राजस्थान: राज्यपाल से मिला भाजपा का प्रतिनिधिमंडल, राजभवन के घेराव को लेकर उठाए सवाल, कहा- राज्य में अराजकता का माहौल
By सुमित राय | Published: July 25, 2020 07:34 PM2020-07-25T19:34:52+5:302020-07-25T19:34:52+5:30
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व में राजभवन में कांग्रेस विधायको द्वारा किये गए घेराव पर राजस्थान के भाजपा ने विरोध जताया और राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा।
जयपुर।राजस्थान में जारी राजनीतिक घटनाक्रम के बीच भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की राजस्थान इकाई का एक प्रतिनिधिमंडल शनिवार शाम राज्यपाल कलराज मिश्र से मिला। उसने राजस्थान में अराजकता का वातावरण पैदा होने की बात करते हुए राज्यपाल को एक ज्ञापन सौंपा कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की धमकी राजभवन के घेराव और सुरक्षा सुनिश्चित करने में असमर्थता व्यक्त करना IPC की धारा 124 का स्पष्ट उल्लंघन है।
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां की अगुवाई में यह प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल से मिला। राजभवन के बाहर भाजपा नेताओं ने राज्य में बीते दो दिन के राजनीतिक घटनाक्रम को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा। सतीश पूनियां ने कहा कि कांग्रेस ने राजभवन को धरने एवं प्रदर्शन का अखाड़ा बना दिया।
उन्होंने कांग्रेस द्वारा शनिवार को जिला मुख्यालयों पर किए गए धरने प्रदर्शन के उद्देश्य पर भी सवाल उठाया। नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के 'जनता द्वारा राजभवन को घेरने' संबंधी बयान की आलोचना की। उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि अंतरविरोध से घिरी सरकार की लड़ाई सड़क पर आ गयी है।
Chief Minister is the head of the state & he said he'll not be responsible for a breach in law and order situation. If not him, then who'll be responsible? He should tender resignation for using such language: Gulab Chand Kataria, BJP after party delegation met Rajasthan Governor pic.twitter.com/eRrS9zv902
— ANI (@ANI) July 25, 2020
भाजपा ने अपने ज्ञापन में कहा है कि सत्ताधारी दल के आंतरिक संघर्ष के कारण पूरे राज्य में अराजकता की स्थिति बनी हुई है। लेकिन पिछले दो दिन में जिस प्रकार मुख्यमंत्री ने खुद जिस प्रकार की भाषा एवं गतिविधियां अपने मंत्रियों एवं विधायकों को साथ लेकर की हैं उससे राज्य में कानून व्यवस्था खत्म होने की स्थिति बनी हुई है।
Rajasthan BJP submits memorandum to Governor stating that "Chief Minister's threat suggesting gherao of Raj Bhawan and expressing an inability of ensuring security is a clear violation under IPC section 124". pic.twitter.com/lKbPY2YQF5
— ANI (@ANI) July 25, 2020
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपने समर्थक विधायकों के साथ शुक्रवार को राजभवन पहुंचकर राज्यपाल से मुलाकात की थी और विधानसभा का सत्र बुलाए जाने की मांग की थी। राज्यपाल द्वारा सत्र नहीं बुलाए जाने पर कांग्रेस और उसके समर्थक विधायकों ने शुक्रवार को राजभवन में चार घंटे से अधिक समय तक धरना दिया।
शनिवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जयपुर के फेयरमोंट होटल में कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) की बैठक बुलाई और विधायकों से चर्चा की। इस दौरान उन्होंने कहा, "जरूरत पड़ने पर हम राष्ट्रपति से मिलने राष्ट्रपति भवन जाएंगे। यदि आवश्यक हो, तो हम पीएम के निवास के बाहर भी विरोध प्रदर्शन करेंगे।"
We will go to Rashtrapati Bhawan to meet the President, if needed. Also, if required, we will stage protest outside PM's residence: Rajasthan Chief Minister Ashok Gehlot, during Congress Legislative Party (CLP) meeting at Fairmont Hotel in Jaipur. pic.twitter.com/aGDIu2HtbW
— ANI (@ANI) July 25, 2020
राजस्थान में बहुमत का जादुई आंकड़ा
साल 2018 के विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस द्वारा अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री बनाए जाने के बाद से ही सचिन पायलट नाराज चल रहे थे। राजस्थान की 200 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के पास 107 और बीजेपी के पास 72 विधायक हैं। यदि 19 बागी विधायकों को अयोग्य करार दिया जाता है तो राज्य विधानसभा की मौजूदा प्रभावी संख्या घटकर 181 हो जाएगी, जिससे बहुमत का जादुई आंकड़ा 91 पर पहुंच जाएगा और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के लिए बहुमत कायम रखना आसान होगा।
(भाषा से इनपुट)