राजस्थान में नया सियासी बवंडर, सचिन पायलट के समर्थक विधायक आज रात में दे सकते हैं इस्तीफा, कांग्रेस ने कहा- बहुमत में है सरकार
By रामदीप मिश्रा | Published: July 12, 2020 11:23 PM2020-07-12T23:23:01+5:302020-07-12T23:23:01+5:30
महासचिव केसी वेणुगोपाल ने सचिन पायलट से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन पायलट की तरफ से कोई जवाब नहीं आया। देर शाम पायलट का 30 से अधिक विधायकों के समर्थन के दावे वाला बयान आने के बाद पार्टी नेतृत्व यह मान रहा है कि पायलट ने अपना मन बना लिया है।
जयपुरः राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। सत्तारूढ़ कांग्रेस में आपसी अंदरुनी कलह अब खुले में सामने आ गई है। राजस्थान के उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने रविवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ खुलकर मोर्चा खोल दिया और दावा किया कि उनके साथ 30 से अधिक विधायक हैं और गहलोत सरकार अल्पमत में आ चुकी है।
बताया जा रहा है कि सोमवार को होने वाली विधायक दल की बैठक से पहले आज रात सचिन पायलट के समर्थक विधायक इस्तीफा दे सकते हैं। दूसरी तरफ, कांग्रेस ने कहा है कि गहलोत सरकार पूरी तरह से सुरक्षित है और अपना कार्यकाल पूरा करेगी। कांग्रेस के उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक, सोमवार को विधायक दल की बैठक में यह स्पष्ट हो जाएगा कि कांग्रेस की सरकार बहुमत में है और विधायकों की मीडिया के सामने परेड भी कराई जाएगी।
इधर, अशोक गहलोत ने रविवार देर रात कांग्रेस विधायकों की बैठक बुलाई थी, जोकि संपन्न हो गई। इस बैठक में करीब 75 विधायकों ने भाग लिया। बैठक संपन्न होने के बाद पार्टी विधायक राजेंद्र गुड्डा ने दावा किया है कि गहलोत सरकार बहुमत में हैं। साथ ही साथ कुछ बीजेपी विधायक उनके संपर्क में हैं।
पायलट के पास केवल आठ विधायकः कांग्रेस
महासचिव केसी वेणुगोपाल ने सचिन पायलट से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन पायलट की तरफ से कोई जवाब नहीं आया। देर शाम पायलट का 30 से अधिक विधायकों के समर्थन के दावे वाला बयान आने के बाद पार्टी नेतृत्व यह मान रहा है कि पायलट ने अपना मन बना लिया है। सूत्रों ने यह भी बताया कि कांग्रेस का मानना है कि पायलट के साथ आठ से ज्यादा विधायक नहीं जाएंगे और इनमें से भी कुछ को साथ लेने की कोशिश की जा रही है।
इस बीच, राजस्थान के लिए कांग्रेस के प्रभारी महासचिव अविनाश पांडे ने कहा कि राज्य में पार्टी के सभी विधायक उनके संपर्क में हैं और सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगी। पांडे ने इस बात पर हैरानी भी जताई कि वो कौन विधायक हैं, जो कथित तौर पर उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के पक्ष में खड़े हैं।
जानिए कैसे शुरू हुआ सियासी बवंडर
राजस्थान में नया सियासी बवंडर शनिवार को उस वक्त उठ खड़ा हुआ जब मुख्यमंत्री गहलोत की ओर से सरकार को बीजेपी द्वारा अस्थिर करने के प्रयास का आरोप लगाया गया। इस पूरे मामले पर पायलट ने रविवार शाम अपनी चुप्पी तोड़ी और अपने बागी रुख का संकेत दे दिया। जयपुर में पार्टी के कई विधायक और निर्दलीय विधायक गहलोत के नेतृत्व में विश्वास प्रकट करने के लिए उनके निवास पर मुलाकात कर रहे हैं।
संकट टालने के लिए कांग्रेस ने अपने नेताओं को जयपुर भेजा
पायलट के समर्थक माने जाने वाले कुछ विधायकों के शनिवार को दिल्ली में होने के वजह से गुटबाजी की चर्चा को हवा मिली थी। हालांकि तीन ऐसे विधायकों ने जयपुर आकर स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि दिल्ली वे अपने व्यक्तिगत कारणों से गये थे। दानिश अबरार, चेतन डूडी और रोहित बोहरा ने कहा कि उनके बारे में मीडिया ने आंशका जताई थी, लेकिन वो पार्टी आलाकमान के निर्देशों का पालन पार्टी के एक सच्चे सिपाही की तरह करेंगे। कांग्रेस आलाकमान ने राजस्थान में इस संकट को टालने के मकसद से अपने वरिष्ठ नेताओं अजय माकन और रणदीप सुरजेवाला को केंद्रीय पर्यवेक्षक के तौर पर जयपुर भेजा है।