राजस्थानः सरकारी दस्तावेज तो बन गया कांग्रेस का घोषणा पत्र, जनता का अहसास पत्र बने तो ही फायदा!
By प्रदीप द्विवेदी | Published: December 29, 2018 05:31 PM2018-12-29T17:31:08+5:302018-12-29T17:31:08+5:30
राजस्थान अशोक गहलोत की सरकार: इस जन घोषणा-पत्र में 418 बिन्दु शामिल हैं और हो सकता है, सरकार इसके अनुरूप प्रयास भी करे, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इसका फायदा जनता को महसूस होना चाहिए।
राजस्थान में नए मंत्रिमंडल के गठन के बाद कैबिनेट की पहली बैठक सीएमओ में सीएम अशोक गहलोत की अध्यक्षता में हुई। कैबिनेट की पहली बैठक में कांग्रेस के जन घोषणा-पत्र का अनुमोदन कर उसे सरकारी नीतिगत दस्तावेज का दर्जा दे दिया गया।
इसके बाद विस चुनाव के दौरान कांग्रेस की ओर से जारी किया गया 418 बिंदुओं वाला जन घोषणा-पत्र अब सरकारी दस्तावेज बन गया है। पहली बैठक में इसका अनुमोदन कर दिया गया है, जिसके नतीजे में अब राजस्थान सरकार पूरे पांच साल तक इन्हीं 418 बिन्दुओं पर काम करेगी। इसी तरह किसान कर्ज माफी के ड्राफ्ट का भी मंत्रिमंडल ने अनुमोदन कर दिया है।
इस जन घोषणा-पत्र में 418 बिन्दु शामिल हैं और हो सकता है, सरकार इसके अनुरूप प्रयास भी करे, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इसका फायदा जनता को महसूस होना चाहिए।
आमतौर पर जितनी भी जनहित की सरकारी योजनाएं है, उनमें दो तरह की कमियां महसूस की गई हैं।
एक- कागजों में तो उपलब्धियां नजर आती है, लेकिन हकीकत एकदम अलग होती हैं, दो- योजना बहुत बड़ी दिखती है, परन्तु लाभार्थी की संख्या बहुत कम होती है, जिसके कारण योजना का असर बहुत ज्यादा नहीं होता है।
इन दो प्रमुख कारणों से जनता सरकारी दावे तो बहुत सुनती है, लेकिन लाभ महसूस नहीं कर पाती है। इसलिए सरकारी दस्तावेज भले ही बन गया हो कांग्रेस का घोषणा पत्र, लेकिन जनता अहसास पत्र बन पाया तो ही इसका फायदा मिलेगा! हालांकि, मंत्रिमंडल की बैठक के बाद परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने प्रेस से कहा कि- हर रोज जन घोषणा-पत्र के बिंदुओं को अमल में लाया जाएगा।