राहुल गांधी बोले- आरएसएस की विचारधारा से सीधे संघर्ष के लिए कांग्रेस के युवा बाहर निकलें...
By शीलेष शर्मा | Published: March 8, 2021 07:48 PM2021-03-08T19:48:52+5:302021-03-08T19:50:18+5:30
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कुछ दिन पहले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर हमला किया था।
नई दिल्लीः कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने पार्टी के फ्रंटल संगठनों के पदाधिकारियों का आह्वान किया कि वह आगे निकल कर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की विचारधारा से संघर्ष करने के लिए बाहर निकलें।
क्योंकि यह विचारधारा देश को खोखला कर रही है। संवैधानिक संस्थाओं में अपने लोगों को बैठकर ऐसा जाल बुनने में लगी है कि कोई भी सत्ता में आये, हो वही जो इनकी कार्यशैली सुनिश्चित करे। राहुल का साफ मानना था कि पार्टी के युवा संघटनों को लोगों के बीच जा कर यह बताना होगा ताकि वह सावधान हो सकें।
सूत्र बताते हैं कि उन्होंने ज्योतिरादित्य सिंधिया का भी जिक्र किया कथित रूप से यह कहते हुये कि यदि वह कांग्रेस में रहते तो मुख्यमंत्री बनते। भाजपा में वह बैग बेंचर बन कर रह गये हैं। भाजपा उनको कभी मुख्यमंत्री का पद नहीं सौंपेगी।
दूसरी तरफ सिंधिया को लेकर राहुल की टिप्पणी का यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष बी वी श्रीनिवास ने खंडन करते हुये लोकमत से बातचीत में कहा कि फ्रंटल संघटनों के पदाधिकारियों की बैठक में बोलते हुये राहुल ने सिंधिया पर कोई टिप्पणी तो दूर उनके नाम तक का उल्लेख नहीं किया।
उन्होंने दावा किया कि पूरी चर्चा का वीडिओ है जिसे सार्वजानिक किया जा सकता है ,राहुल का पूरा भाषण केवल आर एस एस की विचारधारा से कैसे लड़ा जाए और फ्रंटल संघटन उसमें क्या भूमिका निभा सकते हैं पर केंद्रित था। लेकिन पार्टी के जानकारों का मानना था कि सिंधिया के नाम पर की गयी टिप्पड़ी सचिन पायलट को इशारा थी कि वह प्रतीक्षा करें, मुख्यमंत्री का पद वह कांग्रेस में ही हासिल करेंगे।
इतिहास रचने और भविष्य संवारने में सक्षम हैं महिलाएं: राहुल
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर सोमवार को कहा कि महिलाएं इतिहास रचने और भविष्य संवारने में सक्षम हैं। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘महिलाएं पूरे विनीत भाव से इतिहास रचने और भविष्य संवारने में सक्षम हैं। कोई अपको रोकने नहीं पाए।’’
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने महिला दिवस पर ट्वीट किया, ‘‘ महिलाओं की आवाज को ज्यादा से ज्यादा जगह मिलना महिला सशक्तिकरण की नींव है। जितनी ज्यादा महिला जनप्रतिनिधि, वकील, पायलट, उद्यमी, सैनिक, डॉक्टर, शिक्षक, लेखक, पत्रकार, खिलाड़ी, कलाकार...होंगी, ये दुनिया उतनी ही खूबसूरत और सशक्त लगेगी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे गर्व है कि हमारे देश में स्थानीय निकायों में महिलाओं के नेतृत्व को कांग्रेस की नीतियों ने मजबूती दी। हमारे देश के महिला नेतृत्व ने दुनिया को दिखाया कि महिला सरपंच, मुख्यमंत्री व प्रधानमंत्री देश को कितना शक्तिशाली व सुंदर तरीके से नेतृत्व देती हैं।’’
कांग्रेस की महिला इकाई की अध्यक्ष सुष्मिता देव ने कहा, ‘‘अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर हम स्त्री-पुरुष और पीढ़ी की समानता को अपना लक्ष्य बनाएं। महिलाओं की भागीदारी के बिना कोई बदलाव नहीं हो सकता। समान स्वर, समान भागीदारी और समान अधिकार इसमें प्रमुख हैं।’’