कोरोनाकाल में बिहार में बजी सियासत की शंख, BJP ने वर्चुअल रैली तो RJD ने पीटी थाली, वामपंथी दलों ने भी किया लाल सलाम
By एस पी सिन्हा | Published: June 7, 2020 03:38 PM2020-06-07T15:38:08+5:302020-06-07T15:48:06+5:30
अमित शाह की वर्चुअल रैली के विरोध में राजद के कार्यकताओं एवं समर्थकों ने थाली पीटकर मजदूर अधिकार दिवस मनाया तो वाम दलों ने धिक्कार दिवस व धरना का आयोजन किया.
पटना: कोरोना काल में बिहार में आज सियासत की शंखनाद का दिन रहा. सुबह से शाम तक सियासी गहमा-गहमी रही. शाम चार बजे भाजपा के पूर्व अध्यक्ष व केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह वर्चुअल रैली (बिहार जनसंवाद) करे रहे हैं. इसके पहले सुबह सुबह 11 बजे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपनी पार्टी जदयू के वरिष्ठ नेताओं, बूथ अध्यक्षों और सक्रिय कार्यकर्ताओं से बातचीत के छह दिनी कार्यक्रम की शुरुआत कर चुके हैं.
वहीं, अमित शाह की वर्चुअल रैली के विरोध में राजद के कार्यकताओं एवं समर्थकों ने थाली पीटकर मजदूर अधिकार दिवस मनाया तो वाम दलों ने धिक्कार दिवस व धरना का आयोजन किया.बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबडी देवी, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, राजद नेता तेजप्रताप यादव समेत राजद कार्यकर्ताओं ने राजधानी पटना में थाली पीटकर गृह मंत्री अमित शाह की वर्चुअल रैली का विरोध किया.
तेजस्वी यादव ने भाजपा के ‘वर्चुअल’ रैली पर ये कहा-
तेजस्वी यादव ने कहा कि भाजपा ‘वर्चुअल’ रैली के ढोंग से ‘एक्चुअल’ सच्चाई को छिपाना चाहती है. किसान और मजदूर भूखे मर रहे हैं. गरीबों की थाली खाली है. सरकार को इसकी चिंता नहीं है. सत्ता पाने के लिए चुनावी राजनीति में जुटी हुई है. इस दौरान तेजस्वी यादव ने जदयू और भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि 12 करोड़ लोग बेरोजगार है.
कोरोना काल में 13 करोड बीपीएल में हो चुके है. पूरे बिहार में हाहाकार मचा हुआ है और भाजपा के नेता रैली कर रहे हैं. इनलोगों को गरीबों की चिंता नहीं है. डिजिटल का इस्तेमाल गरीबों को खाना पहुंचाने और इलाज में करना चाहिए था, लेकिन भाजपा और जदयू सत्ता की भूख है.
तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार में पहले से ही सात करोड लोग बेरोजगार है. जो पुलिस मुख्यालय के चिट्ठी में लिखी हुई बात है. वह नीतीश कुमार के एक-एक शब्द है. अमित शाह और नीतीश कुमार मजदूरों से माफी मांगनी चाहिए. दोनों से पूछना चाहते हैं कि दोनों ने लॉकडाउन में बेरोजगार प्रवासी मजदूरों के लिए क्या किया है?
अमित शाह और नीतीश कुमार मजदूरों को सम्मान नहीं दे सकते हैं तो कम से कम चोर, गुंडा और अपराधी कहकर उनका अपमान ना करें. यहां बता दें कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने अपनी पार्टी के विधायकों के साथ ताली बजाकर सरकार के खिलाफ अपना गुस्सा जाहिर किया है.
राबड़ी देवी के आवास के बाहर इकट्ठा हुए राजद नेता-
पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास के बाहर तेजस्वी यादव और उनकी पार्टी के नेता इकट्ठा हुए और उन्होंने थाली बजाई. इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री राबडी देवी के आवास के बाहर तेजस्वी यादव और उनकी पार्टी के नेता इकट्ठा हुए और उन्होंने थाली बजाई.तेजस्वी यादव ने बिहार में गरीब अधिकार दिवस मनाने का एलान किया था. जिसके बाद पार्टी ने राज्य भर में इसके लिए बडे पैमाने पर तैयारी की गई थी. हर जिले में पार्टी के नेता और कार्यकर्ता समर्थकों ने गरीबों के साथ थाली और कटोरा बजाया.
बिहार में मजदूरों की स्थिति और खासतौर पर कोरोना काल में उनकी परेशानियों को देखते हुए तेजस्वी ने या पूरा आयोजन किया था. तेजस्वी यादव बिहार की राजनीति में मजदूरों को एक नए वोट बैंक की तरह लेकर चलना चाहते हैं लिहाजा उनके निशाने पर नीतीश सरकार है.वहीं, बिहार के सभी वाम दल भाजपा के वर्चुअल रैली के विरोध में आज विश्वासघात धिक्कार दिवस मनाया.
बिहार के वाम दलों ने भी किया प्रदर्शन-
वाम दलों ने जन शक्ति भवन के सामने अमरनाथ रोड पर धरना प्रदर्शन किया. इस मौके पर भाकपा के राज्य सचिव सत्यनारायण सिंह, भाकपा माले के धीरेंद्र झा, माकपा के राज्य सचिव अवधेश कुमार, फॉरवर्ड ब्लॉक के अमेरिका महतो आदि नेता मौजूद थे. वहीं, जन अधिकार पार्टी (लो) के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव रविवार को सोशल मीडिया पर बिहार बचा लो मौका है कैंपेन की शुरुआत की. देश भर के जन अधिकार पार्टी के नेता और कार्यकर्ता सोशल मीडिया पर लाइव आकर इस कैंपेन के बारे में लोगों को बता रहे हैं.