने रघुपति राघव राजा राम, बारिस अली ने जो रब है वही राम है, कह कर राम से अपने को जोड़ा।"
प्रियंका के इस बयान में साफ़ झलकता है कि राम किसी की व्यक्तिगत सम्पत्ति नहीं हैं, उनपर सभी का अधिकार है, वे भाजपा के दावे को नकारना चाहती हैं। भाजपा और जनता को यह प्रियंका का सीधा सन्देश था। प्रियंका के साथ साथ कमलनाथ, अशोक गहलोत, रणदीप सुरजेवाला जैसे तमाम काँग्रेसी नेता राम मंदिर के पक्ष में खड़े हो गए हैं।
कांग्रेस अब यह भी प्रचार कर रही है कि रामजन्म भूमि का ताला खुलवाने वाले कोई और नहीं राजीव गांधी थे। प्रियंका ने ट्वीट भी किया, भगवान राम और माता सीता के सन्देश और उनकी कृपा के साथ राम लला के मंदिर के भूमि पूजन का कार्यक्रम राष्ट्रीय एकता, बंधुत्व और सांस्कृतिक समागम का अवसर बने।
कांग्रेस सोशल मीडिया पर भी इस मुद्दे को लेकर सक्रिय है। वह ज़ोर शोर से भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी का एक इंटरव्यू प्रचारित कर रही है जिसमें स्वामी कहते हैं कि मंदिर का ताला खुलवाने वाले राजीव गाँधी थे। कांग्रेस की पूरी कोशिश है कि वह मोदी द्वारा भूमि पूजन किये जाने के बावजूद उसका राजनीतिक श्रेय न लेने पाएं।
सरलता, साहस, संयम, त्याग, वचनवद्धता, दीनबंधु राम नाम का सार है। राम सबमें हैं, राम सबके साथ हैं।
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) August 4, 2020
भगवान राम और माता सीता के संदेश और उनकी कृपा के साथ रामलला के मंदिर के भूमिपूजन का कार्यक्रम राष्ट्रीय एकता, बंधुत्व और सांस्कृतिक समागम का अवसर बने।
मेरा वक्तव्य pic.twitter.com/ZDT1U6gBnb