राजस्थानः BJP अध्यक्ष अमित शाह को भारी भी पड़ सकता है नया सियासी समीकरण!
By प्रदीप द्विवेदी | Published: January 11, 2019 06:41 PM2019-01-11T18:41:53+5:302019-01-11T18:41:53+5:30
राजस्थान की सीएम रही वसुंधरा राजे के बीजेपी के केन्द्रीय नेतृत्व के साथ कैसे सियासी संबंध रहे हैं, यह जग जाहिर है, इसीलिए राजनीतिक जानकारों का मानना है कि बीजेपी संगठन की यह नई सियासी समीकरण भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को भारी भी पड़ सकती है।
भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह ने राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को नई जिम्मेदारी देते हुए पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नियुक्त किया है. ताजा विस चुनाव में भाजपा तीन प्रमुख राज्यों में चुनाव हार गई थी.
अब इन राज्यों से राजस्थान से वसुंधरा राजे के अलावा करीब तेहर साल तक एमपी के मुख्यमंत्री रहे शिवराज सिंह चौहान और करीब पन्द्रह साल तक छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रहे रमन सिंह को भी लोकसभा चुनाव से करीब तीन माह पहले केंद्र में लाने का निर्णय लेते हुए बीजेपी का उपाध्यक्ष नियुक्त किया है.
राजस्थान की सीएम रही वसुंधरा राजे के बीजेपी के केन्द्रीय नेतृत्व के साथ कैसे सियासी संबंध रहे हैं, यह जग जाहिर है, इसीलिए राजनीतिक जानकारों का मानना है कि बीजेपी संगठन की यह नई सियासी समीकरण भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को भारी भी पड़ सकती है।
दरअसल, इस नियुक्ति का सियासी मकसद प्रदेश स्तर पर इन नेताओं के अलावा नया नेतृत्व तैयार करना तो है ही, लोकसभा चुनाव में पिछले चुनाव में जीती सीटें बचाने की जिम्मेदारी इन नेताओ को देना भी है.
हालांकि, यह इतना आसान नहीं है. राजस्थान में नेता प्रतिपक्ष का मुद्दा तो उलझा ही है, आगे भी बगैर राजे की सहमति के बीजेपी का केन्द्रीय नेतृत्व अपनी मर्जी के निर्णय ले पाएगा, इसकी संभावना नहीं है.
राजस्थान में पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 25 में से 25 सीटें जीत ली थी, लेकिन विस चुनाव के नतीजों के मद्देनजर अब आधी से ज्यादा सीटों पर सवालिया निशान है. राजस्थान में विस चुनाव के बाद होते रहे लोस चुनावों में जनता ने सत्ताधारी दल का साथ दिया है, इसलिए इस बार कांग्रेस के लिए अच्छी संभावनाएं हैं, तो बीजेपी के सामने 25 सीटें बचाने की चुनौती है.
राजनीतिक संकेत यही हैं कि- इस नई सियासी समीकरण से केन्द्रीय स्तर पर बीजेपी संगठन में राजे का दबदबा तो और बढ़ेगा ही, प्रदेश में भी उनकी पकड़ और मजबूत होगी, जबकि वसुंधरा राजे के विरोधियों के लिए राजस्थान में बड़ा प्रश्नचिन्ह लग जाएगा?