विपक्ष को महंगी पड़ेगी राज्यसभा उप-सभापति चुनाव में मिली शिकस्त, जानें हार के 5 बड़े कारण
By आदित्य द्विवेदी | Published: August 9, 2018 07:14 PM2018-08-09T19:14:15+5:302018-08-09T19:14:15+5:30
एनडीए की ओर से जेडीयू उम्मीदवार हरिवंश ने कांग्रेस प्रत्याशी बीके हरिप्रसाद को मात दे दी है। विपक्ष को महंगा पड़ सकता है एनडीए का ये दांव।
नई दिल्ली, नौ अगस्तः राज्यसभा में उपसभापति चुनाव में एनडीए ने अप्रत्याशित रूप से बाजी मार लिए। एनडीए की ओर से जेडीयू उम्मीदवार हरिवंश राज्यसभा के उपसभापति चुन लिए गए हैं। उन्होंने कांग्रेस के बीके हरिप्रसाद को हराया। राज्यसभा में हरिवंश के पक्ष में कुल 125 वोट पड़े और विरोध में 105 वोट मिले। राज्यसभा में बहुमत ना होने के बावजूद एनडीए की जीत उनके आत्मविश्वास के स्तर को बताती है। लेकिन विपक्ष के लिए यह महंगा साबित हो सकता है। माना जा रहा है कि अमित शाह की सक्रिय रणनीति और राहुल गांधी की सुस्ती बीके हरिप्रसाद की हार का कारण बनी। जानें, इन चुनाव के पांच निर्णायक फैक्टर क्या रहे।
1. राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू ने अचानक उप-राष्ट्रपति चुनाव की घोषणा कर दी। संसद का मॉनसून सत्र 10 अगस्त को समाप्त हो रहा है। विपक्ष मानकर चल रहा था कि इस सत्र में चुनाव नहीं होगा। एनडीए ने अपनी तैयारी पूरी कर रखी थी लेकिन विपक्ष को इसके लिए पूरा वक्त नहीं मिला।
2. उपसभापति चुनाव की घोषणा होने के बाद एनडीए ने हरिवंश की उम्मीदवारी की फौरन घोषणा कर दी। लेकिन यूपीए प्रत्याशी को लेकर उलझन में फंसा रहा। पहले एनसीपी की वंदना चव्हाण के नाम की चर्चा थी लेकिन आखिरी वक्त में कांग्रेस के बीके हरिप्रसाद का पत्ता खुला। इसका नुकसान यह हुआ कुछ अन्य विपक्षी दलों ने हरिवंश को वोट देने का आश्वासन दे दिया था।
3. बीजेपी ने अपनी पार्टी का उम्मीदवार ना उतारते हुए जेडीयू के हरिवंश को उम्मीदवार बनाया। लेकिन कांग्रेस ने अपनी ही पार्टी का उम्मीदवार बनाया। बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अतिसक्रियता दिखाते हुए कई सहयोगी दलों से बात-चीत की। कांग्रेस ने जीत के आत्मविश्वास में सिर्फ उम्मीदवार की घोषणा करके इतिश्री कर ली। एआईएडीएमके, टीआरएस और बीजेडी जैसे दलों ने विपक्ष में होने के बाद भी एनडीए उम्मीदवार के पक्ष में वोटिंग की। हालांकि राहुल गांधी कोशिश करते तो इन दलों का समर्थन हासिल कर सकते थे।
4. आम आदमी पार्टी सांसद संजय सिंह कहते रहे कि समर्थन के लिए राहुल गांधी को अरविंद केजरीवाल से बात करनी चाहिए। लेकिन शायद यह संभव नहीं हो सका। आम आदमी पार्टी, वाईएसआर कांग्रेस और पीडीपी ने राज्यसभा उपसभापति चुनाव में मतदान का हिस्सा नहीं लिया।
5. कांग्रेस अध्यक्ष दो मोर्चों पर विफल रहे। पहला अपने सहयोगी दलों को साध नहीं पाए और दूसरा एनडीए के नाराज दलों का फायदा नहीं उठाए। जेडीयू का प्रत्याशी बनाए जाने पर शिवसेना और अकाली दल ने नाराजगी जाहिर की थी। राहुल गांधी इसका फायदा नहीं उठा सके।
इन्हीं कारणों से बहुमत ना होने के बावजूद एनडीए प्रत्याशी ने जीत दर्ज की। और बहुमत होने के बावजूद विपक्ष के संयुक्त प्रत्याशी को हार का सामना करना पड़ा। हरिवंश की जीत पर कांग्रेस ने उन्हें बधाई दी है। कांग्रेस ने कहा कि अब वो सभी के उपसभापति हैं। उनका पत्रकारीय अनुभव काम आएगा।
चुनाव का नतीजा आने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राज्य सभा में पहुँचे और हरिवंश की सीट पर जाकर जीत की बधाई दी। पीएम मोदी ने हरिवंश को बधाई देते हुए उच्च सदन को उनके जीवन वृत्त से परिचय कराया। पीएम मोदी ने बताया कि हरिवंश ने दो साल तक हैदराबाद में भी काम किया है। पीएम ने हरिवंश के बनारस से पढ़ाई-लिखाई करने का भी जिक्र किया। पीएम ने सदन को बताया कि हरिवंश ने मुंबई, दिल्ली, कोलकाता में काम किया है।
पीएम मोदी ने बताया कि हरिवंश को चंद्र शेखर जी के इस्तीफे की खबर थी लेकिन उन्होंने खुद के अखबार को भी इसकी खबर नहीं दी। पीएम ने बताया कि जब हरिवंश ने प्रभात खबर ज्वाइन किया तो उसका सर्कुलेशन 400 था। करीब तीन दशकों में उन्होंने अखबार को राज्य के अग्रणी समाचार पत्र में ला दिया। पीएम मोदी ने बताया कि दशरथ माँझी की खबर को दुनिया के सामने हरिवंश लेकर आए थे।
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