राफेल के भारत आने पर राहुल गांधी ने दी वायुसेना को बधाई, लेकिन मोदी सरकार से दागे ये तीन सवाल, कहा- क्या जवाब मिलेगा  

By रामदीप मिश्रा | Published: July 30, 2020 09:22 AM2020-07-30T09:22:19+5:302020-07-30T09:44:15+5:30

नए और अत्याधुनिक पांच राफेल लड़ाकू विमानों का बेड़ा अंबाला एयर बेस पहुंच चुका है। इन विमानों के वायुसेना में शामिल होने के बाद देश को आस-पड़ोस के प्रतिद्वंद्वियों की हवाई युद्धक क्षमता पर बढ़त हासिल हो जाएगी।

Rahul gandhi congratulates to IAF for Rafale and asked 3 questions to government | राफेल के भारत आने पर राहुल गांधी ने दी वायुसेना को बधाई, लेकिन मोदी सरकार से दागे ये तीन सवाल, कहा- क्या जवाब मिलेगा  

राहुल गांधी ने एक बार फिर सरकार पर राफेल डील को लेकर सवाल उठाए हैं। (फाइल फोटो)

Highlights भारत को पिछले करीब दो दशक में नए बहुउद्देशीय लड़ाकू विमानों की पहली खेप बुधवार को पांच राफेल लड़ाकू विमानों के रूप में मिली।उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, 'राफेल विमान के लिए भारतीय वायुसेना को बधाई। लेकिन क्या सरकार इन सवालों के जवाब देगी।'

नई दिल्लीः भारत को पिछले करीब दो दशक में नए बहुउद्देशीय लड़ाकू विमानों की पहली खेप बुधवार को पांच राफेल लड़ाकू विमानों के रूप में मिली। इस बीच कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष व पार्टी के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने राफेल की पहली खेप आने पर वायुसेना को बधाई दी। साथ ही साथ उन्होंने देश की नरेंद्र मोदी सरकार से तीन सवाल दागे हैं। 

उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, 'राफेल विमान के लिए भारतीय वायुसेना को बधाई। लेकिन क्या सरकार इन सवालों के जवाब देगी।'

1-प्रत्येक विमान की कीमत 526 करोड़ रुपये की बजाए 1670 करोड़ रुपये क्यों दी गई?

2- 126 की बजाए सिर्फ 36 विमान ही क्यों खरीदे?

3- हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) की बजाए दिवालिया अनिल को 30,000 करोड़ रुपये का कांट्रैक्ट क्यों दिया गया? 

राहुल गांधी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में, राफेल सौदे में रिश्वत के आरोप लगाये थे और इसे चुनावी मुद्दा बनाया था। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 59 हजार करोड़ रुपये में 36 लड़ाकू विमानों की खरीद के मामले में अदालत की निगरानी में जांच की मांग करने वाली जनहित याचिकाओं को दिसंबर 2018 में खारिज कर दिया और कहा था कि उसे इसमें कुछ गलत नजर नहीं आया। हालांकि इसके बाद भी राजनीतिक दोषारोपण का दौर जारी रहा।

गौरतलब है कि नए और अत्याधुनिक पांच राफेल लड़ाकू विमानों का बेड़ा अंबाला एयर बेस पहुंच चुका है। इन विमानों के वायुसेना में शामिल होने के बाद देश को आस-पड़ोस के प्रतिद्वंद्वियों की हवाई युद्धक क्षमता पर बढ़त हासिल हो जाएगी। निर्विवाद ट्रैक रिकॉर्ड वाले इन राफेल विमानों को दुनिया के सबसे बेहतरीन लड़ाकू विमानों में से एक माना जाता है। 

23 सितंबर, 2016 को हुआ था सौदा

राजग सरकार ने 23 सितंबर, 2016 को फ्रांस की एरोस्पेस कंपनी दसाल्ट एविएशन के साथ 36 लड़ाकू विमान खरीदने के लिए 59,000 करोड़ रुपये का सौदा किया था। इससे पहले तत्कालीन संप्रग सरकार करीब सात साल तक भारतीय वायुसेना के लिए 126 मध्य बहुउद्देशीय लड़ाकू विमानों के खरीद की कोशिश करती रही थी, लेकिन वह सौदा सफल नहीं हो पाया था। दसाल्ट एविएशन के साथ आनन-फानन में राफेल विमानों की खरीद का यह सौदा भारतीय वायुसेना की युद्धक क्षमता में अहम सुधार के लिए किया गया था, क्योंकि वायुसेना के पास लड़ाकू स्क्वाड्रन की स्वीकृत संख्या कम से कम 42 के मुकाबले फिलहाल 31 लड़ाकू स्क्वाड्रन हैं। 

खरीदे गए सभी 36 राफेल विमानों की आपूर्ति 2021 के अंत तक

सरकार ने सोमवार को एक बयान में कहा था कि भारत को 10 राफेल विमानों की आपूर्ति हुई है, जिनमें से पांच प्रशिक्षण मिशन के लिए फ्रांस में ही रुक रहे हैं। सरकार ने कहा कि खरीदे गए सभी 36 राफेल विमानों की आपूर्ति 2021 के अंत तक भारत को हो जाएगी। राफेल विमानों को आसमान में उनकी बेहतरीन क्षमता और लक्ष्य पर सटीक निशाना साधने के लिए जाना जाता है। करीब 23 साल पहले रूस से सुखोई विमानों की खरीद के बाद भारत ने पहली बार लड़ाकू विमानों की इतनी बड़ी खेप खरीदी है। इन विमानों को अलग-अलग किस्म के और अलग-अलग मारक क्षमता वाले अस्त्रों से लैस किया जा सकता है। 
 

Web Title: Rahul gandhi congratulates to IAF for Rafale and asked 3 questions to government

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