राजस्थान सियासी ड्रामा: हाई कोर्ट में आज पायलट और 18 विधायकों की याचिका पर सुनवाई, CM गहलोत करेंगे प्रेस कॉन्फ्रेंस
By पल्लवी कुमारी | Published: July 17, 2020 06:50 AM2020-07-17T06:50:43+5:302020-07-17T08:53:04+5:30
सचिन पायलट को 13 जुलाई को कांग्रेस ने राजस्थान उप मुखयमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष के पद से हटा दिया था। कांग्रेस द्वारा पदों से हटाए जाने के एक दिन बाद सचिन पायलट ने कहा कि वह भारतीय जनता पार्टी (BJP) में शामिल नहीं होने वाले हैं।
जयपुर: राजस्थान में सियासी ड्रामा हर दिन जारी है। आज (17 जुलाई) इसी क्रम में राजस्थान हाई कोर्ट की खंड पीठ सचिन पायलट और 18 अन्य बागी कांग्रेस विधायकों को राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष द्वारा जारी अयोग्यता नोटिसों को चुनौती देने के लिए दायर याचिका पर सुनवाई करेगी। 16 जुलाई को इसपर सुनवाई टल गई थी। हालांकि कांग्रेस ने अब भी सचिन पायलट के लौटने का दरवाजा खुला रखा है। सूत्रों ने दावा किया है कि सचिन पायलट ने कांग्रेस में बने रहने के लिए भी शर्तों पर बातचीत की है। इसी बीच आज राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी प्रेस कॉन्फ्रेंस करने वाले हैं।
जानिए गुरुवार को क्यों नहीं हुई सुनवाई
इससे पहले संभावना थी कि दो न्यायाधीशों की पीठ बागी खेमे द्वारा दाखिल संशोधित याचिका पर गुरुवार (16 जुलाई) शाम करीब साढ़े सात बजे सुनवाई करेगी, लेकिन अब मामले पर शुक्रवार दोपहर एक बजे सुनवाई होना तय हुआ है। इस याचिका पर गुरुवार अपराह्न करीब तीन बजे न्यायमूर्ति सतीश चन्द्र शर्मा ने सुनवाई की। लेकिन, बागी खेमे के वकील वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने नए सिरे से याचिका दाखिल करने के लिए समय मांगा। मामले पर शाम करीब पांच बजे फिर से सुनवाई हुई और उसे खंड पीठ के पास भेज दिया गया। कांग्रेस के मुख्य सचेतक महेश जोशी के वकील ने शाम में कहा था कि अदालत ने वकीलों को शाम साढ़े सात बजे उसके समक्ष उपस्थित होने को कहा है। लेकिन अदालत की पीठ सुनवाई के लिए नहीं बैठी और मामला कल के लिए टल गया।
जानें कांग्रेस और बागी 19 विधायकों का क्या है पक्ष
कांग्रेस ने विधानसभा अध्यक्ष सी.पी.जोशी से शिकायत की थी कि सचिन पायलट सहित इन 19 विधायकों ने कांग्रेस विधायक दल की बैठकों में शामिल होने के पार्टी के व्हिप का उल्लंघन किया है, इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने मंगलवार (14 जुलाई) को सभी को नोटिस जारी किया। पायलट खेमे के विधायकों का कहना है कि पार्टी का व्हिप सिर्फ तभी लागू होता है जब विधानसभा का सत्र चल रहा हो। विधानसभा अध्यक्ष को भेजी गयी शिकायत में कांग्रेस ने पायलट और अन्य बागी विधायकों के खिलाफ संविधान की दसवीं अनुसूची के पैराग्राफ 2(1)(ए) के तहत कार्रवाई करने की मांग की है। इस प्रावधान के तहत अगर कोई विधायक अपनी मर्जी से उस पार्टी की सदस्यता छोड़ता है, जिसका वह प्रतिनिधि बनकर विधानसभा में पहुंचा है तो वह सदन की सदस्यता के लिए अयोग्य हो जाता है।
कांग्रेस ने सचिन पायलट को उप मुखयमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष के पद से हटाया
सोमवार (13 जुलाई) को कांग्रेस ने सचिन पायलट पर बड़ी कार्रवाई करते हुए उन्हें उप मुखयमंत्री के साथ अन्य पार्टी के पदों से हटा दिया था। कांग्रेस ने यह भी आरोप लगाया था कि पायलट बीजेपी के साथ मिलकर सरकार गिराने की कोशिश में हैं। हालांकि सचिन पायलट ने यह भी कहा है कि वह बीजेपी में जाने वाले नहीं हैं। ऐसे में राजस्थान की सियासत में पेच फंसा हुआ है।