प्रशांत किशोर ने ट्वीट कर नीतीश कुमार पर कसा तंज, कहा- क्या गरीबों से भाड़ा लेने का सुझाव भी आपका ही?

By अनुराग आनंद | Published: May 4, 2020 08:12 PM2020-05-04T20:12:09+5:302020-05-04T20:23:26+5:30

सूत्रों ने बताया कि राजस्थान, तेलंगाना और झारखंड जैसे राज्यों ने श्रमिकों की यात्रा के लिए भुगतान किया है।

Prashant Kishore tweeted tauntingly at Nitish Kumar, saying - is it your suggestion to take fare from the poor? | प्रशांत किशोर ने ट्वीट कर नीतीश कुमार पर कसा तंज, कहा- क्या गरीबों से भाड़ा लेने का सुझाव भी आपका ही?

प्रशांत किशोर व नीतीश कुमार (फाइल फोटो)

Highlightsअब तक चलायी गयी 34 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के लिए महाराष्ट्र को छोड़कर विभिन्न राज्य सरकारों ने भुगतान किया है।रेलवे ने इस संबंध में अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं जारी किया है।

पटना: लॉकडाउन में फंसे लोगों को घर पहुंचाने के बदले भाड़ा वसूले जाने की खबर आने के बाद इस मामले में राजनीति तेज हो गई है। अब प्रशांत किशोर ने ट्वीट कर बिहार के सीएम नीतीश कुमार पर तंज कसते हुए उनसे सवाल पूछा है। प्रशांत किशोर ने ट्वीट कर कहा है कि क्या क्या गरीब लोगों से भाड़ा लेने का सुझाव भी आपका ही है?

इसके अलावा प्रशांत ने कहा कि देश के कई हिस्सों में फँसे हुए बिहार के लोगों के लिए कुछ नहीं करने वाले नीतीश कुमार अब कह रहे हैं कि केंद्र ने उनके सुझाव पर लोगों के लिए ट्रेन शुरू की है! इसके आगे चुटीले अंदाज में कहा कि सर, आपने ये सुझाव कब दिया और इसको मानने में इतनी देरी क्यों हुई? क्या गरीब लोगों से भाड़ा लेने का सुझाव भी आपका ही है?


बता दें कि लॉकडाउन के कारण फंसे श्रमिकों से रेलवे द्वारा कथित तौर पर भाड़ा लिए जाने की आलोचना होने के बीच सूत्रों ने सोमवार को कहा कि अब तक चलायी गयी 34 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के लिए महाराष्ट्र को छोड़कर विभिन्न राज्य सरकारों ने भुगतान किया है।

कई विपक्षी दलों ने मांग की है कि प्रवासी श्रमिकों से ट्रेन टिकट के पैसे नहीं लिए जाने चाहिए। वहीं कांग्रेस ने ऐसे प्रवासियों के लिए भुगतान करने की पेशकश की। रेल किराए को लेकर पैदा विवाद के बीच भाजपा ने कहा कि रेलवे पहले ही यात्रा लागत का 85 प्रतिशत वहन करते हुए सब्सिडी पर टिकट मुहैया करा रहा है। रेलवे ने इस संबंध में अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं जारी किया है। लेकिन अनौपचारिक रूप से कहा गया कि यह एक "राजनीतिक लड़ाई" है।

अधिकारियों का कहना है कि रेलवे राज्य सरकारों से इन विशेष ट्रेनों के लिए केवल मानक किराया वसूल रहा है जो कुल लागत का सिर्फ 15 प्रतिशत है। रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘रेलवे सामाजिक दूरी बनाए रखने के लिए प्रत्येक कोच में बर्थ खाली रखते हुए श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चला रहा है। ट्रेनें गंतव्य से खाली लौट रही हैं। रेलवे द्वारा प्रवासियों को मुफ्त भोजन और बोतलबंद पानी दिया जा रहा है। हम अब तक 34 ऐसी ट्रेनें चला चुके हैं और आगे भी चलाते रहेंगे। हमारे एसओपी (मानक संचालन प्रक्रिया) में कहीं भी, हमने नहीं कहा है कि यात्रा करने वाले प्रवासियों से किराया लिया जाएगा। ’’

सूत्रों ने बताया कि राजस्थान, तेलंगाना और झारखंड जैसे राज्यों ने श्रमिकों की यात्रा के लिए भुगतान किया है। राजस्थान, तेलंगाना जैसे राज्यों से विशेष ट्रेनें चली हैं और झारखंड तक ट्रेनें पहुंची हैं। सूत्रों ने कहा कि गुजरात सरकार ने यात्रा पर आने वाले खर्च का एक हिस्सा देने के लिए एक एनजीओ को संबद्ध किया है।

उन्होंने कहा कि केवल महाराष्ट्र सरकार यात्राओं के लिए प्रवासी श्रमिकों से पैसे ले रही है। महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नितिन राउत ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर राज्य से बाहर जाने प्रवासियों की यात्रा का खर्च वहन किए जाने का अनुरोध किया है।

राउत ने रविवार को रेल मंत्री पीयूष गोयल को भी पत्र लिखकर अनुरोध किया कि रेलवे राज्य से प्रवासियों के परिवहन का खर्च वहन करे। इस बीच, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को एक वीडियो बयान में कहा कि राज्य सरकार प्रवासियों के परिवहन के लिए रेलवे को पैसे दे रही है। उन्होंने कहा, ‘‘किसी भी प्रवासी को अपनी यात्रा के लिए पैसे देने की आवश्यकता नहीं है।’’

Web Title: Prashant Kishore tweeted tauntingly at Nitish Kumar, saying - is it your suggestion to take fare from the poor?

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