राजस्थान का नाम लिए बगैर कार्ति चिदंबरम का ट्वीट, 'गूगल आज सफल कंपनी क्यों है? क्योंकि इसने प्रतिभा को कभी नहीं रोका'
By विनीत कुमार | Published: July 13, 2020 07:19 AM2020-07-13T07:19:53+5:302020-07-13T07:19:53+5:30
Rajasthan Govt Crisis: राजस्थान में सियासी ड्रामे के बीच कांग्रेस के अंदर से भी पार्टी के हाईकमान को 'जागने' के संदेश दिए जाने लगे हैं। कपिल सिब्बल सहित कार्ति चिदंबरम ने इशारों-इशारों में पार्टी से इस संकट से निपटने का रास्ता खोजने को कहा है।
मध्य प्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिया की बगावत के अभी कुछ ही दिन गुजरे थे कि राजस्थान में भी कांग्रेस के लिए बड़ा संकट खड़ा हो गया है। सचिन पायलट खुल कर अपनी नाराजगी जता रहे हैं और उनके बीजेपी में तक में शामिल होने की अटकलें अब लगने लगी हैं।
राजस्थान के सियासी ड्रामे के बीच कपिल सिब्बल से लेकर शशि थरूर और कार्ति चिदंबरम ने ट्वीट कर इस पर चिंता जताई है और कांग्रेस नेतृत्व से 'जागने' और 'सकार को बचाने' की बात कही। राजस्थान में जारी राजनीति का नाम लिए बगैर शिवगंगा से सांसद और पी. चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम ने ट्वीट किया, क्यों गूगल एक सफल कंपनी है? क्योंकि इसने संस्था के अंदर कभी प्रतिभा को नहीं रोका। इससे सीख लेनी चाहिए।'
वहीं, कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने ट्वीट किया, 'मैं अपनी पार्टी के लिए चिंतित हूं। क्या हम तभी जागेंगे जब हमारे अस्तबल से सभी घोड़े निकल जाएंगे?'
Worried for our party
— Kapil Sibal (@KapilSibal) July 12, 2020
Will we wake up only after the horses have bolted from our stables ?
वहीं, सांसद शशि थरूर ने लिखा, 'मैं बहुत गहराई से विश्वास करता हूं कि हमारे देश को एक उदार पार्टी की जरूरत है, जो मध्यमार्गी पेशेवरों के नेतृत्व में हो, और समावेशी राजनीति सहित भारत के बहुलवाद के सम्मान के लिए प्रतिबद्ध हो। गणतंत्र के संस्थापक मूल्यों में विश्वास रखने वाले सभी लोगों को कांग्रेस को मजबूत करने के लिए काम करना चाहिए।'
I passionately believe that our country needs a genuinely liberal party headed by centrist professionals committed to inclusive politics and respectful of India’s pluralism. All who believe in the founding values of the Republic must work to strengthen @INCIndia not undermine it
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) July 12, 2020
गौरतलब है कि अशोक गहलोत के बगावती तेवर ने राजस्थान में कांग्रेस का संकट बढ़ा दिया है। इस बीच कांग्रेस ने सोमवार सुबह विधायक दल की बैठक बुलाई है, जिसको लेकर पार्टी की ओर से रविवार रात व्हिप जारी कर दी गई। हालांकि, कम से कम 30 विधायकों के समर्थन का साथ होने की बात करने वाले सचिन पायलट ये भी कह चुके हैं कि वे इस बैठक में हिस्सा नहीं लेंगे। सचिन पायलट ने ये दावा भी किया कि अशोक गहलोत सरकार अल्पमत में है।