राज्यसभा चुनावः कर्नाटक में बीजेपी को तीसरी सीट नहीं जीतने देगी कांग्रेस, जानिए कैसे फंसा पेंच

By शीलेष शर्मा | Published: June 9, 2020 07:48 AM2020-06-09T07:48:25+5:302020-06-09T07:48:25+5:30

कर्नाटक में राज्यसभा चुनाव जीतने के लिए प्रत्येक उम्मीदवार को 44 विधायकों के समर्थन की आवश्यकता होगी. खड़गे को अपने दम पर चुनाव जिताने में कांग्रेस को कोई कठिनाई नहीं है.

Rajya Sabha elections: Congress bjp fight in Karnataka, mallikarjun kharge, hd deve gowda, sonia gandhi | राज्यसभा चुनावः कर्नाटक में बीजेपी को तीसरी सीट नहीं जीतने देगी कांग्रेस, जानिए कैसे फंसा पेंच

राज्यसभा चुनाव के लिए कर्नाटक में कांग्रेस और बीजेपी के बीच कड़ा मुकाबला है। (फाइल फोटो)

Highlightsएचडी देवेगौड़ा पहली बार प्रधानमंत्री का पद छोड़ने के बाद राज्यसभा में पहुंचेंगे.जदएस उम्मीदवार के रूप में देवेगौड़ा के पास अपनी पार्टी के 34 विधायकों का समर्थन है.

नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने गुजरात में विधायकों की टूट के बाद बिखराव रोकने के लिए कर्नाटक में पूर्व प्रधानमंत्री एच. डी. देवेगौड़ा को राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस के अतिरिक्त विधायकों को उनका समर्थन करने के निर्देश दिए हैं. सोनिया के इस फैसले से कर्नाटक में भाजपा को करारा झटका लगेगा क्योंकि भाजपा राज्य में तीसरी सीट जीतने के लिए जोड़-तोड़ कर रही थी.

उल्लेखनीय है कि कांग्रेस को खुद के 68 विधायकों का समर्थन प्राप्त है और वह पहले ही मल्लिकार्जुन खड़गे को इन चुनावों के लिए अपना उम्मीदवार घोषित कर चुकी है. पहले उसका इरादा एक और उम्मीदवार चुनाव में उतारने का था लेकिन गुजरात प्रकरण के बाद पार्टी ने अपना इरादा बदल दिया तथा अपने विधायकों को एकजुट रखने में सक्रिय हो गई. यह सक्रियता उस समय तेज हो गई जब उसे पता चला कि भाजपा तीसरा उम्मीदवार उतारने पर विचार कर रही है.

कांग्रेस को इस बात का पूरा आभास था कि एच. डी. कुमारस्वामी की सरकार गिराने के लिए भाजपा ने 'ऑपरेशन कमल' चलाकर तोड़फोड़ की, गुजरात, मध्यप्रदेश में जिस तरह इसे दोहराया गया वही खेल भाजपा कर्नाटक में फिर खेल सकती है अत: सोनिया ने जनता दल सेक्युलर (जदएस) को अपने अतिरिक्त विधायकों का समर्थन देने का निर्णय लेकर जहां टूट को रोक दिया वहीं भाजपा की तीसरी सीट जीतने की मंशा पर भी विराम लगा दिया.

हर उम्मीदवार को 44 विधायकों के समर्थन की जरूरत

गौरतलब है कि राज्य में राज्यसभा चुनाव जीतने के लिए प्रत्येक उम्मीदवार को 44 विधायकों के समर्थन की आवश्यकता होगी. खड़गे को अपने दम पर चुनाव जिताने में कांग्रेस को कोई कठिनाई नहीं है. अतिरिक्त 24 विधायकों का समर्थन पार्टी ने पूर्व प्रधानमंत्री देवेगौड़ा को देने का फैसला किया है जिसकी पुष्टि देवेगौड़ा के बेटे कुमारस्वामी ने ट्वीट के जरिये की. सोमवार सुबह ही सोनिया ने देवेगौड़ा से फोन पर बातचीत की और उन्हें चुनाव मैदान में उतरने को कहा.

मल्लिकार्जुन खड़गे पहली बार पहुंचेंगे राज्यसभा

87 वर्षीय देवेगौड़ा पहली बार प्रधानमंत्री का पद छोड़ने के बाद राज्यसभा में पहुंचेंगे, खड़गे भी राज्यसभा में पहली बार जाएंगे. जदएस उम्मीदवार के रूप में देवेगौड़ा के पास अपनी पार्टी के 34 विधायकों का समर्थन है और उन्हें चुनाव जीतने के लिए 10 और विधायकों के समर्थन की आवश्यकता होगी जो कांग्रेस उनको उपलब्ध कराएगी. 19 जून को 18 सीटों के लिए होनेवाले चुनाव में कांग्रेस और भाजपा एक-एक सीट पर पूरी ताकत झोंक रही है. कर्नाटक में राज्यसभा की 4 सीटों के लिए चुनाव होने हैं.

गुजरात में भाजपा की चाल से कांग्रेस है बौखलाई

गुजरात में कांग्रेस विधायकों को जिस तरह भाजपा ने तोड़ा उससे कांग्रेस बौखलाई हुई है और वह हर उस कोशिश में लगी है की भाजपा को जहां संभव हो मात दी जा सके. अपने विधायकों के टूटने के डर से कांग्रेस ने गुजरात से कुछ विधायकों को जयपुर रवाना कर दिया है जहां कांग्रेस की सरकार है और जल्द ही बचे हुए विधायकों को भी राजस्थान भेजने की तैयारी है. मध्यप्रदेश में दूसरा उम्मीदवार जिताने के लिए कमलनाथ और दिग्विजय सिंह जीतोड़ कोशिश कर रहे हैं लेकिन अभी तक ऐसे कोई संकेत नहीं मिले हैं कि वे भाजपा विधायकों को तोड़ने में कामयाबी पा चुके हैं. 

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