राहुल गांधी ने किया सवाल- हमारे सैनिकों को मारने, जमीन छीनने के बावजूद चीन क्यों कर रहा है पीएम मोदी की तारीफ़?
By अनुराग आनंद | Published: June 22, 2020 06:22 PM2020-06-22T18:22:27+5:302020-06-22T19:06:10+5:30
चीन को लेकर राहुल गांधी एक के बाद एक ट्वीट कर नरेंद्र मोदी सरकार के रवैये पर सवाल खड़ा कर रहे हैं।
नई दिल्ली: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक बार फिर से पीएम नरेंद्र मोदी के बयान पर सवाल उठाया है। राहुल गांधी ने कहा कि हमारे देश के सैनिकों को मारने के बाद और जमीन छीनने के बाद आखिर चीननरेंद्र मोदी की तारीफ क्यों कर रहा है?
राहुल गांधी ने मीडिया के एक रिपोर्ट को साझा करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी पर हमला किया है। इसके साथ ही पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के बयान को ट्वीट करते हुए मोदी सरकार पर निशाना साधा है।
दरअसल, ग्लोबल टाइम्स ने अपने रिपोर्ट में आज लिखा कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समझदारी से लद्दाख में हुई हिंसक झड़प के बाद स्थिति को संभालने का प्रयास किया है। चीन के सरकारी अखबार ने लिखा कि पीएम मोदी तनाव को कम करने की कोशिश करते हुए भी दिखाई दिए।
ग्लोबल टाइम्स ने 1962 युद्ध के परिणाम को याद करने के लिए कहा-
बता दें कि चीन के सरकारी अखबार ने अपने लेख में भारत को 1962 युद्ध के परिणाम को याद करने के लिए कहा है। इसके साथ ही रिपोर्ट में कहा है कि यदि भारत आज के समय में चीन से टकराता है, तो इसका परिणाम 1962 से भी बुरा हो सकता है। इस लेख में भारत को चेतावनी देते हुए कहा गया है कि भारत को पहले से अधिक अपमानित होना पड़ सकता है। दरअसल, चीन बॉर्डर पर भारत से सख्त रवैये को लेकर बेहद परेशान हो उठा है। यही वजह है कि वह भारत को तरह-तरह से धमकी व चेतावनी देकर गलवान घाटी पर समझौता करने के लिए मजबूर करना चाहता है।
भारत में राष्ट्रवाद का अति उग्र होना व चीन के प्रति नफरत चिंताजनक है-
चीनी सरकारी अखबार ने लिखा है कि गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के बाद भारत में राष्ट्रवाद ऊंचाइयों पर पहुंच गया है और चीन के प्रति भारतीयों की शत्रुता में भारी इजाफा हुआ है। जबकि चीनी विश्लेषकों और भारत के अंदर भी कुछ लोगों ने चेतावनी स्वरूप कहा था कि भारत को अपने राष्ट्रवाद में थोड़ा नरमी लाना चाहिए।
अगर भारत विरोधी भावना को नियंत्रित नहीं करता और इस बार युद्ध हुआ तो भारत को और अधिक अपमान का सामना करना होगा।
आज (सोमवार) फिर हुई दोनों देशों के सेना अधिकारियों के बीच बैठक-
भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में जारी तनाव को कम करने के रास्तों पर आज एक बार फिर लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की दूसरे दौर की बातचीत हो रही है। सरकारी सूत्रों ने बताया कि वार्ता पूर्वी लद्दाख में चीन की तरफ चुशुल सेक्टर के मोल्दो में सुबह साढ़े 11 बजे प्रस्तावित थी।
गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैनिकों के शहीद होने के एक हफ्ते बाद यह उच्च स्तरीय वार्ता हो रही है। वार्ता में भारतीय शिष्टमंडल की अगुवाई 14 कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिन्दर सिंह कर रहे हैं।
लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की पहले दौर की बातचीत 6 जून को हुई थी जिसमें दोनों पक्षों ने सभी संवेदनशील इलाकों से सैनिकों को हटाने का फैसला किया था।
चीन ने 6 जून को दोनों पक्षों के अधिकारियों के बीच बातचीत के बाद टेंट को हटाने पर सहमति जताई थी। हालांकि, 15 जून को चीन ने टेंट हटाने से इनकार किया था, जिसके बाद दोनों देशों के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई। इस झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे। वहीं, सूत्रों के मुताबिक, चीन के 40 सैनिकों के मारे जाने या घायल होने की खबर है।