श्रम सुधार विधेयकों पर राहुल गांधी का तंज, 'अब किसानों के बाद ये मजदूरों पर वार'
By विनीत कुमार | Published: September 24, 2020 10:19 AM2020-09-24T10:19:52+5:302020-09-24T10:19:52+5:30
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने श्रम सुधार विधेयकों पर को मजदूर वर्ग पर हमला बताया है। उन्होंने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यही शासन है जहां गरीबों का शोषण होता है।
श्रम सुधार विधेयकों के लोकसभा के बाद राज्य सभा में भी मंजूरी मिलने के बाद राहुल गांधी ने ट्वीट कर केंद्र की नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है। राहुल गांधी ने इसे देश मजदूर वर्ग पर हमला बताया है। उन्होंने एक अखबार की तस्वीर के साथ ट्वीट किया और कहा कि 'मोदी जी का शासन यही है।' राहुल गांधी ने लिखा, 'किसानों के बाद मज़दूरों पर वार। गरीबों का शोषण, ‘मित्रों’ का पोषण, यही है बस मोदी जी का शासन।'
दरअसल, संसद ने बुधवार को तीन प्रमुख श्रम सुधार विधेयकों को मंजूरी दे दी। इसके तहत कंपनियों को बंद करने की बाधाएं खत्म होंगी और अधिकतम 300 कर्मचारियों वाली कंपनियों को सरकार की इजाजत के बिना कर्मचारियों को हटाने की अनुमति होगी।
किसानों के बाद मज़दूरों पर वार।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) September 24, 2020
ग़रीबों का शोषण, ‘मित्रों’ का पोषण
यही है बस मोदी जी का शासन। pic.twitter.com/LarCJsj1uY
राहुल इससे पहले बुधवार को बांग्लादेश के साथ भारत के संबंधों से जुड़ी एक खबर को लेकर बुधवार को आरोप लगाया कि केंद्र की भाजपा सरकार ने विभिन्न देशों के साथ रिश्तों के उस तानेबाने को खराब कर दिया जो कांग्रेस की सरकारों ने दशकों में बनाया था।
राहुल इससे पहले कृषि संबंधी विधेयकों पर भी सरकार पर हमला बोल चुके हैं। उन्होंने आरोप लगाया था कि किसानों को जड़ से साफ करके कुछ पूंजीपतियों का विकास करने का प्रयास हो रहा है।
बता दें कि राज्यसभा ने बुधवार को श्रम विधेयकों से संबंधित उपजीविकाजन्य सुरक्षा, स्वास्थ्य और कार्यदशा संहिता 2020, औद्योगिक संबंध संहिता 2020 और सामाजिक सुरक्षा संहिता 2020 को चर्चा के बाद ध्वनिमत से पारित कर दिया। लोकसभा ने इन तीनों संहितों को मंगलवार को पारित किया था और अब इन्हें राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा।
विधेयकों के पास होने के बाद पीएम मोदी ने कहा कि ये सुधार परिश्रमी मजदूरों का हित सुनिश्चित करेंगे और आर्थिक विकास को मजबूती देंगे। पीएम मोदी ने कहा कि नई श्रम संहिता न्यूनतम वेतन और समय पर भुगतान को सर्वव्यापी बनाती है और मजदूरों की पेशागत सुरक्षा को प्राथमिकता देती है।
उन्होंने कहा, ‘ये सुधार काम करने का बेहतर वातावरण प्रदान करेंगे जिससे आर्थिक विकास की गति को तेजी मिलेगी।’ साथ ही प्रधानमंत्री ने कहा कि इस कदम से लाल फीताशाही और इंस्पेक्टर राज खत्म होंगे