Rajasthan Panchayat Election 2020: 3848 ग्राम पंचायत, चार चरणों में मतदान, जानिए कब-कब पड़ेंगे वोट
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: September 7, 2020 09:16 PM2020-09-07T21:16:49+5:302020-09-07T21:16:49+5:30
आयोग द्वारा जारी कार्यक्रम के अनुसार 3848 ग्राम पंचायतों में कुल 35968 वार्डों में मतदान 28 सितंबर, तीन अक्टूबर, छह अक्टूबर व दस अक्टूबर को होगा। आयोग ने कहा है कि कोरोना वायरस संक्रमण को देखते हुए आयोग ने प्रत्येक मतदान केंद्र में मतदाताओं की संख्या 1100 के स्थान पर 900 रखने का फैसला किया है।
जयपुरः राजस्थान के राज्य निर्वाचन आयोग ने बची हुई कुल 3848 ग्राम पंचायतों में पंच व सरपंचों के चुनाव चार चरणों में कराने की घोषणा सोमवार को की। चुनाव प्रक्रिया इसी माह 16 तारीख को शुरू होगी और पहले चरण का मतदान 28 सितंबर को होगा।
राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा जारी कार्यक्रम के अनुसार 3848 ग्राम पंचायतों में कुल 35968 वार्डों में मतदान 28 सितंबर, तीन अक्टूबर, छह अक्टूबर व दस अक्टूबर को होगा। आयोग ने कहा है कि कोरोना वायरस संक्रमण को देखते हुए आयोग ने प्रत्येक मतदान केंद्र में मतदाताओं की संख्या 1100 के स्थान पर 900 रखने का फैसला किया है।
इसके साथ ही मतदान समय में एक घंटे की बढ़ोतरी करते हुए इसे सुबह साढ़े सात बजे से शाम साढ़े पांच बजे तक किया गया है जिसमें मतदाता एकदूसरे से दूरी बनाये रखने के नियम का पालना करते हुए मतदान कर सकेंगे। राज्य निर्वाचन आयोग ने कहा है कि उच्चतम न्यायालय के निर्देशों के अनुपालन में गृह विभाग व पुलिस महानिदेशक द्वारा उपलब्ध करायी गई जानकारी के अनुसार आयोग ने शेष बची 3848 ग्राम पंचायतों में पंच व सरपंच के आम चुनाव चार चरणों में कराने का फैसला किया है।
इसकी शुरुआत 16 सितंबर से होगी जब पहले चरण में निर्वाचन की लोक सूचना जारी की जाएगी। राज्य के जिन जिलों में बची हुई ग्राम पंचायतों में चुनाव होना है उनमें गंगानगर, धौलपुर, दौसा, चूरू, बीकानेर, भीलवाड़ा, बाड़मेर, बारां, अलवर, अजमेर, प्रतापगढ़, सीकर व उदयपुर शामिल हैं।
आयोग ने कहा है कि पंचायती राज संस्थाओं की इन 3848 ग्राम पंचायतों की निर्वाचन प्रक्रिया समाप्त होने के साथ ही राज्य की सभी ग्राम पंचायतों के सरपंच व पंचों का निर्वाचन पूर्ण हो जाएगा। पंचायती राज संस्थाओं के जिला परिषद सदस्यों व पंचायत समिति सदस्यों के चुनाव के लिए अलग से घोषणा की जाएगी। उल्लेखनीय है कि राज्य में पंचायतों के पुनर्गठन व पुनर्सीमांकन का मामला अदालत में चले जाने और उसके बाद लॉकडाउन के कारण अनेक ग्राम पंचायतों में चुनाव अभी तक नहीं हो पाए हैं।