कृषि विधेयकः सड़क पर उतरे पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू, कहा-किसान मेरे प्राण है, मेरी जान है और मेरी पगड़ी

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: September 23, 2020 02:24 PM2020-09-23T14:24:41+5:302020-09-23T14:24:41+5:30

नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि पंजाब का हर आदमी और हर पार्टी जब इकट्ठा होकर लड़ेगी तो हम ये बिल लागू नहीं होने देंगे। आज मैं यहां अपने लिए आया हूं क्योंकि किसान मेरे प्राण है, किसान मेरी जान है और किसान मेरी पगड़ी है और उन्होंने आज इस पगड़ी को हाथ लगाया है।

Punjab Congress leader Navjot Singh Sidhu protest Amritsar support farmers demonstrating against the passage of agriculture reform bills in the Parliament | कृषि विधेयकः सड़क पर उतरे पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू, कहा-किसान मेरे प्राण है, मेरी जान है और मेरी पगड़ी

आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक, 2020 को मंगलवार को राज्यसभा में पारित कर दिया गया। (photo-ani)

Highlightsसिद्धू संसद में कृषि सुधार बिलों को पारित करने के खिलाफ किसानों के विरोध के समर्थन में विरोध प्रदर्शन करते आए। सिद्धू ने संसद में पारित कृषि संबंधी विधेयकों को ‘‘काला कानून’’ करार दिया जो कृषक समुदाय को ‘‘बर्बाद’’ कर देगा।क्रिकेटर से नेता बने सिद्धू ने घोषणा की कि वह प्रदर्शन कर रहे किसानों के समर्थन में सड़क पर उतरे।

चंडीगढ़ः कई माह के बाद पंजाब के कांग्रेस विधायक एवं पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू सड़क पर उतरे। कृषि सुधार बिलों पर हंगामा किया है। सिद्धू संसद में कृषि सुधार बिलों को पारित करने के खिलाफ किसानों के विरोध के समर्थन में विरोध प्रदर्शन करते आए। 

नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि पंजाब का हर आदमी और हर पार्टी जब इकट्ठा होकर लड़ेगी तो हम ये बिल लागू नहीं होने देंगे। आज मैं यहां अपने लिए आया हूं क्योंकि किसान मेरे प्राण है, किसान मेरी जान है और किसान मेरी पगड़ी है और उन्होंने आज इस पगड़ी को हाथ लगाया है।

उन्होंने कहा कि सभी राजनीतिक दलों, किसान संगठनों और प्रत्येक पंजाबी को इस किसान विधेयकों के क्रियान्वयन का मजबूती से विरोध करने के लिए हाथ मिलाना चाहिए। सिद्धू ने कुछ दिन पहले ट्विटर का इस्तेमाल करते हुए किसानों के समर्थन में आवाज उठायी थी और कहा था, ‘‘पंजाब, पंजाबियत और पंजाबी किसानों के साथ है।’’

सिद्धू ने कृषि विधेयकों को ‘‘काला कानून’’ बताया, कहा इससे कृषक समुदाय बर्बाद हो जाएगा

सिद्धू ने संसद में पारित कृषि संबंधी विधेयकों को ‘‘काला कानून’’ करार दिया जो कृषक समुदाय को ‘‘बर्बाद’’ कर देगा। क्रिकेटर से नेता बने सिद्धू ने घोषणा की कि वह प्रदर्शन कर रहे किसानों के समर्थन में सड़क पर उतरे।

संसद के दोनों सदनों ने कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और वाम दलों जैसे विपक्षी पार्टियों के विरोध के बीच कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्द्धन और सुविधा) विधेयक-2020 और कृषक (सशक्तीकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन समझौता और कृषि सेवा पर करार विधेयक-2020 को मंजूरी दे दी है। आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक, 2020 को मंगलवार को राज्यसभा में पारित कर दिया गया।

इन विधेयकों के खिलाफ उच्चतम न्यायालय जाने के पक्ष में हैं

सिद्धू ने अपने यूट्यूब चैनल ‘जीतेगा पंजाब’ पर मंगलवार को इस बात पर जोर दिया कि वह इन विधेयकों के खिलाफ उच्चतम न्यायालय जाने के पक्ष में हैं। उन्होंने कहा, ‘‘ये काले कानून लाकर, सरकार किसानों को दरकिनार कर रही है।’’ सिद्धू ने यह भी सुझाव दिया कि कृषक समुदाय के हितों की रक्षा के लिए एक साझा न्यूनतम कार्यक्रम तैयार किया जाए।

उन्होंने छह रबी फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाने का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘यह एक इस्तेमाल करो और फेंको नीति है।’’ पूर्व मंत्री ने आरोप लगाया कि केंद्र की सरकार ने ‘‘चार से पांच लाख करोड़ रुपये कर माफ करके और करों में सब्सिडी और छूट देकर उद्योगपतियों की लीक से हटकर मदद की है।

हालांकि किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य देने की बारी आती है तो इतना हो हल्ला होता है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘जीएसटी ने किसानों को बर्बाद कर दिया। ये काले कानून किसानों को बर्बाद कर देंगे। करीब 28,000 आढ़तिये और चार से पांच लाख मंडी श्रमिक भी प्रभावित होंगे।’’ उन्होंने कहा कि ये कृषि संबंधी विधेयक मंडी से राज्य के राजस्व को भी प्रभावित करेंगे। उन्होंने कहा कि पंजाब को मंडियों से चार हजार करोड़ रुपये राजस्व प्राप्त होता है। 

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