राजस्थान विधानसभाः धारीवाल बोले- न शाह की चली, न तानाशाह की, पूनिया ने कहा- पिछले 35 दिन में 5 फिल्में रिलीज, पूरे के पूरे हाथी गटक गए
By धीरेंद्र जैन | Published: August 14, 2020 08:58 PM2020-08-14T20:58:10+5:302020-08-14T20:58:10+5:30
संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि प्रदेश की सरकार को गिराने के लिए किये गये सभी प्रयास विफल हुए और सरकार गिराने के प्रयासों में न शाह की चली और न तानाशाह की।
जयपुरः राजस्थान विधानसभा का सत्र आज शुरू हुआ और पिछले एक माह से अधिक समय से चल रहे सियासी घटनाक्रम के बाद आज गहलोत सरकार ने सदन में ध्वनिमत के साथ विश्वास मत जीत लिया।
अब राजस्थान सरकार पर अगले 6 महीने कोई संकट नहीं...। विश्वास मत पर बहस तीन घंटे तक चली। बहस के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा, “भाजपा और उनके हाईकमान ने सरकार गिराने की कोशिश की थी, लेकिन राजस्थान में सियासी घटनाक्रम का जिस तरह अंत हुआ, उससे अमित शाह को धक्का लगा।“ वहीं संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि प्रदेश की सरकार को गिराने के लिए किये गये सभी प्रयास विफल हुए और सरकार गिराने के प्रयासों में न शाह की चली और न तानाशाह की।
आज विधानसभा के विशेष सत्र की कार्यवाही जब 11 बजे शुरू हुई तो कांग्रेस के चीफ व्हिप महेश जोशी ने स्पीकर सीपी जोशी के सामने विश्वास मत प्रस्ताव का नोटिस रखा। सदन में मध्य प्रदेश के पूर्व राज्यपाल लालजी टंडन और छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी को श्रद्धांजलि देने के बाद स्पीकर ने सदन की कार्यवाही दोपहर 1 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल ने विश्वास मत प्रस्ताव रखा और बहस शुरू हो गई
सदन की कार्यवाही फिर से आरंभ होने पर संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल ने विश्वास मत प्रस्ताव रखा और बहस शुरू हो गई। करीब 3 घंटे चली बहस मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के जवाब के बाद पूरी हुई और विश्वास मत प्रस्ताव ध्वनि मत से पारित होने के बाद सदन की कार्यवाही 21 अगस्त तक स्थगित कर दी गई।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने बहस के दौरान कहा कि पिछले 35 दिन में 5 फिल्में रिलीज हुईं। बाड़ेबंदी 1,2,3,4, 5...आखिरी बाड़ेबंदी में फेयरमोंट की इटेलियन डिश और क्रिकेट चल रहा था। हॉर्स ट्रेडिंग की बात करते हो, आप तो बसपा के पूरे के पूरे हाथी गटक गए। वैसे भी राजस्थान अपने जुगाड़ के लिए प्रसिद्ध है और उस जुगाड़ के लिए जादूगर भी मशहूर हैं।
सचिन पायलट पहले विधानसभा मुख्यमंत्री के बगल में बैठा करते थे
बगावत केे बाद सचिन पायलट और उनके समर्थक विधायकों की सीटें बदली गईं और जो सचिन पायलट पहले विधानसभा मुख्यमंत्री के बगल में बैठा करते थे उन्हें 127वीं सीट देकर पीछे बैठा दिया गया इसी प्रकार विश्वेन्द्र सिंह और रमेश मीणा को भी अंतिम और पांचवी लाइन में सीटें दी गई।
विश्वासमत पर बहस के बीच प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ बार-बार सचिन पायलट का नाम लेकर इसे इंगित किया। सचिन पायलट ने खड़े होकर स्पीकर से कहा कि मैंने सोचा आपने मेरी सीट बदलकर यहां क्यों रखी हैं और मैंने देखा कि यह सत्ता पक्ष और विपक्ष की सीमारेखा है। सरदह पर उन्हें भेजा जाता है, जो सबसे मजबूत होता है। इस सरहद पर कितनी भी गोलीबारी हो, ढाल बनकर रहूंगा।
राजस्थान के विधानसभा अध्यक्ष जोशी ने संसदीय कार्य मंत्री को दी नसीहत
राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष सीपी जोशी शुक्रवार को सदन की कार्यवाही के दौरान कई बार सदस्यों के बीच में और सीट पर बैठे-बैठे बोलने से नाराज हो गए। उन्होंने संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल को नसीहत भी दी कि सदन की गरिमा बनाए रखने की जिम्मेदारी सबकी है।
दरअसल, सरकार द्वारा लाए गए विश्वास मत प्रस्ताव पर नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया बोल रहे थे। कांग्रेस विधायकों की ‘बाड़ेबंदी’ को लेकर उनकी एक बात पर एतराज जताते हुए संसदीय मंत्री धारीवाल ने कुछ बोलना चाहा तो जोशी ने उन्हें बैठने को कहा। धारीवाल ने बोलना जारी रखा तो जोशी नाराज हो गए और उन्होंने कहा कि वह उनको बोलने की अनुमति देने के बजाय कुर्सी छोड़कर चले जाना मुनासिब समझेंगे।
जोशी ने सदन में बैठे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘माननीय मुख्यमंत्री जी मैं इसकी अनुमति नहीं दूंगा। मैं इसकी अनुमति देने के बजाय कुर्सी छोड़कर जाना बेहतर समझूंगा।’’ जोशी ने धारीवाल से कहा कि वह सत्ता व विपक्ष दोनों को कह रहे हैं।
जोशी ने कहा,‘‘सदन की गरिमा बनाने की जिम्मेदारी मेरी नहीं है, आपकी भी है।’’ उन्होंने कहा,‘‘सदन के अध्यक्ष के रूप में इस कुर्सी की गरिमा बनाए रखने की जितनी जिम्मेदारी मेरी है, उतनी ही जिम्मेदारी सब सदस्यों की है। संसदीय कार्य मंत्री से भी अपेक्षा है कि सदन की गरिमा बनाने में साथ दें।’’ सदन की कार्यवाही के दौरान इस बात को लेकर जोशी ने मदन दिलावर व राजेंद्र राठौड़ को भी टोका।