राहुल गांधी ने निकाली बीजेपी के 'संपर्क फॉर समर्थन' की काट, 2019 में दिखेगा असर!
By आदित्य द्विवेदी | Published: July 12, 2018 09:35 AM2018-07-12T09:35:59+5:302018-07-12T09:35:59+5:30
राहुल गांधी ने बुधवार को कुछ मुस्लिम युवकों से मुलाकात में खुलकर बात की। मंदिर दर्शन पर दिया ये जवाब।
नई दिल्ली, 12 जुलाईः कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बीजेपी के 'संपर्क फॉर समर्थन' अभियान की काट निकाली है। उन्होंने बिना किसी लाव-लश्कर के समाज के अलग-अलग तबकों के बुद्धिजीवियों से मिलकर बात करने का फैसला किया है। बुधवार को इसकी पहली किश्त दिखाई दी जब उन्होंने दिल्ली में मुस्लिम समुदाय के कुछ बुद्धिजीवियों से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि बीजेपी दोबारा सत्ता में नहीं आएगी और अगले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस समान विचारधारा के लोगों के साथ मिलकर सरकार बनाएगी।
मंदिर दर्शन पर राहुल की सफाई
मुस्लिम बुद्धिजीवियों से दो घंटे लंबी मुलाकात के दौरान राहुल से मंदिर दर्शन का सवाल पूछा गया। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा की मैं मंदिर, मस्जिद, चर्च और गुरुद्वारे हर जगह गया लेकिन मीडिया ने सिर्फ मंदिर दर्शन को ही दिखाया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद मुस्लिम समुदाय एकबार फिर सुरक्षित महसूस करेगा।
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क्या है बीजेपी का संपर्क फॉर समर्थन
भाजपा के इस अभियान को 2019 के लोकसभा चुनाव की तैयारी माना जा रहा है। इसके तहत पार्टी के मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री और पंचायत सदस्य समेत करीब 4000 कार्यकर्ता-नेता लोगों से खुद मिलेंगे। केंद्रीय आलाकमान ने पार्टी हर एक कार्यकर्ता को कम से कम 10 लोगों से संपर्क कर सरकार की योजनाओं के बारे में जानकारी देने और उनकी प्रतिक्रिया लेने के निर्देश दिए हैं।
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राहुल गांधी के प्लान का 2019 कनेक्शन
2019 चुनाव से पहले राहुल गांधी ऐसे बुद्धिजीवियों से मिलना चाहते हैं जो लोगों के विचार प्रभावित कर सकते हैं। ये बीजेपी के संपर्क फॉर समर्थन की काट है। इसकी पहली किस्त में राहुल गांधी ने मुस्लिम समुदाय के जिन बुद्धिजीवियों से बात की उसमें इतिहासकार इरफान हबीब, प्रोफेसर अबुसलेह शरीफ, लेखक फराह नकवी, लेखक रक्षंदा जलील, पूर्व आईएस एम एफ फारुकी शामिल थे। इसके अलावा वरिष्ठ कांग्रेसी नेता सलमान खुर्शीद और नदीम जावेद भी उपस्थित रहे।
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