884 करोड़ का क्रेडिट सोसायटी घोटाला, केंद्रीय मंत्री शेखावत के खिलाफ जांच के आदेश, मुख्य आरोपी के साथ सांठगांठ
By धीरेंद्र जैन | Published: July 23, 2020 08:50 PM2020-07-23T20:50:35+5:302020-07-23T20:50:35+5:30
केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र शेखावत भी विक्रम सिंह के पार्टनर हुआ करते थे लेकिन वे काफी समय पूर्व ही अलग हो गये थे। लेकिन जयपुर कोर्ट ने उनके खिलाफ भी मिलीभगत के आरोपों को लेकर जांच के आदेश दिये हैं, जिससे उनके खिलाफ शिकंजा कस रहा है।
जयपुरः राजस्थान की गत दो सप्ताह से जारी राजनीतिक घमासान के बीच केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को संजीवनी क्रेडिट सोसायटी के 884 करोड़ के घोटाले के मामले में मुख्य आरोपी सोसायटी के फाउंडर और एमडी विक्रमसिंह को एसओजी ने पिछले साल गिरफ्तार कर इस मामले का खुलासा किया था।
केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र शेखावत भी विक्रम सिंह के पार्टनर हुआ करते थे लेकिन वे काफी समय पूर्व ही अलग हो गये थे। लेकिन जयपुर कोर्ट ने उनके खिलाफ भी मिलीभगत के आरोपों को लेकर जांच के आदेश दिये हैं, जिससे उनके खिलाफ शिकंजा कस रहा है। उल्लेखनीय है कि विधायकों की खरीद-फरोख्त के मामले में एसओजी पहले ही शेखावत को नोटिस जारी कर चुका है। इस मामले में शेखावत की पत्नी का भी नाम है।
ऐसे आया घोटाले में शेखावत का नाम - संजीवनी क्रेडिट सोसायटी के निवेशकों की शिकायतों के बाद पिछले साल सोसायटी के फाउंडर और एमडी विक्रम सिंह को एसओजी ने गिरफ्तार इस घोटाले का खुलासा किया था।
गजेन्द्र सिंह शेखावत और विक्रम सिंह प्रॉपर्टी के बिजनेस में पार्टनर रहे थे
गजेन्द्र सिंह शेखावत और विक्रम सिंह प्रॉपर्टी के बिजनेस में पार्टनर रहे थे। लेकिल यह बात सामने आई थी कि यह घोटाला सामने आने से काफी समय पूर्व ही दोनों अलग हो गए थे। लेकिन शिकायत करने वालों का आरोप है कि संजीवनी क्रेडिट सोसायटी की बड़ी रकम शेखावत और उनके परिवार की कंपनियों में ट्रांसफर की गई।
उल्लेखनीय है कि संजीवनी क्रेडिट सोसायटी घोटाले में एसओजी ने 23 अगस्त 2019 को एफआईआर दर्ज की थी। तब गजेन्द्र शेखावत का नाम चार्जशीट में नहीं था। बाद में मजिस्ट्रेट कोर्ट ने भी उनका नाम चार्जशीट में जोड़ने की अर्जी खारिज कर दी। उसके बाद याचिका लगाने वाला एडिशनल डिस्ट्रिक्ट कोर्ट पहुंचा था। जहां से उनके खिलाफ भी आरोपों की जांच के लिए आदेश दिया गया।
सीबीआई और ईडी जैसी एजेंसियां केन्द्र सरकार के इशारे पर कर रही है छापेमारी - गहलोत
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान में सीबीआई और ईडी जैसी एजेंसियों द्वारा की गई कार्रवाई के पीछे केन्द्र सरकार का हाथ होने का मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया। उन्होंने कहा प्रदेश में ईडी और सीबीआई की ओर से की जा रही छापेमारी कीे कार्रवाई को लेकर केन्द्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि एक समय था जब सीबीआई और ईडी के छापे पड़ने के बाद में सबको छापेमारी का पता चलता था। लेकिन आज दो-तीन दिन पहले ही पता चल जाता है। इन एजेसियों द्वारा की जा रही छापेमारी केन्द्र सरकार के इशारे पर हो रही है।
आज यहां पत्रकारों को प्रदेश के ताजा हालातों कीे लेकर संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस के सभी विधायक एकजुट है और जिन्होंने गलती की, वे लोग कोर्ट में गए हैं। उनको वहां मात्र यही कहना है कि स्पीकर का नोटिस सही है या नहीं? हमने दो बार विधायक दल की बैठक बुंलाकर उन्हें वापस लाने के प्रयास किये लेकिन वे नहीं आए। इससे यह ज्ञात हो गया है कि वे वापस लौटना नहीं चाहते। उन्होंने कहा कि विधानसभा का सत्र अति शीघ्र ही बुलाया जायेगा।
उन्होंने कहा कि मैं पिछले छह साल से केन्द्रीय जांच एजेसिंयों जैसे ईडी, सीबीआई या इनकम टैक्स आदि की कार्रवाई पर निरंतर बोल रहा हूं। जिस प्रकार से भाजपा के नरेन्द्र मोदी जी के राज में कार्रवाई शुरू हुई है। ये सभी कारवाइयां केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह के इशारे पर सीबीआई, ईडी इस रूप में काम कर रही है। इस तरह के छापों से हम घबराने वाले नहीं हैं।
मुख्यमंत्री ने भाजपा पर कांग्रेस के विधायकों को गुमराहे करने का आरोप लगाते हुए कहा कि हम कोरोना से लड़ने के लिए 24 घंटे काम कर रहे हैं वहीं भाजपा हमारे साथियों को गुमराह करने की गंदी राजनीति कर रही है, जनता भाजपा को कभी क्षमा नहीं करेगी।