'छोले-भटूरे' ने फैलाया रायता, इन विवादों से बन गया कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के उपवास का मजाक
By पल्लवी कुमारी | Published: April 10, 2018 05:17 AM2018-04-10T05:17:51+5:302018-04-10T05:17:51+5:30
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पार्टी की प्रदेश इकाइयों के प्रमुखों को समाज के सभी वर्गों में सौहार्द्र को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रव्यापी उपवास रखने के निर्देश दिया था।
नई दिल्ली, 10 अप्रैल: दलित उत्पीड़न के खिलाफ 9 अप्रैल को राजघाट पर कांग्रेस के एक दिवसीय उपवास विवादों में घिर कर रह गया। उपवास के पहले कांग्रेस नेताओं द्वारा छोले-भटूरे खाते हुए तस्वीर वायरल होने लगी। वायरल हुई तस्वीरों से कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गांधी का उपवास महज एक मजाक बनकर रह गया। बीजेपी का आरोप है कि कांग्रेस नेताओं ने लोगों को राजघाट पर बुलाया और खुद उपवास से पहले रेस्टोरेंट में पहुंच गए।
राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी देशव्यापी उपवास कर रही थी। यह उपवास देशभर में दलित हिंसा और संसद में कामकाज ना होने की वजह से नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ किया जा रहा था। लेकिन तस्वीर वायरल होने जाने से इसका असर कुछ खासा नहीं पड़ा। इसके साथ ही कुछ कारण और भी हैं जिससे यह उपवास विवादों में घिरा। आइए जानें...
उपवास से पहले चांदनी चौक में 'छोले-भटूरे' खाना
दिल्ली कांग्रेस के नेता उपवास से पहले चांदनी चौक के छेनाराम की दुकान पर बैठकर छोले-भटूरे खाते देखे गए। कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन यहां भी अध्यक्षता कर रहे थे। उनके एक ओर हारून युसूफ थे और टेबल के दूसरी तरफ अरविंदर सिंह लवली भी मौजूद थे। इस छोले-भटूरे वाली तस्वीर को सोशल मीडिया पर बीजेपी नेता हरीश खुराना ने पोस्ट किया।
जगदीश टाइटलर और सज्जन कुमार को वापस भेजना
राहुल गांधी के उपवास वाले स्थल पर पहुंचने से पहले भी एक और विवाद हुआ। जो सुर्खियों में भी बना रहा। राजघाट से कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर और सज्जन कुमार को राहुल गांधी के आने से पहले भी भेज दिया गया। खबरों के मुताबिक जैसे ही उपवास वाले स्थल जगदीश टाइटलर वहां आए तो अजय माकन ने उनके कान में कुछ कहा, जिसके बाद वो वापस चले गए। फिर सज्जन कुमार को भी वापस भेज दिया गया। बता दें कि जगदीश टाइटलर और सज्जन कुमार 1984 में हुए सिख दंगों के आरोपी हैं। हालांकि जिसके बाद जगदीश टाइटलर ने सफाई देते हुए कहा कि वह कहीं नहीं जा रहे हैं, वह जनता के बीच जाकर बैठेंगे।
नहीं जुट पाई भीड़
राहुल गांधी के उपवास वाले स्थल पर पहुंचने के बाद वहां से लोगों की भीड़ कम होने लगी। जिसकी मुख्य वजह राहुल का लेट आना था। राहुल के आने का वक्त सुबह 11 बजे बताया जा रहा था और भीड़ सुबह 10 बजे ही थी। राहुल के आने के पहले इन दोनों विवादों ने भीड़ को छटने पर मजबूर कर दिया।
बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पार्टी की प्रदेश इकाइयों के प्रमुखों को समाज के सभी वर्गों में सौहार्द्र को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रव्यापी उपवास रखने के निर्देश दिया था। देश की राजधानी के दिल्ली के अलावा देश के कई कांग्रेसी नेता और कार्यकर्ता कांग्रेस मुख्यालयों पर अपना उपवास रख रहे थे।