लॉकडाउन के बीच बिहार में गरमाई सियासत, लालू ने नीतीश सरकार पर बोला हमला, सुशील मोदी ने याद दिलाई उनके कार्यकाल की स्थिति
By एस पी सिन्हा | Published: May 10, 2020 03:20 PM2020-05-10T15:20:58+5:302020-05-10T15:20:58+5:30
बिहार में लॉकडाउन के बीच सियासत गर्मा गई है। नीतीश सरकार पर जहां एक ओर लालू प्रसाद यादव और उनकी पत्नी राबडी देवी ने जोरदार हमला बोला तो वहीं उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने उनके कार्यकाल की स्थिति याद दिलाई।
पटना: बिहार में बढ़ते कोरोना वायरस (Coronavirus) संक्रमण के बीच सियासत भी तेज होने लगी है। तेजस्वी यादव ने तो पहले से ही नीतीश सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। मगर आज सुबह-सुबह लॉकडाउन के दौरान आप्रवासी बिहारियों की घर वापसी के लिए ट्रनों के किराया और उनके बिहार से पलायन के मुद्दे गर्मा गया है।
इस बाबत राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव और उनकी पत्नी पूर्व मुख्यमंत्री राबडी देवी ने राज्य की नीतीश सरकार पर हमला बोला है। लालू ने अपने ट्वीट में नीतीश कुमार की सरकार के 15 साल का हिसाब मांगा है। वहीं, उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने उन्हें उनके कार्यकाल की याद दिलाई है। उधर, राबडी देवी ने कहा है कि सरकारी खजाने में जमा गरीबों के पैसे गरीबों पर खर्च करने में परेशानी है, लेकिन चेहरा चमकाने में विज्ञापन पर करोड़ो खर्च किए जा सकते हैं।
बिहार सरकार अपना,
— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) May 10, 2020
नैतिक
प्राकृतिक
आर्थिक
तार्किक
मानसिक
शारीरिक
सामाजिक
आध्यात्मिक
व्यवहारिक
न्यायिक
जनतांत्रिक और
संवैधानिक
चरित्र एवं संतुलन पूरी तरह खो चुकी है। लोकलाज तो कभी रही ही नहीं लेकिन जनादेश ड़कैती का तो सम्मान रख लेते।
15 बरस का हिसाब देने में कौनो दिक़्क़त बा?
राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने बिहार सरकार पर जोरदार हमला बोलते हुए अपने ट्वीट में कहा है कि बिहार सरकार अपना नैतिक, प्राकृतिक, आर्थिक, तार्किक, मानसिक, शारीरिक, सामाजिक, आध्यात्मिक, व्यावहारिक, न्यायिक, जनतांत्रिक और संवैधानिक चरित्र एवं संतुलन खो चुकी है। लोकलाज तो कभी रही ही नहीं, लेकिन जनादेश डकैती का तो सम्मान रख लेते। 15 बरस का हिसाब देने में कौनो दिक्कत बा?
इसके पहले एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा कि बिहार को बिहार और बिहारवासियों के हितों के लिए खूंटा गाड़ कर लड़ने वाली सरकार चाहिए। कदम-कदम पर लड़खड़ाने वाली खोखली, ढकोसली, विश्वासघाती, कुर्सीवादी और पलटीमार सरकार नहीं चाहिए। लालू ने आगे लिखा कि नीतीश कुमार व सुशील मोदी बताएं कि उनके 15 वर्षों के राज में बिहार के हर दूसरे घर से पलायन क्यों हुआ?
बिहार को बिहार और बिहारवासियों के हितों के लिए खूँटा गाड़ लड़ने वाली सरकार चाहिए। कदम कदम पर लड़खड़ाने वाली खोखली ढकोसली, विश्वासघाती, कुर्सीवादी और पलटीमार सरकार नहीं।
— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) May 9, 2020
नीतीश और उनका स्टेपनी सुशील मोदी बताए, उनके 15 वर्षों के राज में बिहार के हर दूसरे घर से पलायन काहे हुआ?
वहीं, लॉकडाउन में गरीब श्रमिकों की वापसी व उनके हित में खर्च को नाकाफी मानते हुए पूर्व मुख्यमंत्री राबडी देवी ने भी ट्वीट कर कहा है कि नीतीश सरकार द्वारा विज्ञापन पर खर्च के संबंध में मीडिया की एक खबर का हवाला देते हुए लिखा कि सरकारी खजाने में जमा गरीबों का पैसा गरीबों पर खर्च करने में बिहार सरकार को इतना जोर पड रहा है, माने अपने बाप-दादा की जायदाद बेचकर खर्च कर रहे हैं। राबडी देवी ने आगे हमला तेज करते हुए कहा है कि चेहरा चमकाने के लिए 500 करोड़ की विज्ञापन रूपी फेयर एंड लवली खरीदते वक्त नहीं क्यों सोचते?
सरकारी ख़ज़ाने में जमा ग़रीबों का पैसा ग़रीबों पर खर्च करने में बिहार सरकार को इतना ज़ोर पड़ रहा है माने अपने बाप-दादा की जायदाद बेच खर्च कर रहे है। अपना चेहरा चमकाने के लिए 500 करोड़ की विज्ञापन रूपी फ़ेयर & लवली ख़रीदते वक़्त नहीं क्यों सोचते?https://t.co/ItaCh9LSzi
— Rabri Devi (@RabriDeviRJD) May 9, 2020
ऐसे में लालू प्रसाद यादव के द्वारा सवाल पूछे जाने पर सूबे के उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा है कि उन्हें यदि अपना राजकाल याद नहीं है तो कम से कम प्रकाश झा की दो फिल्में गंगाजल और अपहरण को देखना चाहिए। उनको याद आ जाएगा कि उनके समय बिहार में किस तरह से सत्ता चलती थी? सुशील मोदी ने ट्वीट करते हुए लिखा कि लालू-राबडी राज में जहां जातीय नरसंहार और नक्सली उग्रवाद के चलते खेती-किसानी चौपट हुई। वहीं हत्या, लूट और उद्यमियों-व्यवसायियों से फिरौती वसूलने के लिए अपहरण की बढती घटनाओं के चलते व्यापार ठप पड़ गया था।
लालू-राबड़ी राज में जहां जातीय नरसंहार और नक्सली उग्रवाद के चलते खेती-किसानी चौपट हुई, वहीं हत्या, लूट और उद्यमियों-व्यवसायियों से फिरौती वसूलने के लिए अपहरण की बढ़ती घटनाओं के चलते व्यापार ठप पड़ गया था।
— Sushil Kumar Modi (@SushilModi) May 9, 2020
ग्रामीण और शहरी, दोनों अर्थव्यवस्था को ध्वस्त कर लालू प्रसाद ने हर .... pic.twitter.com/mx0uENEMZv
ग्रामीण और शहरी, दोनों अर्थव्यवस्था को ध्वस्त कर लालू प्रसाद यादव ने हर वर्ग के लोगों की रोजी-रोटी छीनी और उनको पलायन के लिए मजबूर कर दिया। लालू प्रसाद यादव को अपने राजपाट की भयावहता याद न हो, तो "गंगा जल" और "अपहरण" फिल्म फिर से देख लें। उप मुख्यमंत्री ने ट्वीट में लिखा है कि राजद काल के बिहार में न अच्छी सड़क थी, न पर्याप्त बिजली, विकास ठप था।
राजद काल के बिहार में न अच्छी सड़क थी, न पर्याप्त बिजली। विकास ठप था। स्कूली शिक्षा चरवाहा विद्यालय के स्तर पर आ गई थी और राजनीतिक पसंद के लोगों को कुलपति बनाकर विश्वविद्यालयों की गुणवत्ता नष्ट कर दी गई थी।
— Sushil Kumar Modi (@SushilModi) May 9, 2020
जिस लालू प्रसाद के कारण लाखों मजदूरों, छात्रों और रोजगार देने ...... pic.twitter.com/OIjHwN2TyL
उन्होंने अपने ट्वीट में ये भी लिखा कि स्कूली शिक्षा चरवाहा विद्यालय के स्तर पर आ गई थी और राजनीतिक पसंद के लोगों को कुलपति बनाकर विश्वविद्यालयों की गुणवत्ता नष्ट कर दी गई थी। जिस लालू प्रसाद के कारण लाखों मजदूरों, छात्रों और रोजगार देने वाले उद्यमियों को बिहार छोड़ना पड़ा, वे खुद बिहारियों की मुसीबत और शर्मिंदगी के सियासी गुनहगार हैं। जिन्हें अपने किए के लिए माफी मांगनी चाहिए, वे जेल से ट्वीट कर सवाल पूछ रहे हैं।