राहुल गांधी ने रीवा सोलर प्रोजेक्ट को एशिया में सबसे बड़ा बताने पर प्रधानमंत्री को घेरा, कहा-असत्याग्रही
By भाषा | Published: July 11, 2020 11:53 AM2020-07-11T11:53:39+5:302020-07-11T11:53:39+5:30
कर्नाटक कांग्रेस के अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने भी पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि कर्नाटक में 2,000 मेगावाट की सौर उर्जा परियोजना आरंभ हुई तो ऐसे में रीवा की 750 मेगावाट की सौर ऊर्जा परियोजना एशिया में सबसे बड़ी कैसे हुई।
नई दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मध्य प्रदेश के रीवा में एक सौर ऊर्जा परियोजना को एशिया की सबसे बड़ी परियोजना बताने के लिए शनिवार (11 जुलाई) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा। उन्होंने प्रधानमंत्री कार्यालय के एक ट्वीट को रिट्वीट करते हुए कहा, ‘‘असत्याग्रही!’ प्रधानमंत्री मोदी ने शुक्रवार को मध्य प्रदेश के रीवा में 750 मेगावाट की सौर ऊर्जा परियोजना का वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए शुभारंभ करते हुए कहा, ‘‘रीवा का यह सौर ऊर्जा संयंत्र इस पूरे क्षेत्र को इस दशक में ऊर्जा का बहुत बड़ा केन्द्र बनाने में मदद करेगा।'' उन्होंने यह भी कहा, ‘‘आज रीवा ने वाकई इतिहास रच दिया है। रीवा की पहचान मां नर्मदा के नाम से और सफेद बाघ से रही है। अब इसमें एशिया की सबसे बड़ी सौर ऊर्जा परियोजना का नाम भी जुड़ गया है।’’
असत्याग्रही! https://t.co/KL4aB5t149
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) July 11, 2020
कर्नाटक कांग्रेस के अध्यक्ष डीके शिवकुमार और पार्टी के कुछ अन्य नेताओं का कहना है कि दो साल पहले कर्नाटक में 2,000 मेगावाट की सौर उर्जा परियोजना आरंभ हुई तो ऐसे में रीवा की 750 मेगावाट की सौर ऊर्जा परियोजना एशिया में सबसे बड़ी कैसे हुई।
जानें पीएम मोदी ने रीवा सोलर प्रोजेक्ट के लोकापर्ण के बाद क्या-क्या कहा?
प्रधानमंत्री मोदी ने मध्य प्रदेश के रीवा जिले में 750 मेगावाट उत्पादन क्षमता वाली रीवा अल्ट्रा मेगा सौर परियोजना का वीडियो कांफ्रेस की जरिये दिल्ली से लोकापर्ण किया। इस मौके पर अपने सम्बोधन में उन्होंने कहा, ‘‘आत्मनिर्भर भारत के लिये बिजली के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता बहुत आवश्यक है। इस में सौर ऊर्जा एक बहुत बड़ी भूमिका निभाने वाली है और हमारे प्रयास भारत के इसी ताकत को विस्तार देने के हैं।’’ उन्होंने कहा कि देश में सोलर पैनल, बैटरी तथा इसके अन्य उपकरणों का निर्माण करने के लिये हम सब काम कर रहे हैं। आत्मनिर्भर भारत के निर्माण के लिये सोलर पैनल सहित सभी उपकरणों के लिये आयात पर निर्भरता समाप्त करनी होगी।
घरेलू उत्पादन बढ़ाने के लिये हम अनेक योजना बना रहे हैं। सरकारी विभागों को इसमें मेक इन इंडिया उपकरण ही खरीदने के निर्देश दिये गये हैं। देश के उद्यमियों, युवा सार्थियों से यही आग्रह है कि इस अवसर का फायदा उठायें।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सौर ऊर्जा के मामले में हम दुनिया में पांचवे स्थान पर हैं। सौर ऊर्जा आज की नहीं ब्लकि 21 वीं सदी की ऊर्जा का एक बड़ा माध्यम होने वाला है। पूरी दुनिया में इसकी चर्चा है कि भारत में सौर ऊर्जा इतनी सस्ती कैसे है। यह चर्चा बढ़ने वाली है और लोग इसे हमसे सीखने आने वाले हैं। स्वच्छ ऊर्जा के लिये भारत सबसे बड़ा बाजार बन रहा है।
उन्होंने कहा कि दुनिया की, मानवता की, भारत से इसी आशा, इसी अपेक्षा को देखते हुए, हम पूरे विश्व को जोड़ने में जुटे हुए हैं। इसी सोच का परिणाम आइसा यानि इंटरनेशनल सोलर अलायंस है। आइसा के पीछे वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड, की भावना है। मोदी ने सौर ऊर्जा को साफ और सस्ती बताते हुए कहा, 'बिजली सबतक पहुंचे, पर्याप्त पहुंचे। हमारा वातावरण, हमारी हवा, हमारा पानी भी शुद्ध बना रहे, इसी सोच के साथ हम निरंतर काम कर रहे हैं। यही सोच सौर ऊर्जा को लेकर हमारी नीति और रणनीति में भी स्पष्ट झलकती है। जहां भारत में वर्ष 2014 में सौर ऊर्जा सात से आठ रुपये प्रति यूनिट हुआ करती थी वहीं आज यह दो से ढाई रुपये प्रति यूनिट हो चुकी है।