राजस्थान में सियासी ड्रामाः कांग्रेस ने आज बुलाई विधायक दल की बैठक, व्हिप जारी, कहा- गैरहाजिर रहने वाले पर होगी कार्रवाई
By रामदीप मिश्रा | Published: July 13, 2020 05:44 AM2020-07-13T05:44:37+5:302020-07-13T07:59:14+5:30
राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी अविनाश पांडे ने बताया है कि 109 विधायकों ने सीएम अशोक गहलोत, सोनिया गांधी और राहुल गांधी के नेतृत्व में सरकार के प्रति विश्वास और समर्थन व्यक्त करते हुए एक पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं।
जयपुरः राजस्थान में नया सियासी बवंडर खड़ा हो गया है। प्रदेश के उप मुख्यमंत्री व कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट के बगावती तेवर खुले मंच पर सामने आ गए हैं, जिसके बाद राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार संकट में दिखाई देने लगी है। इस बीच कांग्रेस ने आज विधायक दल की बैठक बुलाई है, जिसको लेकर उसने रविवार रात व्हिप जारी कर दी है।
राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी अविनाश पांडे ने बताया है कि 109 विधायकों ने सीएम अशोक गहलोत, सोनिया गांधी और राहुल गांधी के नेतृत्व में सरकार के प्रति विश्वास और समर्थन व्यक्त करते हुए एक पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं। कुछ विधायकों ने सीएम के साथ टेलीफोन पर बातचीत की और वे सुबह तक समर्थन पत्र पर हस्ताक्षर करेंगे।
इसके अलावा अविनाश पांडे ने कहा, 'कल सुबह होने वाली कांग्रेस विधायक दल की बैठक में अनिवार्य रूप से उपस्थित होने के लिए सभी पार्टी विधायकों को एक व्हिप जारी किया गया है। व्यक्तिगत/विशेष कारण का उल्लेख किए बिना अनुपस्थित रहने वाले विधायक के खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।'
इससे पहले सीएम अशोक गहलोत के आवास पर रविवार को बैठक में लगभग 75 विधायक/मंत्री उपस्थित थे। उनके आवास पर अभी रणदीप सिंह सुरजेवाला और अजय माकन मौजूद थे।
A whip has been issued to all party MLAs to be mandatorily present at Congress Legislature Party meeting to be held tomorrow morning. Strict disciplinary action will be taken against any MLA who is absent without mentioning personal/special reason: #Rajasthan Congress in-charge https://t.co/adTEHg0iM1pic.twitter.com/xrdqiCYNn9
— ANI (@ANI) July 12, 2020
सचिन पायलट ने कहा कि अल्पमत में है सरकार
इस बीच उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने रविवार रात दावा किया कि अशोक गहलोत सरकार अल्पमत में है और 30 से अधिक कांग्रेस और कुछ निर्दलीय विधायकों ने उन्हें समर्थन देने का वादा किया है। एक अधिकारिक बयान में पायलट ने कहा कि वह सोमवार को होने वाली कांग्रेस विधायक दल की बैठक में शामिल नहीं होंगे। शनिवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से सरकार को बीजेपी द्वारा अस्थिर करने के प्रयास का आरोप लगाने के बाद राजनीतिक संकट के बीच पायलट की यह पहली प्रतिक्रिया है।
ज्योतिरादित्य सिंधिया से मिले पायलट
सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक, कांग्रेस आलाकमान ने पायलट से मिलकर इस मामले में बात करने को लेकर दिलचस्पी नहीं दिखाई है। ऐसे में अब खबर है कि सचिन पायलट ने बीजेपी नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया से दिल्ली में 40 मिनट तक मुलाकात की है। सचिन पायलट खुद सिंधिया के दिल्ली स्थित उनके घर पर मिलने के लिए गए थे। यहां उन्होंने राजस्थान के सत्ता संग्राम को लेकर सिंधिया का साथ बात की है।
जानिए कैसे शुरू हुआ सियासी बवंडर
राजस्थान में नया सियासी बवंडर शनिवार को उस वक्त उठ खड़ा हुआ जब मुख्यमंत्री गहलोत की ओर से सरकार को बीजेपी द्वारा अस्थिर करने के प्रयास का आरोप लगाया गया। इस पूरे मामले पर पायलट ने रविवार शाम अपनी चुप्पी तोड़ी और अपने बागी रुख का संकेत दे दिया। जयपुर में पार्टी के कई विधायक और निर्दलीय विधायक गहलोत के नेतृत्व में विश्वास प्रकट करने के लिए उनके निवास पर मुलाकात कर रहे हैं।
संकट टालने के लिए कांग्रेस ने अपने नेताओं को जयपुर भेजा
पायलट के समर्थक माने जाने वाले कुछ विधायकों के शनिवार को दिल्ली में होने के वजह से गुटबाजी की चर्चा को हवा मिली थी। हालांकि तीन ऐसे विधायकों ने जयपुर आकर स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि दिल्ली वे अपने व्यक्तिगत कारणों से गये थे। दानिश अबरार, चेतन डूडी और रोहित बोहरा ने कहा कि उनके बारे में मीडिया ने आंशका जताई थी, लेकिन वो पार्टी आलाकमान के निर्देशों का पालन पार्टी के एक सच्चे सिपाही की तरह करेंगे। कांग्रेस आलाकमान ने राजस्थान में इस संकट को टालने के मकसद से अपने वरिष्ठ नेताओं अजय माकन और रणदीप सुरजेवाला को केंद्रीय पर्यवेक्षक के तौर पर जयपुर भेजा है।